पौने पांच साल बाद भी घोषणाओं के सहारे सरकार, कुछ के शिलान्यास, तो कुछ कागजों में

पौने 5 साल कार्यकाल के बाद भी नहीं चढ़ पाई सिरे 
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।

प्रदेश में भाजपा सरकार बने लगभग पौने पांच साल का समय हो गया। इस कार्यकाल में मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खटटर उपमण्डल कोसली में दो बार आए। पहली बार कोसली आने पर सीएम ने कोसल के लोगों को ढेर सारी परियोजनाओं की सौगातों का पिटारा हाथों में देकर वाहवाही लूटने का काम किया मगर उनमें से एक भी घोषणा पौने 5 बीतने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई।
उधर करीब दो माह पहले वोट मांगने आए मुख्यमंत्री की बात सुनकर लोगों ने इस आशा के साथ भाजपा को वोट दिए कि कोसली में सीएम की घोषणाओं पर शायद काम होगा मगर लोगों को निराशा के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। कोसली विधानसभा की कई योजनाओं के सिर्फ शिलान्यास हुए तो कई अभी कागजों में ही सीमित हैं। अब सरकार का कार्यकाल चंद माह रह गया है, ऐसे में सरकार अपनी कितनी घोषणाओं को पूरा करा पाती है, यह देखने वाली बात होगी। उधर कोसली विधायक का दावा है कि सरकार की घोषणाएं जल्द पूरी होंगी।
इनके केवल उदघाटन: मुख्यमन्त्री ने कोसली विधानसभा के गांव लूला अहीर (कृष्ण नगर) में भगत फुलसिहं विश्वविधालय सोनीपत का रीजनल सेंटर के भवन बनाने की घोषणा की थी, मगर इसका निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ। और यह गांव के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन में चल रहा है, जहां बहुत कम छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। कोसली विधायक के अनुसार तीन साल पहले इस भवन के लिए धनराशि सरकार ने आवंटित की मगर भवन का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया। 

इन पर काम होना बाकी : नाहड़, पालावास में सब तहसील तो बनी मगर इनके अब तक भवन नहीं बन पाए। विधायक के गांव शहादत्तनगर में नर्सिंग कालेज की घोषणा सीएम ने की थी मगर अब तक कुछ नहीं हुआ। कोसली में रेल लाइन पर ओवर ब्रिज के साथ में अंडरपास बनवाए जाने की घोषणा हुई थी मगर वह भी अभी अधूरी है। कोसली में लाॅ कालेज व भाकली में जेबीटी कालेज की घोषणा अब तक कागजों में चल रही है। 

विधायक बोले : मनोहर सरकार के पौने पांच साल के कार्यकाल और विकास कार्याें को लेकर स्थानीय भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री विक्रम यादव का कहना है कि सीएम ने कोसली विधानसभा के लिए जो घोषणाएं की, उनमें से कुछ पर काम शुरू हो गया है जबकि कुछ पर शुरू होने वाला है। सभी घोषणाओं पर काम शुरू कराने के प्रयास चल रहे हैं। 

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