धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एमएचआरडी के संयुक्त सचिव मधु रंजन कुमार के नेतृत्व में नीति आयोग के उप-सचिव डी. बंधोपाध्याय व तकनीकी अधिकारी सिमेर की टीम ने आज एडीसी प्रदीप दहिया, सीईओ जिला परिषद वकील अहमद, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता राकेश सैनी, मुक्चयमंत्री सुशासन सहयोगी सुमित चैधरी, ईओ नगर परिषद मनोज यादव, डीएफओ सुंदर लाल के साथ बडा तालाब रेवाडी, मीरपुर विश्वविद्यालय व चिल्हड गांव का दौरा किया तथा यहां पर जल संचय व पौधारोपण के लिए किये जा रहे कार्यो का निरीक्षण किया।
बडा तालाब का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा जल संचय के लिए जो कार्य किया जा रहा है वह जल्द से जल्द पूरा हो। उन्होंने बडा तालाब का निरीक्षण करते हुए इसमें जल स्त्रोतों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोत व जल संरक्षण के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यो के दूरगामी परिणाम होगें। उन्होंने कहा कि जल की बर्बादी न हो तथा इसका सही प्रयोग हो इसके लिए युवा पीढी को प्रेरित करें।
चिल्हड गांव के तालाब से डी वाटरिंग के कार्य को भी उन्होंने देखा तथा ग्रामीणों से इस संदर्भ में बात की तथा इस पानी को किस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है उसकी संभावनाओं को भी तलाशने के लिए कहा। इससे पूर्व संयुक्त सचिव मधु रंजन कुमार की अध्यक्षता में लोक निर्माण विश्राम गृह में बैठक हुई जिसमें रेवाडी जिला के तीन खण्ड नामतरू खोल, नाहड व रेवाडी तथा शहरी क्षेत्र में बडा तालाब, सोलहराही, सेक्टर 3 व 4 में सामुदायिक सभागार में बरसाती जल का संरक्षण तथा 40 अन्य जगहों पर जल संरक्षण स्थानों पर जल संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यो के बारे में समीक्षा की। संयुक्त सचिव ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जन शक्ति फोर जल शक्ति अभियान के तहत जिला में जल संरक्षण के लिए अनेक गतिविधियां शुरू की गई हैं। जल एक सामुहिक धन है हम सबको एक जुट होकर इसका सरंक्षण करना है।
इसके लिए सितंबर माह तक लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि रेवाडी जिले के तीन खण्ड व शहर के बडा तालाब व अन्य जगह पर जल के जो पुराने स्त्रोत है उनका जीर्णोद्वार किया जाए। उन्होंने बताया कि देश के 255 जिलो को जल की स्थिति जानने के लिए चिह्निड्ढत किया है जिनमें रेवाडी जिला भी एक है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में विभिन्न विभागों का समन्वय कर जल सरंक्षण के लिए जोडकर इन्हें जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो बोरवैल कार्य कर रहे है तथा जो कार्य नहीं कर रहे है उनका डाटा तैयार करे तथा जो कार्य नहीं कर रहे है उनको ठीक करवाए। उन्होंने इस मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कार्य के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जाए।
बडा तालाब का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा जल संचय के लिए जो कार्य किया जा रहा है वह जल्द से जल्द पूरा हो। उन्होंने बडा तालाब का निरीक्षण करते हुए इसमें जल स्त्रोतों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जल स्त्रोत व जल संरक्षण के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यो के दूरगामी परिणाम होगें। उन्होंने कहा कि जल की बर्बादी न हो तथा इसका सही प्रयोग हो इसके लिए युवा पीढी को प्रेरित करें।
चिल्हड गांव के तालाब से डी वाटरिंग के कार्य को भी उन्होंने देखा तथा ग्रामीणों से इस संदर्भ में बात की तथा इस पानी को किस प्रकार प्रयोग किया जा सकता है उसकी संभावनाओं को भी तलाशने के लिए कहा। इससे पूर्व संयुक्त सचिव मधु रंजन कुमार की अध्यक्षता में लोक निर्माण विश्राम गृह में बैठक हुई जिसमें रेवाडी जिला के तीन खण्ड नामतरू खोल, नाहड व रेवाडी तथा शहरी क्षेत्र में बडा तालाब, सोलहराही, सेक्टर 3 व 4 में सामुदायिक सभागार में बरसाती जल का संरक्षण तथा 40 अन्य जगहों पर जल संरक्षण स्थानों पर जल संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यो के बारे में समीक्षा की। संयुक्त सचिव ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जन शक्ति फोर जल शक्ति अभियान के तहत जिला में जल संरक्षण के लिए अनेक गतिविधियां शुरू की गई हैं। जल एक सामुहिक धन है हम सबको एक जुट होकर इसका सरंक्षण करना है।
इसके लिए सितंबर माह तक लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि रेवाडी जिले के तीन खण्ड व शहर के बडा तालाब व अन्य जगह पर जल के जो पुराने स्त्रोत है उनका जीर्णोद्वार किया जाए। उन्होंने बताया कि देश के 255 जिलो को जल की स्थिति जानने के लिए चिह्निड्ढत किया है जिनमें रेवाडी जिला भी एक है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में विभिन्न विभागों का समन्वय कर जल सरंक्षण के लिए जोडकर इन्हें जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो बोरवैल कार्य कर रहे है तथा जो कार्य नहीं कर रहे है उनका डाटा तैयार करे तथा जो कार्य नहीं कर रहे है उनको ठीक करवाए। उन्होंने इस मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कार्य के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जाए।
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