दलित समुदाय का भड़का गुस्सा, विरोध प्रदर्शन के बाद सौंपे एडीसी को ज्ञापन

धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। 

दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में संत रविदास के मंदिर को धराशाही करने के विरोध में शहर के सरकुलर रोड पर संत रविदास मंदिर परिसर में बैठक के बाद अचानक जिले में दो अन्य घटनाओं ने दलित समुदाय के लोगों के गुस्से में घी डालने का काम किया। ऐसी स्थिति में रविवार को समाज के सैंकड़ों लोगों ने रविदास मंदिर परिसर में इक्टठे होकर जिला सचिवालय तक अपना विरोध जताते हुए रोष मार्च निकाला और बाद में राष्ट्रपति के नाम एडीसी प्रदीप दहिया को अपने ज्ञापन सौंपे। 

जानकारी के मुताबिक दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में संत शिरोमणि रविदास के मंदिर को तोड़ने से नाराज अनुसूचित जाति के दर्जन भर संगठनों के लोग रविवार को नगर के संत रविदास मंदिर परिसर में एकत्रित हुए और फिर विरोध मार्च निकाला। उधर 15 अगस्त को संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को अनावरण के बाद क्षति पहुंचाने और खंड नाहड़ के गांव कारौली में सत्यवीर सिंह अंबेडकर ने डा. बीआर अंबेडकर के नाम पर एक सार्वजनिक पार्क बनाया हुआ है, जिसमें एक स्तम्भ बनाया हुआ, जिसका स्वतंत्रता दिवस के दिन उदघाटन होना था मगर किसी असामाजिक तत्व ने इस धराशाही कर दिया। इस संबंध में नाहड़ पुलिस के पास सत्यवीर सिंह ने अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिस पर अज्ञात दोषियान के विरूद्ध केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। उधर नया गांव वाली वारदात को लेकर भी पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। इन दोनों घटनाओं ने दलित समाज के लोगों के गुस्से के पारे को चढ़ा दिया और जिसकी वजह से रविवार को उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। 


दोपहर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार दलित संगठनों के सैंकड़ों सदस्य इस मामले पर शहर के विभिन्न हिस्सों से रोष मार्च निकालते हुए सचिवालय पर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे। जहां नेहरू पार्क के समीप कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव की दलित समुदाय के लोगों से बात हुई तथा उन्होंने इनको अपना समर्थन देने की बात कहते हुए भाजपा की नीतियों का विरोध किया। उधर सचिवालय पर स्वराज इंडिया पार्टी की रेवाड़ी विस क्षेत्र की प्रत्याशी मंजूबाला, जिला अध्यक्ष राजबाला यादव समेत अन्य लोगों ने इसे भाजपा की एक सोची-समझी और लोगों को ध्यान भटकाने वाली और समाज में जातिगत भेदभाव फैलाने वाली चाल बताया। प्रदर्शन के बाद दलित समुदाय के लोग शांतिपूर्वक अपने घरों को वापस लौट गए। एडीसी ने इनको आश्वासन दिया कि वे जल्द उच्चाधिकारियों तक इनके ज्ञापन को पहुंचा देंगे। 

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