हरियाणा की मनोहर सरकार दंत चिकित्सकों को जल्द दे इंसाफ


लंबित मांगों को जल्द स्वीकार किया जाए 

धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। 
हरियाणा की भाजपा नेतृत्व वाली मनोहर लाल सरकार से दंत चिकित्सक इन दिनों नाराज हैं, जिसकी वजह इनकी लंबित मांगों को स्वीकार नहीं किया जाना है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री ने 2014 में दंत चिकित्सकों की मांगें मानी मगर उसके बावजूद अब तक स्थिति जस की तस है। खास बात यह है कि दंत सर्जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर मानव के मुंह और सामान्य स्वास्थ्य की जांच करते हैं। मुंह के कैंसर की जांच भी इनकी सेवाओं में शामिल है, जोकि भारत में सर्वाधिक पाया जाता है। 

नूंह और पलवल जैसे जिलों में दन्तक सर्जन ओपीडी के अलावा पीएचसी पर केंद्र प्रभारी की सेवाएं भी दे रहे हैं। कुछ जगह पर इन्हें डीडीओ भी तैनात किया हुआ है, जिनमें सीएचसी कनीना, सीएचसी अलेवा, जींद, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, जन्म/मृत्यु रजिस्ट्रार, पीएनडीटी टीम सदस्य, एनसीडी प्रोग्राम, आयुष्मान भारत परियोजना के नोडल अधिकारी की सेवाएं भी शामिल हैं। जिलास्तर पर इन चिकित्सकों को उम्र की जांच करने वाले मेडीकल बोर्ड का सदस्य, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए मेडीकल बोर्ड सदस्य, राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे पल्स पोलियो, कृमिनाशक को भी लागू कराना इनकी सेवाओं में शामिल है। 

बता दें कि हरियाणा सिविल डेंटल सर्जन एसोसिएशन 2009 से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपनी बात रखती रही है। कई बार मांग पत्र भी भेजे गए मगर दंतक चिकित्सकों केा इंसाफ नहीं मिला। यह स्थिति तब है जब खुद 2014 में मुख्यमंत्री इनकी मांगों को मान चुके हैं मगर इन चिकित्सकों की निगाहें सरकार और मुख्यमंत्री की ओर लगी हुई हैं, कि आखिर वे कब उनकी मांगों को लागू करने की घोषणा करेंगे। अहम बात यह है कि वित विभाग भी इनकी लंबित मांगों को सिरे चढाने में रूचि नहीं ले रहा। 
उक्त एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. इंद्रजीत यादव के अनुसार एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में दंतक सर्जन का पदनाम बदलकर मेडीकल आफिसर (डेंटल) रखना

एंट्री लेवल पे स्केल 15600-39100 जमा गे्रड पे 5400 एवं तीन एसीपी 5, 10, 15 साल की सेवा पूर्ण करने पर 3 एसीपी शतप्रतिशत कैडर को मिले। पदौन्नति वाले डिप्टी सिविल सर्जन (डेंटल) पर जिला स्तर पर एवं डिप्टी डायरेक्टर (डेंटल) पद राज्य मुख्यालय पर सृजित किया जाए। एमडीएस को सेवा में प्रवेश के लिए 6 पी.जी. इंक्रीमेंट मिले। नूंह, मेवात में काम करने वाले दंतक सर्जन को विशेष भत्ता दिया जाए। प्रधान इंद्रजीत यादव ने कहा कि हरियाणा के पड़ोसी राज्यों हिमाचल, राजस्थान, पंजाब और केंद्र सरकार के सभी दंतक सर्जनों को 4 एसीपी, 4, 9, 13, 20 साल की सरकारी सेवा पूर्ण करने पर दी जा रही हैं। जबकि हरियाणा में केवल 3 एसीपी वो भी 5, 11, 17 साल की सेवा पूर्ण करने पर प्रदान की जाती हैं। 2 एसीपी 25 प्रतिषत कैडर को एवं 3 एसीपी 20 फीसदी कैडर को दी जाती है जोकि हरियाणा में अपनी सेवाएं दे रहे दंतक सर्जनों के साथ घोर नाइंसाफी है। केन्द्र सरकार में 4 से 5 पदौन्नति दी जाती हैं जबकि हरियाणा में 18 साल के सेवा काल पर एक पदौन्नति मिलती है, इसलिए अधिकांश दंतक चिकित्सक दंतक सर्जन सेवाएं संभालते हैं और इसी पद से सेवामुक्त हो जाते हैं। 

यादव के अनुसार इसके बावजूद डेंटल सर्जन को 5-10-15 साल की सेवा पूर्ण होने पर शत प्रतिशत कैडर को 3 एसीपी भी नहीं दी जा रही, जोकि इनके साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करती है कि दंतक सर्जनों की लंबित मांगों को जल्द पूरा करके उन्हें लागू करने की घोषणा की जाए ताकि दंत चिकित्सक पूरे उत्साह से पंक्ति के अंत में खड़े व्यक्ति तक अपनी सेवाओं का लाभ पहुंचा सकें। अगर सरकार ने जल्द इस संबंध में ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो ये चिकित्सक कोई नई रणनीति बनाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। 

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