अजेयभारत करनाल ! सेक्टर व हाइवे के सीवरेज के गंदी पानी को किया जाएगा साफ-सुथरा
गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए नगर निगम तैयार करवा रहा 20 व 50 एमएलडी के दो एसटीपी
निगमायुक्त ने एसटीपी का दौरा कर दिशा निर्देश दिए
नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को सैक्टर-4 के साथ लगते सैक्टर-37 में 50 एमएलडी क्षमता के निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानि मलजल उपचार संयत्र का निरीक्षण कर अब तक किए जा चुके कार्य की प्रगति देखी। इसे पंचकूला की एक कम्पनी गिरधारी लाल अग्रवाल की ओर से तैयार किया जा रहा है तथा इस पर अनुमानित 72 करोड़ 45 लाख रूपये की लागत आएगी, जिसमें 5 वर्ष तक परिचालन व रख-रखाव का खर्चा भी शामिल है। कम्पनी का दावा है कि आगामी फरवरी या मार्च तक इसे कम्पलीट कर देंगे। दौरे के दौरान निगमायुक्त ने जानकारी दी कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शहर के सभी सैक्टर तथा हाइवे के साथ लगते क्षेत्रो का गंदा पानी आएगा, जो ट्रीटमेंट की विभिन्न स्तर अथवा प्रक्रियाओं में से गुजरेगा। सबसे पहले यह मेन पम्पिंग स्टेशन में आएगा, जहां इसकी कोर्स स्क्रीनिंग होगी यानि पानी एक मोटे झरने से निकलेगा ओर सभी मोटे पदार्थ छट जाएंगे। इसके बाद ग्रिट चेम्बर में जाकर इसमें से बारीक रोड़ी इत्यादि भी अलग हो जाएंगी और फिर फाइन स्क्रीट में जाने के बाद शेष कंकड़, पत्थर, घास इत्यादि छन कर अलग हो जाएंगे। एसबीआर यानि सक्वैंशियल बैच रिएक्टर से गुजरने के बाद गंदे पानी को डिकम्पोज़ किया जाएगा और क्लोरिन कोंटेक्ट टैंक में जाकर ड्रेन से नहर में चेनेलाइज़ हो जाएगा। एसटीपी आॅटोमेटिक आॅपरेशन सिस्टम पर काम करेगा, जो स्काडा (सुपरवाईज़री कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजिशन) यानि पर्यवेक्षी नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण पर आधारित होगा। उन्होंने बताया कि एसटीपी के परिसर में कॉन्फ्रैंस हाल, क्वालिटी कंट्रोल लैब, स्टाफ क्वाटर, पब्लिक टॉयलेट और प्रशासनिक खण्ड बनाए जाएंगे। इसके पश्चात आयुक्त ने फूसगढ़ क्षेत्र में निर्माणाधीन 20 एम.एल.डी. के अन्य एसटीपी का निरीक्षण किया। अब तक इसका 45 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसे तैयार कर रहे इंजीनियरो का कहना है कि आगामी मार्च 2020 तक कम्पलीट होकर फंक्शनल हो जाएगा। आयुक्त ने बताया कि इस प्लांट में फूसगढ़, विकास कॉलोनी, प्रीतम पुरा व राजीव पुराम जैसे ईलाको से गंदा पानी ट्रीट होने के लिए आएगा। इसके निर्माण पर अनुमानित 24 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। एसटीपी का निर्माण टाटा प्राईवेट लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है। उन्होंने इंजीनियरों से कहा कि वे इसकी प्रगति को बढ़ाएं तथा नगर निगम के जे.ई. व एम.ई. को निर्देश दिए कि वे यहां नियमित दौरा कर इसकी प्रगति लेते रहे। निगमायुक्त के दौरे के दौरान डीएमसी धीरज कुमार, कार्यकारी अभियंता मोनिका शर्मा, जे.ई. रवि कुमार व राम निवास भी मौजूद रहे।
गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए नगर निगम तैयार करवा रहा 20 व 50 एमएलडी के दो एसटीपी
निगमायुक्त ने एसटीपी का दौरा कर दिशा निर्देश दिए
नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को सैक्टर-4 के साथ लगते सैक्टर-37 में 50 एमएलडी क्षमता के निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानि मलजल उपचार संयत्र का निरीक्षण कर अब तक किए जा चुके कार्य की प्रगति देखी। इसे पंचकूला की एक कम्पनी गिरधारी लाल अग्रवाल की ओर से तैयार किया जा रहा है तथा इस पर अनुमानित 72 करोड़ 45 लाख रूपये की लागत आएगी, जिसमें 5 वर्ष तक परिचालन व रख-रखाव का खर्चा भी शामिल है। कम्पनी का दावा है कि आगामी फरवरी या मार्च तक इसे कम्पलीट कर देंगे। दौरे के दौरान निगमायुक्त ने जानकारी दी कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में शहर के सभी सैक्टर तथा हाइवे के साथ लगते क्षेत्रो का गंदा पानी आएगा, जो ट्रीटमेंट की विभिन्न स्तर अथवा प्रक्रियाओं में से गुजरेगा। सबसे पहले यह मेन पम्पिंग स्टेशन में आएगा, जहां इसकी कोर्स स्क्रीनिंग होगी यानि पानी एक मोटे झरने से निकलेगा ओर सभी मोटे पदार्थ छट जाएंगे। इसके बाद ग्रिट चेम्बर में जाकर इसमें से बारीक रोड़ी इत्यादि भी अलग हो जाएंगी और फिर फाइन स्क्रीट में जाने के बाद शेष कंकड़, पत्थर, घास इत्यादि छन कर अलग हो जाएंगे। एसबीआर यानि सक्वैंशियल बैच रिएक्टर से गुजरने के बाद गंदे पानी को डिकम्पोज़ किया जाएगा और क्लोरिन कोंटेक्ट टैंक में जाकर ड्रेन से नहर में चेनेलाइज़ हो जाएगा। एसटीपी आॅटोमेटिक आॅपरेशन सिस्टम पर काम करेगा, जो स्काडा (सुपरवाईज़री कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजिशन) यानि पर्यवेक्षी नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण पर आधारित होगा। उन्होंने बताया कि एसटीपी के परिसर में कॉन्फ्रैंस हाल, क्वालिटी कंट्रोल लैब, स्टाफ क्वाटर, पब्लिक टॉयलेट और प्रशासनिक खण्ड बनाए जाएंगे। इसके पश्चात आयुक्त ने फूसगढ़ क्षेत्र में निर्माणाधीन 20 एम.एल.डी. के अन्य एसटीपी का निरीक्षण किया। अब तक इसका 45 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसे तैयार कर रहे इंजीनियरो का कहना है कि आगामी मार्च 2020 तक कम्पलीट होकर फंक्शनल हो जाएगा। आयुक्त ने बताया कि इस प्लांट में फूसगढ़, विकास कॉलोनी, प्रीतम पुरा व राजीव पुराम जैसे ईलाको से गंदा पानी ट्रीट होने के लिए आएगा। इसके निर्माण पर अनुमानित 24 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। एसटीपी का निर्माण टाटा प्राईवेट लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है। उन्होंने इंजीनियरों से कहा कि वे इसकी प्रगति को बढ़ाएं तथा नगर निगम के जे.ई. व एम.ई. को निर्देश दिए कि वे यहां नियमित दौरा कर इसकी प्रगति लेते रहे। निगमायुक्त के दौरे के दौरान डीएमसी धीरज कुमार, कार्यकारी अभियंता मोनिका शर्मा, जे.ई. रवि कुमार व राम निवास भी मौजूद रहे।
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