धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।
जिले के गांव मांढैया के पास मिले अज्ञात महिला के शव का शुक्रवार को शमशान घाट में मानव अधिकार मिशन के सामाजिक कार्यकर्ताओं रिन्कू ठाकुर, महीपाल सैनी प्रधान, विजय पाल यादव, राजकुमार, उतमचंद, मुकेश कुमार, विनोद सक्सेना और माडल टाउन थाना पुलिस के इस केस से जुड़े जांच अधिकारी एएसआई सुल्तान सिंह की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतका के चेहरे पर चोट के निशान की वजह से यह वारदात को हत्या का संदिग्ध मामला माना जा रहा है। पुलिस की जांच जारी है। बता दें कि किसी अज्ञात शव की 72 घंटे की अवधि में शिनाख्त नहीं होने की स्थिति में मानवाधिकार मिशन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुलिस मृतक के शव का अंतिम संस्कार करा देती है जबकि उस केस से संबंधित दस्तावेज एवं जांच चलती रहती है।
उक्त संस्था के प्रवक्ता रिन्कू ठाकुर उर्फ मामा ठाकुर ने बताया कि उनकी संस्था जिला पुलिस के सहयोग से अपना मानव धर्म निभाते हुए उन अज्ञात व्यक्तियों के शवों को पुलिस के सहयोग से घटनास्थल वाली जगह से उठाकर रेवाड़ी के सामान्य अस्पताल तक लेकर आती है और मृतक की शिनाख्त कराने में सोशल मीडिया के अलावा इलैक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया का सहयोग लेती है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार मिशन ऐसे लावारिस शवों की 72 घंटे के भीतर शिनाख्त नहीं हो पाने की स्थिति में जिला पुलिस के साथ मिलकर ऐसे शवों की सदगति के लिए उनका अंतिम संस्कार कराते हैं।
रेवाड़ी फोटो: जिला पुलिस के सहयोग से मानवाधिकार मिशन के कार्यकर्ता अज्ञात महिला के शव का अंतिम संस्कार कराते हुए।
जिले के गांव मांढैया के पास मिले अज्ञात महिला के शव का शुक्रवार को शमशान घाट में मानव अधिकार मिशन के सामाजिक कार्यकर्ताओं रिन्कू ठाकुर, महीपाल सैनी प्रधान, विजय पाल यादव, राजकुमार, उतमचंद, मुकेश कुमार, विनोद सक्सेना और माडल टाउन थाना पुलिस के इस केस से जुड़े जांच अधिकारी एएसआई सुल्तान सिंह की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतका के चेहरे पर चोट के निशान की वजह से यह वारदात को हत्या का संदिग्ध मामला माना जा रहा है। पुलिस की जांच जारी है। बता दें कि किसी अज्ञात शव की 72 घंटे की अवधि में शिनाख्त नहीं होने की स्थिति में मानवाधिकार मिशन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुलिस मृतक के शव का अंतिम संस्कार करा देती है जबकि उस केस से संबंधित दस्तावेज एवं जांच चलती रहती है।
उक्त संस्था के प्रवक्ता रिन्कू ठाकुर उर्फ मामा ठाकुर ने बताया कि उनकी संस्था जिला पुलिस के सहयोग से अपना मानव धर्म निभाते हुए उन अज्ञात व्यक्तियों के शवों को पुलिस के सहयोग से घटनास्थल वाली जगह से उठाकर रेवाड़ी के सामान्य अस्पताल तक लेकर आती है और मृतक की शिनाख्त कराने में सोशल मीडिया के अलावा इलैक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया का सहयोग लेती है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार मिशन ऐसे लावारिस शवों की 72 घंटे के भीतर शिनाख्त नहीं हो पाने की स्थिति में जिला पुलिस के साथ मिलकर ऐसे शवों की सदगति के लिए उनका अंतिम संस्कार कराते हैं।
रेवाड़ी फोटो: जिला पुलिस के सहयोग से मानवाधिकार मिशन के कार्यकर्ता अज्ञात महिला के शव का अंतिम संस्कार कराते हुए।
0 Comments