इस दिन गुलाम बनने की पुरानी प्रथा का भी जमकर विरोध किया जाता है

महेन्द्रगढ़ :  प्रमोद बेवल 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नारनौल के सचिव लोकेश गुप्ता के निर्देशानुसार और उपमंडल विधिक सेवा समिति के चेयरमैन हिमांशु सिंह के मार्गदर्शन में आज गांव पायगा महेन्द्रगढ़ में आज का दिन राष्ट्रमंडल दिवस दिवस के रूप में मनाया गया ।

इस दिवस के मौके पर स्वयं विधिक सेवक देवेंदर सिंह व अधिवक्ता सत्यवीर ने अपनी उपमंडल विधिक सेवा समिति महेन्द्रगढ़ के फ्रंट ऑफिस की ड्यूटी के दौरान एक कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया ।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल दिवस भारत ही नहीं बल्कि संसार के कई देशों के द्वारा मिलकर मनाया जाता है। पूरे विश्व में राष्ट्रमंडल दिवस प्रतिवर्ष 24 मई को मनाया जाता है। ये दिन उन देशों के बीच मनाया जाता है जो राष्ट्रमंडल देशों की सूची में शामिल होने के लिए निर्धारित सभी शर्तों को मानकर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण इंसानियत और मानवता को बढ़ावा देना है। राष्ट्रमंडल दिवस के दिन सभी सदस्य एक साथ मिलजुल कर रहने एवं हर समस्या को शांति से मिलकर हल करने का रास्ता निकालते हैं । इस दिवस कि शुरुआत के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि संसार में बहुत से देशों पर ब्रिटिश साम्राज्य का राज हुआ करता था, धीरे-धीरे सभी देश आजादी की ओर बढ़ रहे थे। इन देशों को एकत्रित रखने के उद्देश्य से ही राष्ट्रमंडल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी क्योंकि एकता ही इस संसार में शांति कायम कर सकती है ।



इस दिन सभी के द्वारा मानवता एवं सरकार चलाने वाले नए विचारों को अपनाया जाता है और ये विचार समाज के लिए लाभदायक हैं। आप चाहें तो इसमें आप अपने विचार भी दे सकते हैं या फिर किसी संगठन या ग्रुप से जुड़कर राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के प्रयासों में अपना योगदान दे सकते हैं । ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद आजाद देशों को संगठन में रखने के लिए राष्ट्रमंडल दिवस को मनाना शुरू किया गया था । भारत को इस संगठन का काफी महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली सदस्य के रूप में देखा जाता है।हमारा देश राष्ट्रमंडल दिवस के दिन मानवता, शांति एवं साथ मिलकर आगे बढ़ने में काफी दिलचस्पी दिखाता है इस संगठन में हर देश अपनी मर्जी से ही अपना योगदान देता है। राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के पीछे का एक और कारण अपने पूर्वजों के बलिदान को याद करना है जो उन्होंने स्वतंत्रता हासिल करने करने के लिए दिया था । इस दिन गुलाम बनने की पुरानी प्रथा का भी जमकर विरोध किया जाता है।

राष्ट्रमंडल दिवस मनाते हुए उन्होंने कहा की कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति लीगल ऐड के कार्यालय से मुफ्त में कानूनी सलाह तथा सहायता ले सकता है जहां पर महिला, बच्चों, अनुसूचित जाति व जनजाति तथा तीन लाख से कम आय के लोगों को मुफ्त में केस कि पैरवी के लिए वकील दिया जाता है ताकि समाज में शांति कायम की जा सके ।

Post a Comment

0 Comments