सरकारी अस्पतालों की बजाए इनकी ओर लोगों का रूझान
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। गर्मी का मौसम जलजनित बीमारियों अचानक पैर पसारने लगती हैं और इसकी वजह से कई तरह के रोग पनपने लगते हैं। इन दिनों शायद जिले में चर्म रोगियों की संख्या बढ़ गई है क्योंकि शहर के माॅडल टाउन स्थित बाल भवन के आस-पास कुकरमुते की तरह चर्म रोग अस्पताल खुल गए हैं। एक जगह इतने चर्म रोग अस्पताल खुलने से यह साफ है कि जिले में चर्म रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। मगर इस तथ्य से अभी जिलावासी अनजान हैं, इसलिए गहरी नींद से जाग जाए। सावधान, कहीं आप किसी चर्म रोगी से तो हाथ नहीं मिला रहे।
हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जिले में पर्याप्त स्वास्थ्य संस्थान खोले हैं मगर इसके बाद भी रेवाड़ी शहर में निजी चर्म रोग अस्पताल लगातार बढ़ रहे हैं। इस शहर के लगभग हर कोने में ऐसे अस्पताल संचालकों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। अगर बात पुराने कोर्ट रोड की करें तो यहां चर्म रोग दूर करने का दावा करने वाले निजी अस्पतालों की बहुतायत है। आलम यह है कि ऐसे एक अस्पताल के शुभारंभ कार्यक्रम में तो कुछ माह पूर्व खुद उद्योग मंत्री विपुल गोयल भी पहुंचे। बता दें कि जिले में अधिकांश जगहों पर भूमिगत जल खारा है और इसमें नमक की अधिकता होने की वजह से लोग आरओ का पानी पीने को मजबूर हैं।
सरकारी कार्यालयों के अलावा सरकारी कार्यक्रमों में आरओ का पानी मंगवाया जाता है। जिले में पेयजल व्यवस्था नहरी पानी पर टिकी है। रेवाड़ी शहर के लिए जवाहर लाल नहर के माध्यम से 15 दिन छोड़कर पानी चलाया जाता है और गर्मी के दिनों में शहर की पेयजल
व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पेयजल के अलावा घरेलू कार्याें के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी की गुणवता पर शहर वासियों ने कई बार सवाल उठाए हैं। अगर इनकी कही सच मानी जाए, भूजल की गुणवता देखी जाए तो यह मानव शरीर के लिए चर्म रोग पैदा करने वाली है मगर सरकारी अस्पतालों में चर्म रोग के लिए उपलब्ध इलाज पर जिलावासियों को शायद विश्वास नहीं, इसलिए उनकी दौड़ निजी चर्म रोग अस्पतालों की ओर बढ़ गई है।
माॅडल टाउन इलाके में एचडीएफसी बैंक के आस-पास तो चर्म अस्पतालों की जैसे बाढ़ आ गई है। खास यह है कि इनमें से एक चर्म रोग अस्पताल पर तो मरीजों के मधुमक्खियों की तरह लोगों के पहुंचने की वजह से आयकर विभाग के अधिकारी तक छानबीन कर चुके हैं, हालांकि बात में वह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसी सूरत में बढते चर्म रोग अस्पतालों से साफ है कि शहर में चर्म रोगियों की संख्या बढ़ी है मगर इस रोग से मुक्त लोग अभी इस समस्या से खुद जागरूक नजर नहीं आते। चिकित्सकों के अनुसार चर्म रोग एक-दूसरे को छूने से फैलता है, मगर उसके बावजूद शहर में अक्सर माॅडल टाउन इलाके में लोगों को एक-दूसरे हाथ मिलाते हुए आम देखा जाता है। इसलिए आप सावधान हो जाए और अगली बार किसी व्यक्ति से हाथ मिलने से पहले यह तय कर लें कि कहीं उसे चर्म रोग तो नहीं। इस मामले में सिविल सर्जन डाॅ. कृष्ण कुमार से जिले में निजी चर्म रोग अस्पतालों की कुल संख्या और इस रोग से ग्रस्त बीमारों की संख्या जानने की कोशिश की गई मगर उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो पाया।
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। गर्मी का मौसम जलजनित बीमारियों अचानक पैर पसारने लगती हैं और इसकी वजह से कई तरह के रोग पनपने लगते हैं। इन दिनों शायद जिले में चर्म रोगियों की संख्या बढ़ गई है क्योंकि शहर के माॅडल टाउन स्थित बाल भवन के आस-पास कुकरमुते की तरह चर्म रोग अस्पताल खुल गए हैं। एक जगह इतने चर्म रोग अस्पताल खुलने से यह साफ है कि जिले में चर्म रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। मगर इस तथ्य से अभी जिलावासी अनजान हैं, इसलिए गहरी नींद से जाग जाए। सावधान, कहीं आप किसी चर्म रोगी से तो हाथ नहीं मिला रहे।
हरियाणा सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जिले में पर्याप्त स्वास्थ्य संस्थान खोले हैं मगर इसके बाद भी रेवाड़ी शहर में निजी चर्म रोग अस्पताल लगातार बढ़ रहे हैं। इस शहर के लगभग हर कोने में ऐसे अस्पताल संचालकों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। अगर बात पुराने कोर्ट रोड की करें तो यहां चर्म रोग दूर करने का दावा करने वाले निजी अस्पतालों की बहुतायत है। आलम यह है कि ऐसे एक अस्पताल के शुभारंभ कार्यक्रम में तो कुछ माह पूर्व खुद उद्योग मंत्री विपुल गोयल भी पहुंचे। बता दें कि जिले में अधिकांश जगहों पर भूमिगत जल खारा है और इसमें नमक की अधिकता होने की वजह से लोग आरओ का पानी पीने को मजबूर हैं।
सरकारी कार्यालयों के अलावा सरकारी कार्यक्रमों में आरओ का पानी मंगवाया जाता है। जिले में पेयजल व्यवस्था नहरी पानी पर टिकी है। रेवाड़ी शहर के लिए जवाहर लाल नहर के माध्यम से 15 दिन छोड़कर पानी चलाया जाता है और गर्मी के दिनों में शहर की पेयजल
व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पेयजल के अलावा घरेलू कार्याें के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी की गुणवता पर शहर वासियों ने कई बार सवाल उठाए हैं। अगर इनकी कही सच मानी जाए, भूजल की गुणवता देखी जाए तो यह मानव शरीर के लिए चर्म रोग पैदा करने वाली है मगर सरकारी अस्पतालों में चर्म रोग के लिए उपलब्ध इलाज पर जिलावासियों को शायद विश्वास नहीं, इसलिए उनकी दौड़ निजी चर्म रोग अस्पतालों की ओर बढ़ गई है।
माॅडल टाउन इलाके में एचडीएफसी बैंक के आस-पास तो चर्म अस्पतालों की जैसे बाढ़ आ गई है। खास यह है कि इनमें से एक चर्म रोग अस्पताल पर तो मरीजों के मधुमक्खियों की तरह लोगों के पहुंचने की वजह से आयकर विभाग के अधिकारी तक छानबीन कर चुके हैं, हालांकि बात में वह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ऐसी सूरत में बढते चर्म रोग अस्पतालों से साफ है कि शहर में चर्म रोगियों की संख्या बढ़ी है मगर इस रोग से मुक्त लोग अभी इस समस्या से खुद जागरूक नजर नहीं आते। चिकित्सकों के अनुसार चर्म रोग एक-दूसरे को छूने से फैलता है, मगर उसके बावजूद शहर में अक्सर माॅडल टाउन इलाके में लोगों को एक-दूसरे हाथ मिलाते हुए आम देखा जाता है। इसलिए आप सावधान हो जाए और अगली बार किसी व्यक्ति से हाथ मिलने से पहले यह तय कर लें कि कहीं उसे चर्म रोग तो नहीं। इस मामले में सिविल सर्जन डाॅ. कृष्ण कुमार से जिले में निजी चर्म रोग अस्पतालों की कुल संख्या और इस रोग से ग्रस्त बीमारों की संख्या जानने की कोशिश की गई मगर उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो पाया।
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