जिला रेवाड़ी में 36 बिना मान्यता वाले स्कूल बंद


3 के खिलाफ शिक्षा विभाग ने दर्ज कराई एफआईआर 
हाईकोर्ट के आदेश पर अमल, 19 जुलाई को अगली तारीख पेशी 


धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। 

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की एकल खंडपीठ में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की ओर से दायर याचिका की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होनी है। इससे पहले शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों को बंद कराने की कार्यवाही अमल में लाई है। 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिला रेवाड़ी में ऐसे 36 निजी स्कूलों के विरूद्ध जमीनी स्तर पर जांच शुरू की। जिले में शिक्षा विभाग ने ऐसे 40 स्कूलों की सूची तैयार की। इनमें से 36 को बंद करा दिया गया है जबकि 3 स्कूलों को बंद करने के निर्देश जारी करने के बावजूद चालू पाए जाने पर उनके खिलाफ पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करा दी गई है। जानकारी के अनुसार इनमें से 4 बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों ने शिक्षा विभाग के नियमानुसार मान्यता के लिए आवेदन करके मान्यता हासिल कर ली है। 

जिन स्कूलों के खिलाफ जिला शिक्षा विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें रेवाड़ी शहर के माडल टाउन इलाके का ओबराय किडर्स गार्डन, बावल क्षेत्र का गांव मंगलेश्वर स्थित संस्कार प्राइमरी स्कूल जबकि गढ़ी स्थित सरस्वती विद्या मिडिल स्कूल शामिल हैं। बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में बिना मान्यता चलने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 

उधर शिक्षा विभाग से इस मुहिम के बाद मान्यता लेने वाले निजी स्कूलों में केएमडी प्राइमरी स्कूल घारूहेड़ा, एसवीएम प्राइमरी स्कूल गढ़ी अलावलपुर और सैनी पब्लिक स्कूल धारूहेड़ा शामिल हैं। इनके अलावा जिले में संचालित अन्य निजी स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त बताए गए हैं। गुडगांव टुडे के अगले अंक में जनहित में उन निजी स्कूलों की सूची प्रकाशित की जाएगी, जिनको विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश मिलने के बाद बंद कराया है। इसके बाद जिले के अभिभावकों और उनके छोटे बच्चों के हित में उन सब स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग से हासिल करने के प्रयास जारी हैं। उधर प्रदेश के अन्य जिलों में भी बगैर मान्यता वाले निजी स्कूलों को बंद कराने की मुहिम जारी है। 

उधर जिले में प्ले एकडमी और प्ले स्कूल के नाम से भी निजी शिक्षण संस्थाएं चल रही हैं मगर शिक्षा विभाग का ध्यान अभी इनकी ओर नहीं है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षण संस्थाओं को भी बंद कराता है या फिर इनको विभागीय मिलीभगत से चालू रखने की अनुमति मिल जाती है। 
उधर इस मामले पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार गौरिया ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश पर बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 36 निजी स्कूल बंद करा दिए गए हैं जबकि 3 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। 

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