धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।
सचिवालय सभागार में बुधवार को जिला के रेडियोलोजिस्ट व अल्ट्रासांउड केन्द्र चलाने वाले संचालको की बैठक आहुत की गई। जिसकी अध्यक्षता एडीसी प्रदीप दहिया ने की। इस बैठक का उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार लाना व लडका-लडकी के मामले में संवेदनशील बनाना था। एडीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि निजी व सरकारी अस्पताल जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए मिलकर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, हरियाणा कन्या कोष, आपकी बेटी-हमारी बेटी जैसी अनेको योजनाएं लागू की गई ताकि समाज के लोगों को उनका पूरा लाभ मिल सके और लोग कन्याओं को बोझ न समझे। इस बैठक में बताया गया कि जिला में 73 अल्ट्रासांउड केन्द्र पंजीकृत है जिसमें से 34 केन्द्र कार्यरत है। उन्होंने कहा कि जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए हमे और अधिक मेहनत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने व करवाने वाले दोनों को ही सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी जनमानस को इस बारे में कोई सूचना मिलती है तो वह सिविल सर्जन कार्यालय में लिखित, मौखिक व दूरभाष के द्वारा सूचना दे सकता है, उसका नाम व पत्ता गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर सूचना सही पाई जाती है तो इस बारे में सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एक लाख रूपये का ईनाम का प्रावधान है। इस बैठक में पीसी पीएनडीटी एक्ट के बारे में कि कौन अल्ट्रासांउड कर सकता है, कौन रजिस्ट्रेशन करा सकता है तथा सजा के प्रावधान है के बारे में विस्तार से बताया गया। गौरतलब है कि जिला में वर्ष 2019 में लिंगानुपात जनवरी माह में 922, फरवरी माह में 914, मार्च माह में 916, अप्रैल में 924, मई में 875 रहा जबकि वर्ष 2018 में जिला में लिंगानुपात औसतन 913 रहा तथा वर्ष 2017 में जिला में लिंगानुपात औसतन 893 रहा। इस अवसर पर सीएमओ डॉ कृष्ण कुमार, पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ संजय, उप-सिविल सर्जन डॉ अशोक, आईएमए प्रधान डॉ नरेन्द्र सिंह यादव, डॉ शिवरतन यादव, डॉ सीमा मित्तल, डॉ पवन गोयल व जिला में चला रहे अल्ट्रासाउंड व रेडियोलोजिस्ट भी उपस्थित रहें।
सचिवालय सभागार में बुधवार को जिला के रेडियोलोजिस्ट व अल्ट्रासांउड केन्द्र चलाने वाले संचालको की बैठक आहुत की गई। जिसकी अध्यक्षता एडीसी प्रदीप दहिया ने की। इस बैठक का उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार लाना व लडका-लडकी के मामले में संवेदनशील बनाना था। एडीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि निजी व सरकारी अस्पताल जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए मिलकर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, हरियाणा कन्या कोष, आपकी बेटी-हमारी बेटी जैसी अनेको योजनाएं लागू की गई ताकि समाज के लोगों को उनका पूरा लाभ मिल सके और लोग कन्याओं को बोझ न समझे। इस बैठक में बताया गया कि जिला में 73 अल्ट्रासांउड केन्द्र पंजीकृत है जिसमें से 34 केन्द्र कार्यरत है। उन्होंने कहा कि जिला में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए हमे और अधिक मेहनत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन करने व करवाने वाले दोनों को ही सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अगर किसी जनमानस को इस बारे में कोई सूचना मिलती है तो वह सिविल सर्जन कार्यालय में लिखित, मौखिक व दूरभाष के द्वारा सूचना दे सकता है, उसका नाम व पत्ता गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर सूचना सही पाई जाती है तो इस बारे में सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एक लाख रूपये का ईनाम का प्रावधान है। इस बैठक में पीसी पीएनडीटी एक्ट के बारे में कि कौन अल्ट्रासांउड कर सकता है, कौन रजिस्ट्रेशन करा सकता है तथा सजा के प्रावधान है के बारे में विस्तार से बताया गया। गौरतलब है कि जिला में वर्ष 2019 में लिंगानुपात जनवरी माह में 922, फरवरी माह में 914, मार्च माह में 916, अप्रैल में 924, मई में 875 रहा जबकि वर्ष 2018 में जिला में लिंगानुपात औसतन 913 रहा तथा वर्ष 2017 में जिला में लिंगानुपात औसतन 893 रहा। इस अवसर पर सीएमओ डॉ कृष्ण कुमार, पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ संजय, उप-सिविल सर्जन डॉ अशोक, आईएमए प्रधान डॉ नरेन्द्र सिंह यादव, डॉ शिवरतन यादव, डॉ सीमा मित्तल, डॉ पवन गोयल व जिला में चला रहे अल्ट्रासाउंड व रेडियोलोजिस्ट भी उपस्थित रहें।
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