Ajay Kumar Vidyarthi:Bharatpur:
भरतपुर, 2 अगस्त जल क्रान्ति अभियान में भरतपुर जिले की देशभर में 25वीं तथा राज्य में तीसरी रैकिंग आने पर जिला कलक्टर डाॅ0 आरूषि अजेय मलिक ने इस अभियान से जुडे सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी कार्मिकों, गैर सरकारी संगठनों व आमजन को बधाई देते हुये आगे भी इसी भावना व टीम वर्क से कार्य करते हुये चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य 15 सितम्बर तक पूर्ण करने में पूरा योगदान देने का आव्हान किया है।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्रालय ने जल संरक्षण के कुल कार्यों की संख्या, इसमें जन भागीदारी, जल संरक्षण उपायों के बाद जल आत्मनिर्भर हुये गाॅंवों की संख्या, कम पानी वाली फसलों को उगाने के पैटर्न के आधार पर यह रैंकिंग जारी की है। जिले के 79070 नागरिकों ने इस अभियान में भागीदारी की है। चालू वर्ष में 16 सार्वजनिक तथा 28 निजी भवनों पर रूफ टाॅप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, 39 चैक डैम, 4 ट्रैंच, 53 पौंड, 14 अन्य जल संरक्षण ढाॅंचें, 2 सोक पिट, 237 वाटरशैड इकाइयाॅं निर्माण का लक्ष्य है। 152 परम्परागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। 106 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किये जा रहे हैं। भूमिगत जल की कमी से सूख चुके 30 बोरवैल के आसपास वर्षा जल का संरक्षण कर इन बोरवैल को रिचार्ज करना भी अभियान का लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि यह अभियान आउटकम आधारित है, इसमें बजट के बजाय लक्ष्य पर फोकस किया जाता है। देश के प्रत्येक गाॅंव को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना इस अभियान का अहम लक्ष्य है। अभियान के पूर्ण सफल होने पर किसान की आय में काफी वृद्धि होगी, देश को जल संकट से छुटकारा मिलेगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
भरतपुर, 2 अगस्त जल क्रान्ति अभियान में भरतपुर जिले की देशभर में 25वीं तथा राज्य में तीसरी रैकिंग आने पर जिला कलक्टर डाॅ0 आरूषि अजेय मलिक ने इस अभियान से जुडे सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी कार्मिकों, गैर सरकारी संगठनों व आमजन को बधाई देते हुये आगे भी इसी भावना व टीम वर्क से कार्य करते हुये चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य 15 सितम्बर तक पूर्ण करने में पूरा योगदान देने का आव्हान किया है।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्रालय ने जल संरक्षण के कुल कार्यों की संख्या, इसमें जन भागीदारी, जल संरक्षण उपायों के बाद जल आत्मनिर्भर हुये गाॅंवों की संख्या, कम पानी वाली फसलों को उगाने के पैटर्न के आधार पर यह रैंकिंग जारी की है। जिले के 79070 नागरिकों ने इस अभियान में भागीदारी की है। चालू वर्ष में 16 सार्वजनिक तथा 28 निजी भवनों पर रूफ टाॅप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, 39 चैक डैम, 4 ट्रैंच, 53 पौंड, 14 अन्य जल संरक्षण ढाॅंचें, 2 सोक पिट, 237 वाटरशैड इकाइयाॅं निर्माण का लक्ष्य है। 152 परम्परागत जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। 106 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किये जा रहे हैं। भूमिगत जल की कमी से सूख चुके 30 बोरवैल के आसपास वर्षा जल का संरक्षण कर इन बोरवैल को रिचार्ज करना भी अभियान का लक्ष्य है।
उल्लेखनीय है कि यह अभियान आउटकम आधारित है, इसमें बजट के बजाय लक्ष्य पर फोकस किया जाता है। देश के प्रत्येक गाॅंव को जल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना इस अभियान का अहम लक्ष्य है। अभियान के पूर्ण सफल होने पर किसान की आय में काफी वृद्धि होगी, देश को जल संकट से छुटकारा मिलेगा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
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