अब राज्य में आरटीआइ का बढ़ गया दायरा
CHANDIGARH :AB TEAM
प्रदेश की सभी खेल एसोसिएशन, प्राइवेट स्कूल, महाविद्यालय, निजी धर्मशालाएं व सभी पंजीकृत संस्थाएं अब आरटीआइ (सूचना का अधिकार) कानून के दायरे में आ गई हैं। इन संस्थाओं के बारे में सवाल उठते रहे हैं कि जनता के हितों से ये खिलवाड़ कर रही हैं। अभिभावकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है, लेकिन आरटीआइ के दायरे में आने के बाद उनकी जवाबदेही तय हो गई है। संस्था की कोई भी जानकारी विद्यार्थी, खिलाड़ी, अभिभावक या कोई अन्य कभी भी कोई भी आवेदन के साथ 10 रुपये फीस संस्था के प्रधान या सचिव को देकर सूचना मांग सकते हैं।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त एवं वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एकमात्र आयकर छूट प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) एवं भारतीय शतरंज संघ (एआईसीएफ) के नेशनल महासचिव कुलदीप ने बताया कि हमें हाई कोर्ट के आदेशों की प्रति मिल गई है। इस बारे में पब्लिक नोटिस जारी कर दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने सीडब्ल्यूपी (सिविल रिट पिटीशन) केस नंबर 11467 के मामले में यह फैसला सुनाया है तथा जुलाई माह से इसे हर हाल में लागू करने के आदेश दिए है। फैसले की प्रति राज्य सरकार और राज्य सूचना आयोग को भी भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में जितनी भी पंजीकृत संस्थाएं हैं उनको स्टेट पब्लिक इंफॉरमेशन आफिसर नियुक्त करने होंगे। जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति नही की गई तो संस्था के प्रधान और सचिव को स्टेट पब्लिक इंफॉरमेशन आफिसर नियुक्त माना जाएगा। कोई व्यक्ति पंजीकृत संस्थाओं से जुड़ी किसी भी प्रकार की सूचना आरटीआइ से मांग सकता है। वे अपनी जवाबदेही में कोताही बरतते हैं तो जन सूचना अधिकार के तहत उन पर जुर्माना होगा। जुर्माने के साथ मांगी गई सूचना भी देनी होगी।
नेशनल महासचिव कुलदीप ने बताया कि प्रदेश के सभी खेल संघ भी अब आरटीआइ के दायरे में आ चुके हैं। यह पारदर्शिता और जवाबदेही के मामले में हाई कोर्ट का बहुत ही सराहनीय फैसला है। हम फैसले का स्वागत करते हैं। अब कोई खिलाड़ी किसी भी खेल संघ, एसोसिएशन आदि से कोई भी सूचना आरटीआई के माध्यम से मांग सकता है।
हाई कोर्ट के आदेश की प्रति इनको भेजी -
* चीफ सेक्रेटरी हरियाणा
* रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सोसाइटी हरियाणा
* राज्य सरकार और राज्य सूचना आयोग हरियाणा
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 से ज्यादा मान्यता प्राप्त राज्य खेल संघों के अलावा सैकड़ों गैर मान्यता प्राप्त खेल संघ, लगभग 13 हजार मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल हैं। इसके अलावा सभी प्रकार की पंजीकृत संस्थाएं, धर्मशालाएं, पंजीकृत छोटे बड़े उद्योग, पंजीकृत विभिन्न संगठन, ट्रस्ट, शिक्षा अकादमी, कोचिंग सेंटर, खेल अकादमी, रिहायशी कालोनी वेलफेयर एसोसिएशन आदि सभी तरह की समितियों को अब जन सूचना अधिकार 2005 के तहत आरटीआई का जवाब देना होगा।
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प्रदेश की सभी खेल एसोसिएशन, प्राइवेट स्कूल, महाविद्यालय, निजी धर्मशालाएं व सभी पंजीकृत संस्थाएं अब आरटीआइ (सूचना का अधिकार) कानून के दायरे में आ गई हैं। इन संस्थाओं के बारे में सवाल उठते रहे हैं कि जनता के हितों से ये खिलवाड़ कर रही हैं। अभिभावकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है, लेकिन आरटीआइ के दायरे में आने के बाद उनकी जवाबदेही तय हो गई है। संस्था की कोई भी जानकारी विद्यार्थी, खिलाड़ी, अभिभावक या कोई अन्य कभी भी कोई भी आवेदन के साथ 10 रुपये फीस संस्था के प्रधान या सचिव को देकर सूचना मांग सकते हैं।
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त एवं वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एकमात्र आयकर छूट प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) एवं भारतीय शतरंज संघ (एआईसीएफ) के नेशनल महासचिव कुलदीप ने बताया कि हमें हाई कोर्ट के आदेशों की प्रति मिल गई है। इस बारे में पब्लिक नोटिस जारी कर दिया है। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने सीडब्ल्यूपी (सिविल रिट पिटीशन) केस नंबर 11467 के मामले में यह फैसला सुनाया है तथा जुलाई माह से इसे हर हाल में लागू करने के आदेश दिए है। फैसले की प्रति राज्य सरकार और राज्य सूचना आयोग को भी भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में जितनी भी पंजीकृत संस्थाएं हैं उनको स्टेट पब्लिक इंफॉरमेशन आफिसर नियुक्त करने होंगे। जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति नही की गई तो संस्था के प्रधान और सचिव को स्टेट पब्लिक इंफॉरमेशन आफिसर नियुक्त माना जाएगा। कोई व्यक्ति पंजीकृत संस्थाओं से जुड़ी किसी भी प्रकार की सूचना आरटीआइ से मांग सकता है। वे अपनी जवाबदेही में कोताही बरतते हैं तो जन सूचना अधिकार के तहत उन पर जुर्माना होगा। जुर्माने के साथ मांगी गई सूचना भी देनी होगी।
नेशनल महासचिव कुलदीप ने बताया कि प्रदेश के सभी खेल संघ भी अब आरटीआइ के दायरे में आ चुके हैं। यह पारदर्शिता और जवाबदेही के मामले में हाई कोर्ट का बहुत ही सराहनीय फैसला है। हम फैसले का स्वागत करते हैं। अब कोई खिलाड़ी किसी भी खेल संघ, एसोसिएशन आदि से कोई भी सूचना आरटीआई के माध्यम से मांग सकता है।
हाई कोर्ट के आदेश की प्रति इनको भेजी -
* चीफ सेक्रेटरी हरियाणा
* रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सोसाइटी हरियाणा
* राज्य सरकार और राज्य सूचना आयोग हरियाणा
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 से ज्यादा मान्यता प्राप्त राज्य खेल संघों के अलावा सैकड़ों गैर मान्यता प्राप्त खेल संघ, लगभग 13 हजार मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल हैं। इसके अलावा सभी प्रकार की पंजीकृत संस्थाएं, धर्मशालाएं, पंजीकृत छोटे बड़े उद्योग, पंजीकृत विभिन्न संगठन, ट्रस्ट, शिक्षा अकादमी, कोचिंग सेंटर, खेल अकादमी, रिहायशी कालोनी वेलफेयर एसोसिएशन आदि सभी तरह की समितियों को अब जन सूचना अधिकार 2005 के तहत आरटीआई का जवाब देना होगा।
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