आसमान भी रोया जब उसकी बेटी की विदाई हुई,
चढ़ी स्वर्ग की सीढियां सुषमा जी आज पराई हुई।
किया संघर्ष जिंदगी भर तब हासिल ये मुकाम हुआ,
रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाये, दुनिया में मान बड़ाई हुई।
पच्चीस वर्ष की आयु में कैबिनेट की मंत्री बनी वो,
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री की बधाई हुई।
बनी पहली महिला विदेश मंत्री वो, ये भी खूब रही,
बनी पहली महिला प्रवक्ता विपक्ष की खिंचाई हुई।
पहली सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का सम्मान मिला,
जगजाहिर उनकी ईमानदारी और सच्चाई हुई।
चार प्रदेशों से ग्यारह चुनाव सीधे उस मर्दानी ने लड़े,
फ़िल्म उद्योग बनाकर अपनी दूरदर्शिता दिखाई हुई।
लड़कियों एवं महिलाओं के लिए एक आदर्श बनी वो,
काबलियत से हम सभी के दिलों में जगह बनाई हुई।
खुद को सुनने पर मजबूर कर दे जो ऐसी वक्ता थी,
"सुलक्षणा" लिखी ये पंक्तियां सार्थक कविताई हुई।
डॉ सुलक्षणा
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