धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। शहर में देर शाम मौसम ने करवट ली और बरसात आने
के बाद मौसम रंगीन हो गया। जिला प्रशासन ने बरसात की वजह से लोगों को
होने वाली परेशानियों को दूर करने की दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाए
हैं। हालांकि उपायुक्त अशोक शर्मा ने बिजली और पेयजल के अलावा बरसाती
पानी की निकासी के लिए समय रहते प्रबंध पूर्ण करने के संकेत चुनाव
तैयारियों को लेकर एनआईसी में बुलाई गई प्रैसवार्ता में दिए थे मगर उनका
जमीनी स्तर पर अमल नजर नहीं आता। लोकसभा आम चुनाव के मतदान के बाद से 23
मई को होने वाली मतगणना को लेकर अधिकारी और कर्मचारी वर्ग अभी खुद को
व्यस्त दिखाने की कोशिशों में जुटा है।
इसी सूरत में जिला शिक्षा विभाग में अधिकारी से लेकर कार्यालयीय स्टाफ तक
नियम 134 ए की परीक्षा पास करने वाले बच्चों के अभिभावकों की बात सही ढंग
से नहीं सुन रहे। चूंकि बरसात की वजह से शहर में सफाई व्यवस्था और मल
निकासी नालों की हालात बद से बदतर हो रही है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस
मामले पर चुप्पी साधकर तमाशबीन बने हुए हैं। चूंकि 23 मई को चुनाव परिणाम
आएंगे और 25 मई तक चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए जनता भी अपना मुंह
सीलकर चुप बैठी है। उधर मंगलवार और दो दिन पहले आई बरसात ने जिले में आम
लोगों को परेशान करने के अलावा कुछ नहीं दिया। फिलहाल किसानों ने पिछली
बारिश का लाभ उठाते हुए अपने खेतों में कपास और पशुचारे की बुआई कर दी
है। उधर खरीदी हुई सरसों और गेहूं के उठान के कार्य को तेज करने के लिए
प्रशासन पर बदलते मौसम ने दबाव पैदा कर दिया है। फिलहाल बिठवाना स्थित नई
अनाज मंडी के सामने ट्राॅले देर शाम को सड़क पर देखे जा रहे हैं।
Demo Pic
के बाद मौसम रंगीन हो गया। जिला प्रशासन ने बरसात की वजह से लोगों को
होने वाली परेशानियों को दूर करने की दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाए
हैं। हालांकि उपायुक्त अशोक शर्मा ने बिजली और पेयजल के अलावा बरसाती
पानी की निकासी के लिए समय रहते प्रबंध पूर्ण करने के संकेत चुनाव
तैयारियों को लेकर एनआईसी में बुलाई गई प्रैसवार्ता में दिए थे मगर उनका
जमीनी स्तर पर अमल नजर नहीं आता। लोकसभा आम चुनाव के मतदान के बाद से 23
मई को होने वाली मतगणना को लेकर अधिकारी और कर्मचारी वर्ग अभी खुद को
व्यस्त दिखाने की कोशिशों में जुटा है।
इसी सूरत में जिला शिक्षा विभाग में अधिकारी से लेकर कार्यालयीय स्टाफ तक
नियम 134 ए की परीक्षा पास करने वाले बच्चों के अभिभावकों की बात सही ढंग
से नहीं सुन रहे। चूंकि बरसात की वजह से शहर में सफाई व्यवस्था और मल
निकासी नालों की हालात बद से बदतर हो रही है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस
मामले पर चुप्पी साधकर तमाशबीन बने हुए हैं। चूंकि 23 मई को चुनाव परिणाम
आएंगे और 25 मई तक चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए जनता भी अपना मुंह
सीलकर चुप बैठी है। उधर मंगलवार और दो दिन पहले आई बरसात ने जिले में आम
लोगों को परेशान करने के अलावा कुछ नहीं दिया। फिलहाल किसानों ने पिछली
बारिश का लाभ उठाते हुए अपने खेतों में कपास और पशुचारे की बुआई कर दी
है। उधर खरीदी हुई सरसों और गेहूं के उठान के कार्य को तेज करने के लिए
प्रशासन पर बदलते मौसम ने दबाव पैदा कर दिया है। फिलहाल बिठवाना स्थित नई
अनाज मंडी के सामने ट्राॅले देर शाम को सड़क पर देखे जा रहे हैं।
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