हमीदिया महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा व्याख्यान आयोजित
शुभम चौहान :भोपाल
सारी दुनिया एक समाज है,और दुनिया में सभी समस्याएं एक सी दिखाई देती है। अगर हम तुलना करेंगे तो पाएंगे कि जिस रफ्तार से भौतिक उन्नति हुई है उतनी ही तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है यही कारण है कि सभी जगह अधिकारों की लड़ाई लड़ी जा रही है और कोई भी कर्त्तव्यों के निर्वहन पर ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए समाज में वर्ग संघर्ष बढ़ रहा है यह विचार शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं जन संगठन दृष्टि व निर्दलीय प्रकाशन के सहयोग से आयोजित व्याख्यान में छत्तीसगढ़ से आएं वरिष्ठ मौलिक विचारक एवं समाजसेवी बजरंग मुनि ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आज परिवार और समाज व्यवस्था टूट रही है। शिक्षा का विस्तार तो हो रहा है लेकिन धीरे-धीरे ज्ञान का स्तर घट रहा है यह चिंतन का विषय है।अंत में आह्वान करते हुए कहा कि एक आर्दश समाज में विमर्श सदैव होता रहना चाहिए क्योंकि तर्कशक्ति डिबेट से ही विकसित होती है इसलिए शराफत छोड़कर समझदार बनने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ.पीके जैन ने कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए इस तरह के वैचारिक आयोजन संस्थाओं में निरंतर होते रहना चाहिए क्योंकि इन्हीं गतिविधियों के माध्यम से छात्रों का समग्र विकास एवं दूरगामी दृष्टिकोण विकसित होता है। संचालन शुभम चौहान,स्वागत उद्बोधन अभिषेक अज्ञानी एवं आभार जिला संगठक डॉ. आर एस नरवरिया ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव,गांधीवादी चिंतक कैलाश आदमी,अभ्युदय द्विवेदी,विभागाध्यक्ष डॉ.विकास ऊलकर,कार्यक्रम अधिकारी डॉ.आर पी शाक्य,डॉ.विनीता चौधरी,डॉ.पवन पंडित,डॉ. ममता एक्का,डॉ.सुधीर कुमार शर्मा,डॉ.अपराजिता शर्मा,केके अग्रवाल,डॉ.शिवानी कापसे, गोविंद चौरसिया सहित प्राध्यापक एवं छात्र उपस्थित रहे।
ज्ञातव्य है कि 80 वर्षीय श्री मुनि उत्तर भारत के राज्यों की दो माह लम्बी ज्ञान यज्ञ की यात्रा पर निकले हुए हैं।वें अपने इस यात्रा के तहत सागर में सभा को संबोधित करने के बाद भोपाल पहुंचे थे और यहां से उज्जैन के लिए रवाना हो गए।
शुभम चौहान :भोपाल
सारी दुनिया एक समाज है,और दुनिया में सभी समस्याएं एक सी दिखाई देती है। अगर हम तुलना करेंगे तो पाएंगे कि जिस रफ्तार से भौतिक उन्नति हुई है उतनी ही तेजी से नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है यही कारण है कि सभी जगह अधिकारों की लड़ाई लड़ी जा रही है और कोई भी कर्त्तव्यों के निर्वहन पर ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए समाज में वर्ग संघर्ष बढ़ रहा है यह विचार शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं जन संगठन दृष्टि व निर्दलीय प्रकाशन के सहयोग से आयोजित व्याख्यान में छत्तीसगढ़ से आएं वरिष्ठ मौलिक विचारक एवं समाजसेवी बजरंग मुनि ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आज परिवार और समाज व्यवस्था टूट रही है। शिक्षा का विस्तार तो हो रहा है लेकिन धीरे-धीरे ज्ञान का स्तर घट रहा है यह चिंतन का विषय है।अंत में आह्वान करते हुए कहा कि एक आर्दश समाज में विमर्श सदैव होता रहना चाहिए क्योंकि तर्कशक्ति डिबेट से ही विकसित होती है इसलिए शराफत छोड़कर समझदार बनने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ.पीके जैन ने कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए इस तरह के वैचारिक आयोजन संस्थाओं में निरंतर होते रहना चाहिए क्योंकि इन्हीं गतिविधियों के माध्यम से छात्रों का समग्र विकास एवं दूरगामी दृष्टिकोण विकसित होता है। संचालन शुभम चौहान,स्वागत उद्बोधन अभिषेक अज्ञानी एवं आभार जिला संगठक डॉ. आर एस नरवरिया ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव,गांधीवादी चिंतक कैलाश आदमी,अभ्युदय द्विवेदी,विभागाध्यक्ष डॉ.विकास ऊलकर,कार्यक्रम अधिकारी डॉ.आर पी शाक्य,डॉ.विनीता चौधरी,डॉ.पवन पंडित,डॉ. ममता एक्का,डॉ.सुधीर कुमार शर्मा,डॉ.अपराजिता शर्मा,केके अग्रवाल,डॉ.शिवानी कापसे, गोविंद चौरसिया सहित प्राध्यापक एवं छात्र उपस्थित रहे।
ज्ञातव्य है कि 80 वर्षीय श्री मुनि उत्तर भारत के राज्यों की दो माह लम्बी ज्ञान यज्ञ की यात्रा पर निकले हुए हैं।वें अपने इस यात्रा के तहत सागर में सभा को संबोधित करने के बाद भोपाल पहुंचे थे और यहां से उज्जैन के लिए रवाना हो गए।
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