धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। डिजिटल इंडिया के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में हरियाणा ने देशभर में अव्वल स्थान हासिल किया है। हरियाणा को अन्य राज्यों से आगे रखने में एनआईसी (राष्टड्ढ्रीय सूचना केंद्र) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके लिए सीएमजीजीए (मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी) कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने आज डिजिटल इंडिया की चैथी सालगिरह पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान रेवाडी के अधिकारियों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्घांत को हरियाणा एनआईसी के प्रयासों के बिना संभव नहीं था।
एनआईसी हरियाणा द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर डिजिटल इंडिया की चैथी सालगिरह पर सभी जिलों के एनआईसी अधिकारियों व कर्मचारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राज्य सूचना-विज्ञान अधिकारी दीपक बंसल ने उन योजनाओं की जानकारी दी जिन्हें क्रियान्वित करने में हरियाणा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों का रजिस्ट्रेशन करने में हरियाणा देश के अन्य सभी राज्यों से आगे रहा। इस योजना के तहत 90 प्रतिशत से अधिक किसानों को उनकी पहली दो किश्तें मिल चुकी हैं। इसी प्रकार सरल परियोजना के माध्यम से एक ही छत के नीचे 37 विभागों की 493 सेवाएं व योजनाएं आमजन को उपलब्ध करवाने वाला भी हरियाणा प्रथम राज्य है। नीति आयोग ने भी हरियाणा के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे अपने यहां लागू करने का फैसला लिया है। नीति आयोग द्वारा इस परियोजना का अध्ययन किया जा रहा है। आधार आधारित जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाला भी हरियाणा पहला राज्य है। वाहन व सारथी की 45 सेवाएं भी भी ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही हंै।
उन्होंने बताया कि ई-पीडीएस (इलेक्ट्रोनिक-सार्वजनिक वितरण प्रणाली) को लागू करने में भी हरियाणा अन्य प्रदेशों से अव्वल है। इसके माध्यम से डुप्लीकेट उपभोक्ताओं को हटाकर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है। डिजिटल लॉकर पर स्टेट सर्विसिज जैसे डोमिसाइल, जाति प्रमाण पत्र आदि सेवाओं को उपलब्ध करवाने वाला भी हरियाणा पहला राज्य है। कर्मचारियों को जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने वाला भी हरियाणा प्रथम प्रदेश है। राजस्व विभाग में ई-स्टांपिंग प्रणाली को लागू करने में भी हरियाणा सर्वोपरि राज्य है। इसी प्रकार आधार आधारित उपस्थिति (एईबीएएस) दर्ज करने वाला भी हरियाणा पहला राज्य है। हरियाणा में ट्रेजरी को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। हरियाणा द्वारा विकसित की गई इस प्रणाली को पंजाब, कर्नाटक, असम व मेघालय की प्रदेश सरकारों द्वारा भी अपनाया गया है। कर्मचारियों के विवादों का समाधान करने के लिए हरियाणा में लिटिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया गया है। अब सभी कोर्ट केस एक ही वेबसाइट पर उपलब्ध है। हरियाणा में ऑनलाइन ड्रग मोनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया गया है जिसे कई अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया है।
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