कब चालू हुआ, पानी कहां से आ रहा और कहां जा रहा, अधिकारी को बता नहीं
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।
गांव भड़ंगी में लम्बे समय से बना बूस्टिंग स्टेशन के चालू नहीं होने की वजह से ग्रामीण परेशान हैं और उनको खारा पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़रही है। ऐसा होने की वजह से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं मगर प्रशासन चुप है। ग्रामीणों का आरोप है कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिए कई बार गुहार लगाई गई मगर परिणाम शून्य रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय रिकार्ड में इस
बूस्टिंग स्टेशन को चालू दिखाया गया है जबकि उक्त गांव में एक बूंद भी पानी कहां से आएगा, जब इस गांव में वाटर कनेक्शन ही नहीं लिए। यह सारी स्थिति जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है।
इस गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि करीब पांच साल पहले उनके गांव में बूस्टिंग स्टेशन बनकर तैयार हो गया था। उसे बिजली कनेक्शन से भी जोड़ दिया गया मगर सबकुछ होने के बावजूद विभाग ने इसे चालू कराना तो दूर इस गांव में पेयजल की पाइप लाइन तक नहीं दबाई। और इस वजह से लाखों की मोटर और अन्य सामान को जंग लग रहा है। उनके अनुसार इस गांव का पानी खारा होने की वजह से लोगों की मांग पर निवर्तमान सरकार ने गांव मुमताजपुर और भड़ंगी के लिए नहरी पेयजल योजना का कार्य गांव मुमताजपुर में शुरू किया था। गांव भड़ंगी में बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू किया था और यह दोनों कार्य 2014 में पूर्ण हो गए।
उन्होंने कहा कि उस वक्त जनस्वास्थ्य मंत्री धनश्याम सर्राफ ने फरवरी 2015 में नहरी पेयजल योजना का शुभारम्भ किया मगर गांव भड़ंगी में बने बूस्टिंग स्टेशन का आज तक शुभारम्भ नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर ग्रामीण कोसली विधायक और और जनस्वास्थ्य मंत्री डा. बनवारीलाल से मिले मगर उसके बाद भी यह काम नहीं हो पाया। यह स्थिति आज भी बरकरार है। स्थिति यह है कि इस बुस्टिंग स्टेशन का बिना चालू हुए ही बिजली का बिल बिजली निगम को अदा करना पड़ रहा है। उधर इस मामले पर जनस्वास्थ्य विभाग के
कार्यकारी अभियंता ने ग्रामीणों को बताया कि आपके गांव का बूस्टिंग स्टेशन चालू है। जब ग्रामीणों ने उनसे सवाल किया कि अगर यह बूस्टिंग स्टेशन चालू है तो इसका पानी कहां जा रहा है, इस सवाल पर उक्त अधिकारी ने कहा कि वे इस बात की जांच कराने के बाद ही इस बारे में कुछ अधिक बता पाएंगे। खास यह है कि जब इस गांव में वाटर लाइन नहीं दबाई गई तो विभाग के अनुसार चालू बूस्टिंग स्टेशन का पानी कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है, यह बात जांच का विषय है।
अधिकारी बोले :
इस विषय पर जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियन्ता वीपी चैहान ने कहा कि गांव भंड़ंगी का बूस्टिंग स्टेशन चल रहा है। इस गांव में पाइप लाइन ही नहीं और यह स्टेशन कब शुरू हुआ और इसका पानी कहां से जा रहा है, इस सवाल पर वे चुप्पी साध गए।
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।
गांव भड़ंगी में लम्बे समय से बना बूस्टिंग स्टेशन के चालू नहीं होने की वजह से ग्रामीण परेशान हैं और उनको खारा पानी पीकर अपनी प्यास बुझानी पड़रही है। ऐसा होने की वजह से लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं मगर प्रशासन चुप है। ग्रामीणों का आरोप है कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिए कई बार गुहार लगाई गई मगर परिणाम शून्य रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय रिकार्ड में इस
बूस्टिंग स्टेशन को चालू दिखाया गया है जबकि उक्त गांव में एक बूंद भी पानी कहां से आएगा, जब इस गांव में वाटर कनेक्शन ही नहीं लिए। यह सारी स्थिति जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है।
इस गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र ने बताया कि करीब पांच साल पहले उनके गांव में बूस्टिंग स्टेशन बनकर तैयार हो गया था। उसे बिजली कनेक्शन से भी जोड़ दिया गया मगर सबकुछ होने के बावजूद विभाग ने इसे चालू कराना तो दूर इस गांव में पेयजल की पाइप लाइन तक नहीं दबाई। और इस वजह से लाखों की मोटर और अन्य सामान को जंग लग रहा है। उनके अनुसार इस गांव का पानी खारा होने की वजह से लोगों की मांग पर निवर्तमान सरकार ने गांव मुमताजपुर और भड़ंगी के लिए नहरी पेयजल योजना का कार्य गांव मुमताजपुर में शुरू किया था। गांव भड़ंगी में बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू किया था और यह दोनों कार्य 2014 में पूर्ण हो गए।
उन्होंने कहा कि उस वक्त जनस्वास्थ्य मंत्री धनश्याम सर्राफ ने फरवरी 2015 में नहरी पेयजल योजना का शुभारम्भ किया मगर गांव भड़ंगी में बने बूस्टिंग स्टेशन का आज तक शुभारम्भ नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर ग्रामीण कोसली विधायक और और जनस्वास्थ्य मंत्री डा. बनवारीलाल से मिले मगर उसके बाद भी यह काम नहीं हो पाया। यह स्थिति आज भी बरकरार है। स्थिति यह है कि इस बुस्टिंग स्टेशन का बिना चालू हुए ही बिजली का बिल बिजली निगम को अदा करना पड़ रहा है। उधर इस मामले पर जनस्वास्थ्य विभाग के
कार्यकारी अभियंता ने ग्रामीणों को बताया कि आपके गांव का बूस्टिंग स्टेशन चालू है। जब ग्रामीणों ने उनसे सवाल किया कि अगर यह बूस्टिंग स्टेशन चालू है तो इसका पानी कहां जा रहा है, इस सवाल पर उक्त अधिकारी ने कहा कि वे इस बात की जांच कराने के बाद ही इस बारे में कुछ अधिक बता पाएंगे। खास यह है कि जब इस गांव में वाटर लाइन नहीं दबाई गई तो विभाग के अनुसार चालू बूस्टिंग स्टेशन का पानी कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है, यह बात जांच का विषय है।
अधिकारी बोले :
इस विषय पर जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियन्ता वीपी चैहान ने कहा कि गांव भंड़ंगी का बूस्टिंग स्टेशन चल रहा है। इस गांव में पाइप लाइन ही नहीं और यह स्टेशन कब शुरू हुआ और इसका पानी कहां से जा रहा है, इस सवाल पर वे चुप्पी साध गए।
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