निजी शिक्षण संस्थान खेल रही है बच्चों की जिन्दगी से खेल, जिला कलेक्टर के आदेश हुए हवाहवाई

विशेष पड़ताल में सामने आया पूरा सच 
किस प्रकार निजी शिक्षण संस्थान कर रहे है लापरवाही देखिए

Ramesh Ramawat:Jhunjhunu: चिड़ावा के निजी शिक्षण संस्थान अध्यनरत बच्चों की जिन्दगी से खेल खेल रहे है। जी हां, विशेष पड़ताल में ये सच सामने आया है। जिसमें निजी शिक्षण संस्थान बच्चों को स्कूल बस में पशुओं की तरह भरकर ले जाते है। ना ही इन निजी शिक्षण संस्थाओं की बसों की फीटनेश सहीं है और जो स्कूल वाहिनी है वो भी काफी पुरानी है। बच्चों के बैठने के तक सुविधा बसो में नहीं है, बस में बच्चे खड़े होकर जाते है।

जिला कलेक्टर रवी जैन ने गत दिनो ही आदेश दिये थे कि निजी शिक्षण संस्थान के स्कूल वाहिनी की फिटनेश सही हो और ज्यादा पुरानी स्कूल  वाहिनी न हो। क्षमता से ज्यादा बच्चों को स्कूल  वाहिनी न लेकर जाए। वैसे तो वादा किया जा रहा है कि परिवहन विभाग ने एक अभियान चलाकर इस पर काईवाई भी की है। लेकिन परिहवन विभाग की इस काईवाई की पोल भी खुल गई है। वो काईवाई सिर्फ कागजो तक ही सीमित रह गई है। धडल्ले से चिड़ावा में निजी शिक्षण संस्थान उन्हीं बाल वाहिनी का इस्तेमाल कर रहे है कि जिनकी फिटनेश सहीं नहीं है या फिर पुरानी वाहिनी से ही बच्चों को छोड़ा जा रहा है।

पड़ताल में जो तस्वीरे आई है उनमें सबसे पहली तस्वीर है चिड़ावा में संचालित लोहिया स्कूल की है। जहां स्कूल की बाल वाहिनी में बस की खिड़कियों में लटकर जा रहे है। इन तस्वीरो से लगता है कि इस स्कूल को सरकार के आदेश कोई मयाने नहीं रखते है। ना ही बच्चों की जान की कोई परवाह है। यहां तक की जो बसे इस स्कूल की ओर से चलाई जा रही है उन बसों में स्कूल का नाम तक अंकित नहीं कर रखा है।  इस स्कूल की बाल वाहिनी में क्षमता से ज्यादा बच्चों को बस में घूसकर ले जाया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि काईवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती होती है या फिर कोई काईवाई भी होती है।

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