टीम ने 168 बंदर पकड़ कर पिंजरे में बंद किए
बंदरों के उत्पात से निजात पाने के लिए टोल फ्री -नंबर 1800-180-2700 पर दे सकते हैं शिकातय
करनाल। अपना शहर जल्द ही बंदरों से मुक्त होगा। नगर निगम इसके लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव के निर्देश पर मथुरा से लाई गई बंदर पकड़ने वाली टीम अब तक रिकॉर्ड 168 बंदर पकड़ चुकी है। ताजा जानकारी के अनुसार गुरूवार को एक दिन में ही अलग-अलग जगहों से 35 बंदर पकड़े गए। कैसे पकड़ते हैं बंदरों को- उछल-कूद करने वाले इस जानवर को देखकर कोन भयभीत नहीं होता। लेकिन मथुरा के रईस खान के लिए इन्हे पकड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है। बतौर रईस जहां से भी बंदरो के उत्पात की शिकायत मिलती है, टीम वहां का मुआयना कर एक पिंजरा लगा देती है। जिसमें मुंगफली, चने इत्यादि रख दिए जाते हैं।
जैसे ही बंदर लालचवश इन चीजो को खाने के लिए पिंजरे में जाता है, दूर बैठा एक व्यक्ति तुरंत पिंजरे के गेट से बंधी रस्सी को छोड़ देता है, तपाक से पिंजरा बंद हो जाता है और बंदर उसके अंदर। फिर उसके बाहर भागने का कोई उपाय नहीं बचता। निगमायुक्त ने बताया कि बंदरो को पकड़ने के बाद पहले पशु-पालन विभाग के डॉक्टरों से उनका मैडिकल करवाया जाता है और फिर वन्य प्राणी विभाग के कारिंदों के साथ निगम की टीम कलेसर के जंगलों में जाकर उन्हें छोड़ आती है।
इस प्रकार उछल-कूद करने के लिए बंदरों को दूसरा वातावरण मिल जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से अब तक मुख्य सफाई निरीक्षक की देखरेख में टीम ने शहर के कर्ण विहार, जुण्डला गेट, सैक्टर-13, सैशन मार्ग, प्रेम नगर सरकारी स्कूल एरिया, कश्मीरा सिंह पार्क, काछवा रोड़ पर एफ.सी.आई. का गोदाम, बलड़ी गांव तथा शुगर मिल एरिया से बंदरो को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति बंदरों को पकड़ने की शिकायत निगम के टोल फ्री नम्बर 1800-180-2700 पर दे सकता है, शिकायत मिलने के बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बंदरों के उत्पात से निजात पाने के लिए टोल फ्री -नंबर 1800-180-2700 पर दे सकते हैं शिकातय
करनाल। अपना शहर जल्द ही बंदरों से मुक्त होगा। नगर निगम इसके लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है। निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव के निर्देश पर मथुरा से लाई गई बंदर पकड़ने वाली टीम अब तक रिकॉर्ड 168 बंदर पकड़ चुकी है। ताजा जानकारी के अनुसार गुरूवार को एक दिन में ही अलग-अलग जगहों से 35 बंदर पकड़े गए। कैसे पकड़ते हैं बंदरों को- उछल-कूद करने वाले इस जानवर को देखकर कोन भयभीत नहीं होता। लेकिन मथुरा के रईस खान के लिए इन्हे पकड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है। बतौर रईस जहां से भी बंदरो के उत्पात की शिकायत मिलती है, टीम वहां का मुआयना कर एक पिंजरा लगा देती है। जिसमें मुंगफली, चने इत्यादि रख दिए जाते हैं।
जैसे ही बंदर लालचवश इन चीजो को खाने के लिए पिंजरे में जाता है, दूर बैठा एक व्यक्ति तुरंत पिंजरे के गेट से बंधी रस्सी को छोड़ देता है, तपाक से पिंजरा बंद हो जाता है और बंदर उसके अंदर। फिर उसके बाहर भागने का कोई उपाय नहीं बचता। निगमायुक्त ने बताया कि बंदरो को पकड़ने के बाद पहले पशु-पालन विभाग के डॉक्टरों से उनका मैडिकल करवाया जाता है और फिर वन्य प्राणी विभाग के कारिंदों के साथ निगम की टीम कलेसर के जंगलों में जाकर उन्हें छोड़ आती है।
इस प्रकार उछल-कूद करने के लिए बंदरों को दूसरा वातावरण मिल जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से अब तक मुख्य सफाई निरीक्षक की देखरेख में टीम ने शहर के कर्ण विहार, जुण्डला गेट, सैक्टर-13, सैशन मार्ग, प्रेम नगर सरकारी स्कूल एरिया, कश्मीरा सिंह पार्क, काछवा रोड़ पर एफ.सी.आई. का गोदाम, बलड़ी गांव तथा शुगर मिल एरिया से बंदरो को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति बंदरों को पकड़ने की शिकायत निगम के टोल फ्री नम्बर 1800-180-2700 पर दे सकता है, शिकायत मिलने के बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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