देव गुरु व न्याय के देवता शनि दिवाली 2019 के बाद राशि का परिवर्तन करने जा रहे है। इसका व्यापक असर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में होगा। किसी को धन का लाभ होगा तो किसी को स्वास्थ्य की परेशानी होगी। पांच राशि वालों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। यह बात भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने नक्षत्रलोक में भक्तों को दोनों ग्रह के राशि परिवर्तन से होने वाले असर के बारे में बताते हुए कही। www.ajeybharat.com पर पढे़ं आपकी जिंदगी में होने वाले असर के बारे में।
जीवन में बदलाव लाएगा भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि भारतीय वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत ग्रहों में बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा गया है और ग्रहों के मंत्रिमंडल में इन्हें मंत्री का पद प्राप्त है। ये नैसर्गिक रूप से सब से शुभ ग्रह माने जाते हैं। यह वृद्धि के कारक हैं इसलिए अच्छी या बुरी जो भी घटना हो उसमें इनका योग वृद्धि कारक होता है। यह हमारे जीवन में हमारे गुरु और गुरु तुल्य लोगों, हमारे परिवार के बड़े बुजुर्गों, संतान, धन तथा ज्ञान का कारक प्राप्त है। जन्म कुंडली में गुरु की स्थिति से जातक के जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता चलती हैं। इसलिए यह राशि परिवर्तन कई तरह से जीवन में बदलाव लाएगा।
दिवाली यानि मां लक्ष्मी की अराधना कर उनकी कृपा पाने का अवसर। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर में प्रवेश कर उनके सारे कष्ट दूर करती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा हो जाए तो सुख, समृद्धि, खुशहाली अपने आप आ जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अभिषेक जोशी बता रहे हैं कि इस दिवाली से बदल रहा 12 राशियों के जातकों का राशिफल अगली दिवाली यानि अगले एक साल तक कैसा रहेगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि चार व पांच नवम्बर की रात कको वृहस्पति ग्रह वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर स्वग्रही होने जा रहे हैं। जनवरी से शनि भी मकर के हो जाएंगे।
प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने कहा कि कुंडली में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को मान सम्मान और ज्ञान प्रदान करती है। इसके साथ व्यक्ति को धन की प्राप्ति भी अच्छी मात्रा में होती है। संतान सुख व विवाह का सुख की प्राप्ति के लिए भी बृहस्पति की मजबूत स्थिति को देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर गुरु बृहस्पति जब इसके विपरीत अवस्था में होते हैं तो इन सभी कारकों में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच अवस्था में माने जाते हैं। कुंडली में चंद्रमा लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि अमृत समान मानी जाती है। अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं है तो आपको बृहस्पति ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।
बृहस्पति ग्रह की शांति के कुछ उपाय - रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति अनुकूल अवस्था में नहीं है तो आपको पुखराज रत्न धारण करना चाहिए।
- बृहस्पति धनु और मीन राशियों के स्वामी हैं इसलिए अगर इन दोनों राशियों के जातक पुखराज धारण करें तो उन्हें शुभ फल मिलते हैं।
- इसके साथ ही बृहस्पति ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए गुरुवार के दिन या बृहस्पति की होरा में गुरु यंत्र को अपने घर में स्थापित करना चाहिए।
- आप गुरु ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए पीपल की जड़ को गुरु की होरा या गुरु के नक्षत्रों में भी धारण कर सकते हैं।
बृहस्पति गोचर का समय बृहस्पति ग्रह 5 नवंबर 2019, मंगलवार रात 12 बजकर 3 मिनट पर अपनी राशि धनु में गोचर करेगा और 29 मार्च 2020, रविवार शाम को 7 बजकर 8 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेगा। इनके अलावा न्याय के देवता शनि का जनवरी 2020 में राशि परिवर्तन होगा। इन दोनों ग्रह के राशि परिवर्तन से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बड़ा असर होगा।
मेष- चार चांद लगने वाला है। आपके अष्टम से नवम भाव में वृहस्पति जा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। शुभकार्यों में आपका समय बीतेगा। अच्छी खरीदारी होगी। भाग्यवर्धक दिन आ गए हैं। नौकरी -चाकरी में इजाफा होगा। हर दृ़ष्टि से बेहतर है। प्रेम, व्यवसाय, सेहत हर दृष्टि से अच्छा है।
वृषभ - अभी थोड़ा मध्यम समय कह सकते हैं। जनवरी से आपके लिए भी उत्तम समय आ जाएगा। प्रेम, व्यवसाय, सेहत में अभी थोड़ा नरम-गरम रहेगा लेकिन यह किसी बडे़ नुकसान का द्योतक नहीं है।
मिथुन - बहुत बेहतर समय की शुरुआत होने जा रही है। प्रेम का आगमन होगा। खुशहाली भरा समय है। रोजी रोजगार में तरक्की होगी। शादी ब्याह तय होगा। जीवनसाथी के साथ चली आ रही परेशानियों का अंत होगा। उत्तम समय है।
कर्क - जो लोग हिडेन साइंस, ज्योतिष, धर्मकर्म, खोजी काम,शोध करते हैं उनके लिए अच्छा समय है। वैसे स्वग्रही किसी के लिए भी नुकसानदेह नहीं होता। रोगों पर विजय होगी। शत्रु मित्र बन जाएंगे। उत्तम समय है। किसी तरह की समस्या नहीं है।
सिंह- बहुत बेहतर समय की शुरुआत। पंचम भाव में वृहस्पति का गोचर है। आपकी बुद्धि की दुनिया दाद देगी। लिखने-पढऩे वालों, विद्यार्थियों, प्रेम प्रारम्भ करने वालों के लिए अच्छा समय है। शादी ब्याह, शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय है।
कन्या - घर में खुशहाली आएगी। भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी हो सकती है। मां के स्वास्थ्य में बढ़ोत्तरी होगी। घर में उत्सव का माहौल रहेगा। शादी ब्याह तय हो सकता है। शारीरिक स्थिति अच्छी रहेगी। बहुत अच्छा समय है।
तुला - यह समय आपको घोर पराक्रमी बनाएगा। जो-जो आपने सोच रखा है उसे करने का समय आ चुका है। भाइयों-मित्रों के लिए खुशहाल समय है। शुभ कार्यों में संलिप्त रहेंगे।
वृश्चिक - वाणी सधी हुई रहेगी। वाणी से अमृत वर्षा होगी। धनागम होगा। कुटुम्बों में वृद्धि का योग है। हर दृष्टिकोण से बहुत अच्छा समय है। द्वितीय भाव का वृहस्पति सबसे अच्छा माना जाता है।
धनु- अब जाकर सारी परिस्थितियों में सुधार की स्थिति बन रही है। सभी गड़बडिय़ां जो लगातार आपको परेशान किए हुए थीं अब सुधर रही हैं। विराम लगेगा। स्वग्रही वृहस्पति आ चुके हैं आपको बचाने के लिए। हर दृष्टि से अच्छा कराने के लिए। शनि यहा से निकलकर आपके द्वितीय भाव में चले जाएंगे जनवरी में। स्वग्रही हो जाएंगे। तब वृहस्पति अकेले हो जाएंगे। उसके बाद आपको कोई समस्या नहीं होगी। इधर, चार नवम्बर से ही आपके जीवन में शुभ परिवर्तन हो रहे हैं। स्वास्थ्य, शत्रु विजय, व्यवसाय, प्रेम हर दृष्टिकोण से अच्छा समय आ जाएगा।
मकर - शुभ कार्यों में खर्च करेंगे। शादी ब्याह, निवेश में पैसे लगेंगे। थोड़ा आर्थिक संकट जरूर महसूस कर सकते हैं लेकिन परेशान होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है क्योंकि ये सारे खर्च शुभ कार्यों में होंगे।
कुंभ - बहुत बेहतर समय है। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। वर्ष भर अच्छे समाचारों से घिरे रहेंगे। तरक्की करेंगे। लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। हर दृष्टिकोण से उत्तम समय है। मन संकुल होगा। संतान की स्थिति भी अच्छी रहेगी। उत्तम समय है।
मीन - अब वो समय आया है जिसका इंतजार था। चार चांद लगने लगा है व्यवसायिक, पैतृक सम्पत्ति, मां,पिता, प्रेम की स्थिति में मजा आ जाने वाला समय है।
जीवन में बदलाव लाएगा भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि भारतीय वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत ग्रहों में बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा गया है और ग्रहों के मंत्रिमंडल में इन्हें मंत्री का पद प्राप्त है। ये नैसर्गिक रूप से सब से शुभ ग्रह माने जाते हैं। यह वृद्धि के कारक हैं इसलिए अच्छी या बुरी जो भी घटना हो उसमें इनका योग वृद्धि कारक होता है। यह हमारे जीवन में हमारे गुरु और गुरु तुल्य लोगों, हमारे परिवार के बड़े बुजुर्गों, संतान, धन तथा ज्ञान का कारक प्राप्त है। जन्म कुंडली में गुरु की स्थिति से जातक के जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें पता चलती हैं। इसलिए यह राशि परिवर्तन कई तरह से जीवन में बदलाव लाएगा।
दिवाली यानि मां लक्ष्मी की अराधना कर उनकी कृपा पाने का अवसर। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर में प्रवेश कर उनके सारे कष्ट दूर करती हैं। मां लक्ष्मी की कृपा हो जाए तो सुख, समृद्धि, खुशहाली अपने आप आ जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित अभिषेक जोशी बता रहे हैं कि इस दिवाली से बदल रहा 12 राशियों के जातकों का राशिफल अगली दिवाली यानि अगले एक साल तक कैसा रहेगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि चार व पांच नवम्बर की रात कको वृहस्पति ग्रह वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर स्वग्रही होने जा रहे हैं। जनवरी से शनि भी मकर के हो जाएंगे।
प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने कहा कि कुंडली में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को मान सम्मान और ज्ञान प्रदान करती है। इसके साथ व्यक्ति को धन की प्राप्ति भी अच्छी मात्रा में होती है। संतान सुख व विवाह का सुख की प्राप्ति के लिए भी बृहस्पति की मजबूत स्थिति को देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर गुरु बृहस्पति जब इसके विपरीत अवस्था में होते हैं तो इन सभी कारकों में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच अवस्था में माने जाते हैं। कुंडली में चंद्रमा लग्न पर बृहस्पति की दृष्टि अमृत समान मानी जाती है। अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल नहीं है तो आपको बृहस्पति ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।
बृहस्पति ग्रह की शांति के कुछ उपाय - रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति अनुकूल अवस्था में नहीं है तो आपको पुखराज रत्न धारण करना चाहिए।
- बृहस्पति धनु और मीन राशियों के स्वामी हैं इसलिए अगर इन दोनों राशियों के जातक पुखराज धारण करें तो उन्हें शुभ फल मिलते हैं।
- इसके साथ ही बृहस्पति ग्रह के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए गुरुवार के दिन या बृहस्पति की होरा में गुरु यंत्र को अपने घर में स्थापित करना चाहिए।
- आप गुरु ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए पीपल की जड़ को गुरु की होरा या गुरु के नक्षत्रों में भी धारण कर सकते हैं।
बृहस्पति गोचर का समय बृहस्पति ग्रह 5 नवंबर 2019, मंगलवार रात 12 बजकर 3 मिनट पर अपनी राशि धनु में गोचर करेगा और 29 मार्च 2020, रविवार शाम को 7 बजकर 8 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेगा। इनके अलावा न्याय के देवता शनि का जनवरी 2020 में राशि परिवर्तन होगा। इन दोनों ग्रह के राशि परिवर्तन से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बड़ा असर होगा।
मेष- चार चांद लगने वाला है। आपके अष्टम से नवम भाव में वृहस्पति जा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। शुभकार्यों में आपका समय बीतेगा। अच्छी खरीदारी होगी। भाग्यवर्धक दिन आ गए हैं। नौकरी -चाकरी में इजाफा होगा। हर दृ़ष्टि से बेहतर है। प्रेम, व्यवसाय, सेहत हर दृष्टि से अच्छा है।
वृषभ - अभी थोड़ा मध्यम समय कह सकते हैं। जनवरी से आपके लिए भी उत्तम समय आ जाएगा। प्रेम, व्यवसाय, सेहत में अभी थोड़ा नरम-गरम रहेगा लेकिन यह किसी बडे़ नुकसान का द्योतक नहीं है।
मिथुन - बहुत बेहतर समय की शुरुआत होने जा रही है। प्रेम का आगमन होगा। खुशहाली भरा समय है। रोजी रोजगार में तरक्की होगी। शादी ब्याह तय होगा। जीवनसाथी के साथ चली आ रही परेशानियों का अंत होगा। उत्तम समय है।
कर्क - जो लोग हिडेन साइंस, ज्योतिष, धर्मकर्म, खोजी काम,शोध करते हैं उनके लिए अच्छा समय है। वैसे स्वग्रही किसी के लिए भी नुकसानदेह नहीं होता। रोगों पर विजय होगी। शत्रु मित्र बन जाएंगे। उत्तम समय है। किसी तरह की समस्या नहीं है।
सिंह- बहुत बेहतर समय की शुरुआत। पंचम भाव में वृहस्पति का गोचर है। आपकी बुद्धि की दुनिया दाद देगी। लिखने-पढऩे वालों, विद्यार्थियों, प्रेम प्रारम्भ करने वालों के लिए अच्छा समय है। शादी ब्याह, शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय है।
कन्या - घर में खुशहाली आएगी। भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी हो सकती है। मां के स्वास्थ्य में बढ़ोत्तरी होगी। घर में उत्सव का माहौल रहेगा। शादी ब्याह तय हो सकता है। शारीरिक स्थिति अच्छी रहेगी। बहुत अच्छा समय है।
तुला - यह समय आपको घोर पराक्रमी बनाएगा। जो-जो आपने सोच रखा है उसे करने का समय आ चुका है। भाइयों-मित्रों के लिए खुशहाल समय है। शुभ कार्यों में संलिप्त रहेंगे।
वृश्चिक - वाणी सधी हुई रहेगी। वाणी से अमृत वर्षा होगी। धनागम होगा। कुटुम्बों में वृद्धि का योग है। हर दृष्टिकोण से बहुत अच्छा समय है। द्वितीय भाव का वृहस्पति सबसे अच्छा माना जाता है।
धनु- अब जाकर सारी परिस्थितियों में सुधार की स्थिति बन रही है। सभी गड़बडिय़ां जो लगातार आपको परेशान किए हुए थीं अब सुधर रही हैं। विराम लगेगा। स्वग्रही वृहस्पति आ चुके हैं आपको बचाने के लिए। हर दृष्टि से अच्छा कराने के लिए। शनि यहा से निकलकर आपके द्वितीय भाव में चले जाएंगे जनवरी में। स्वग्रही हो जाएंगे। तब वृहस्पति अकेले हो जाएंगे। उसके बाद आपको कोई समस्या नहीं होगी। इधर, चार नवम्बर से ही आपके जीवन में शुभ परिवर्तन हो रहे हैं। स्वास्थ्य, शत्रु विजय, व्यवसाय, प्रेम हर दृष्टिकोण से अच्छा समय आ जाएगा।
मकर - शुभ कार्यों में खर्च करेंगे। शादी ब्याह, निवेश में पैसे लगेंगे। थोड़ा आर्थिक संकट जरूर महसूस कर सकते हैं लेकिन परेशान होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है क्योंकि ये सारे खर्च शुभ कार्यों में होंगे।
कुंभ - बहुत बेहतर समय है। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। वर्ष भर अच्छे समाचारों से घिरे रहेंगे। तरक्की करेंगे। लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। हर दृष्टिकोण से उत्तम समय है। मन संकुल होगा। संतान की स्थिति भी अच्छी रहेगी। उत्तम समय है।
मीन - अब वो समय आया है जिसका इंतजार था। चार चांद लगने लगा है व्यवसायिक, पैतृक सम्पत्ति, मां,पिता, प्रेम की स्थिति में मजा आ जाने वाला समय है।
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