वृन्दावन :ब्राह्मण सेवा संघ के तत्वावधान में चलरहे संस्कृत सम्भाषण शिविर में सेवा मंगलम संस्था के संस्थापक परम् विद्वान चिन्तक पूज्य स्वामी श्री गोविंदानन्द तीर्थ जी महाराज ने प्रतिभागियों एवं आयोजकों को सम्बोधित करते हुए देवभाषा संस्कृत की महत्ता पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा की संस्कृत के सब्द साक्षात् ब्रह्म हैं
ब्राह्मण सेवा संघ एवं शिविर के प्रतिभागियों की ओर से पूज्य महाराज श्री का अभिनन्दन भी किया गया। ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक पंडित चद्रलाल शर्मा संस्कृत भाषा का भविष्य अत्यंत उज्जवल है .इसलिए हमारी आनेवाली पीढ़ियों को इसे अपनाना चाहिए.
ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष आचार्य आनंद वल्लभ गोस्वामी ने कहा की संस्कृत भाषा मात्र धार्मिक कर्मकांड तक ही सीमित नहीं है अपितु आज के वैज्ञानिक युग में इसका महत्त्व और भी बढ़ गया है संयोजक पंडित चंद्र प्रकाश दिवेदी अवं सत्यभान शर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे
इस शिविर में पंडित राजेंदर शुक्ला,संतोष चतुर्वेदी,जगदीश शास्त्री ,जगदीश नीलम ,श्रवणकुमार ,राधा शर्मा ,ब्रजेश शर्मा ,आर के त्रिपाठी ,नरेंदर शर्मा ,सहित सैकड़ो प्रतिभागी उपस्थित थे
उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई तक चलने वाले इस विशाल शिविर में लगभग 125 प्रतिभागी सामान्य बोलचाल की शैली में संस्कृत में वार्तालाप करना सीख रहे हैं।
0 Comments