पर्यावरण संरक्षण हमारे संस्कार और संस्कृति में परिलक्षित होती है

Parveen Kushwaha:Bhopal:

शासकीय महाविद्यालय नरेला के रा.से.यो. के विद्यार्थियों ने निबंध लेखन के माध्यम से यह संदेश दिया कि प्रकृति को माँ के समान महत्त्व देने उसको पुष्पित एवं पल्लवित करने का संदेश हमारे ऋषि-मुनियों ने संस्कारों वेदों पुराणों एवं संहिता ओं के माध्यम से हजारों वर्षों पूर्व ही दे दिया था। आज हमने अपनी संस्कृति के इन महान सूत्रों की उपेक्षा कर पर्यावरण को संकट में डाल दिया है।

हरियाली महोत्सव के अंतर्गत महाविद्यालय के रा.से.यो. के विद्यार्थियों ने निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता में उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. वीणा मिश्रा ने युवाओं को प्रकृति संरक्षण की दिशा में नहीं नई पहल करने का आह्वान किया। इको क्लब प्रभारी डॉ. उषा किरण गुप्ता के साथ संध्या खरे, डॉ. अर्चना गौर, डॉ. नीता पुराणिक, डॉ. प्रीति झारिया, डॉ.सपना शर्मा डॉ मुकेश तिवारी ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों में अभिनंदन चतुर्वेदी, वीरेंद्र सिंह, नासिर खान, अभिराज शर्मा, रवि, आशुतोष, अभिषेक, आरती, दीक्षा, एवं साहिल का विशेष योगदान रहा। संपूर्ण कार्यक्रम रा.से.यों. कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तैयबा खातून के निर्देशन में पूर्ण हुआ तथा कार्यक्रम का संचालन दीपक रजक ने किया।

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