बिना मोबाइल इंटरनैट तथा फोन के जीवन की कल्पना करना बहुत मुश्किल हो गया है


















महेन्द्रगढ़ :  प्रमोद बेवल
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नारनौल के सचिव लोकेश गुप्ता के निर्देशानुसार और उपमंडल विधिक सेवा समिति के चेयरमैन 
हिमांशु सिंह के मार्गदर्शन में आज राजकीय महाविद्यालय महेन्द्रगढ़ में "विश्व हाइपरटेंशन दिवस" व "विश्व दूरसंचार एवं सूचना 
सोसाइटी दिवस" के मौके पर देवेंदर सिंह स्वयं विधिक सेवक ने अपनी फ्रंट आफिस ड्यूटी के
दौरान एक कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया । इस जागरूकता शिविर में विजय सिंह स्वयं विधिक सेवक ने भी हिस्सा लिया ।

उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है । 
इस खास दिन पर लोगों को हाइपरटेंशन के प्रति जागरुक किया जाता है साथ ही उन्हें बताया जाता है कि इस खतरनाक बीमारी 
से कैसे बचाव किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रैशर एक साइलेंट किलर बीमारी है क्योंकि ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी 
लक्षण या संकेत नहीं दिखता है । नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, अंगों का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों
में नाक बहना आदि कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं । हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है जिनमें 
से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में रक्तचाप 140 के पार पहुंच जाता है ।

उन्होंने कहा कि 30 साल की उम्र के बाद हर किसी को हाइपरटेंशन, डायबिटीज या दिल की बीमारी का कोई पारिवारिक इतिहास 
न होने की स्थिति में भी वार्षिक चेकअप करवाना चाहिए  तथा शराब, धूम्रपान को छोड़कर नियमित प्राणायाम व योग करे ।
एक पुरानी कहावत "इलाज से बेहतर है रोकथाम" आज भी सही है । 80 वर्ष की आयु से अधिक जीने के लिए किसी को आदर्श 
स्वास्थ्य मापदंडों को बनाए रखने और एक आदर्श जीवन शैली का पालन करने की आवश्यकता है ।

उन्होंने विश्व दूरसंचार एवं सूचना सोसाइटी दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम 'विश्व दूरसंचार दिवस' 17 मई, वर्ष 1865 
में मनाया गया, लेकिन आज के समय में इसकी शुरुआत वर्ष 1969 में मानी जाती है । इसके अलावा नवम्बर, वर्ष 2006 में टर्की में 
आयोजित कांफ्रेंस के निर्णय अनुसार 'विश्व दूरसंचार' एवं 'सूचना' एवं 'सोसाइटी दिवस', तीनों को एक साथ मनाया जाने लगा ।

दूरसंचार दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और नई प्रौद्योगिकियों द्वारा लाया गया सामाजिक परिवर्तनों की वैश्विक जागरूकता 
बढ़ाने के लिए है तथा दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों सूचना और संचार के बारे में जानकारी देना है । आज के युग में मोबाइल 
फोन और इंटरनेट लोगों की जरूरत बन गयी है । बिना मोबाइल इंटरनैट तथा फोन के जीवन की कल्पना करना बहुत मुश्किल हो गया है ।
दूरसंचार जैसे उपकरण मनुष्‍य के दैनिक जीवन से लेकर कामकाजी जीवन में पूरी तक घुलमिल गये हैं जबकि इसके विपरित जब 
कोई मनुष्‍य किसी से संपर्क करने के लिए लोगों को काफी परेशानी (डाक, तार आदि जैैैैसी सुविधा का इस्‍तेमाल) का सामना करना 
पडता था । लेकिन आजकल मोबाइल और इंटरनेट के द्वारा यह इतना आसान बन गया है। कि व्यक्ति कुछ ही सेकेंड में बहुत 
आराम से अपने दोस्तों, परिवार और सगे संबधियों से बात कर सकता है। यह दूरसंचार की क्रांति ही तो है, जिसके द्वारा भारत के 
अलावा कुछ और भी विकासशील देश इसके द्वारा अपनी अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहे है ।


























इस मौके पर लोगों को कानूनी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा की कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति लीगल ऐड के कार्यालय से मुफ्त में 
कानूनी सलाह तथा सहायता ले सकता है जहां पर महिला , बच्चों, अनुसूचित जाति व जनजाति तथा तीन लाख से कम आय के 
लोगों को मुफ्त में केस कि पैरवी के लिए वकील दिया जाता है  तथा किसी क़ानूनी जानकारी के लिए कार्यालय में 01285 -220052 पर बात कर सकते हैं ।
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