युवा शक्ति संगठन भारत ने उठाई जरूरतमंद बच्चो की शिक्षा की जिम्मेदारी-टिंकू कुमार वर्मा




पिछले 28 महीनो में 800 से  अधिक बच्चो को दिखाई शिक्षा की राह
जैसा कि आप सभी जानते है सामाजिक संस्था युवा शक्ति संगठन भारत( रजि०) पूरे भारत वर्ष में आप सभी के सहयोग एवं मार्गदर्शन से पिछले 28 महीने से एक लक्ष्य लेकर चल रही है जिसका स्लोगन है *स्लम से कलम की ओर* अर्थात जो बच्चे भीख मांगने का कार्य करते ,जो कूड़ा चुकने का कार्य करते है या फिर जो बच्चे गरीबी रेखा से नीचे आते हैं जो पैसे के अभाव के कारण पढ़ने में असमर्थ है अथवा और भी कोई कारण हो सकते उन बच्चो युवा शक्ति संगठन भारत ने शिक्षा से जोड़ने का जिम्मा उठाया हुआ है युवा शक्ति संगठन पूरे भारत वर्ष  में अपने द्वारा संचालित 12 स्लम स्कूलों में बच्चो को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहा है और गुरुग्राम में 8 स्लम स्कूलों में लगभग 600 से अधिक बच्चो को शिक्षित कर रहा है , पिछले 28  महीनो में लगभग 800 से अधिक बच्चो शिक्षा से जोड़ा जा चुका है। गुरुग्राम में संचालित हमारे  8 स्लम स्कूल जहाँ बच्चे शिक्षा ले रहे है
1. *सामुदायिक भवन सेक्टर -9*
2. *फिरोज गांधी कॉलोनी न.1*
3 *हंस इंक्लेक आरोही सुपर स्टार स्कूल)*
4. *राजीव कॉलोनी(आरोही सुपरस्टार)*
5. *राजीव कालोनी(गोल्डन वैली प्री  स्कूल)*
6. *कपासेड़ा बॉर्डर (सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल)*
7. *सरोहल *न्यू सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल)*
8. *कपासेड़ा बॉर्डर (लिटिल फ्लॉवर स्कूल)*
अगर आपको इन सभी हमारे स्कूलों के आसपास की कॉलोनियों में कोई भी ऐसा बच्चा दिखाई देता है जो शिक्षा से वंचित हैं तो उन्हें आप हमारे स्कूल के बारे मे बताईये और बच्चो को सही दशादिशा देने की कोशिश करे जिससे इन बच्चो का भविष्य बनाया जा सके।

*बच्चो को दी जाने वाली सुविधाएं*
1. *निशुल्क शिक्षा*
2. *निःशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा*
3. *निःशुल्क खेल प्रशिक्षण*
      1. *कराटे प्रशिक्षण*
      2. *ताइक्वांडो प्रशिक्षण*
      3. *कबड्डी प्रशिक्षण*
      4. *बैडमिंटन प्रशिक्षण*
आदि खेलो के बारे में बच्चो जानकारी दी जाती है और सभी बच्चो को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
4. *पाठ्य सामग्री (कॉपी, पेन,पेंसिल,किताबें आदि)*
5. *बच्चो को कपड़े एवं जूते*
6. *सप्ताह एक दिन स्पेशल पार्टी*
7. *हर बच्चे का जन्मदिवस बड़े ही धूम - धाम से मनाया जाता हैं ।*
साथियो आपको बताना चाहूंगा युवा शक्ति संगठन भारत के संस्थापक एव राष्ट्रीय अध्यक्ष यूथ आइकन टिंकू कुमार वर्मा ने अपनी 24 वर्ष की उम्र अपना सबकुछ मोह त्याग कर निश्वार्थ भाव से सेवा मैं जुड़े हैं उन्होंने बताया हैं कि वो बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे उनके पास सभी सुख सुविधाओं का अभाव था जब उन्होंने इस कार्य की सुरुआत की तब वह एक छोटे से किराये के मकान में रहते थे उस किसी ही प्रकार का सहयोग उन्हें कही नही मिला बस एक सोच थी एक जुनून था एक हौसला था कि कुछ करना है उन्होंने कहा जो परिस्थितियों का सामने मैने किया है वो किसी और बच्चो को ना करना पड़े जब मैं पढ़ता था जिस दिन भी मेरी स्कूल की छुट्टी होती थी उस दिन काम करने जाता था जिससे घर मे मम्मी पापा को कुछ मदद मिल सके, टिंकू कुमार ने अब अपना जीवन का एक ही मकसद है शिक्षा को घर- घर पहुचाना वो कहते है कि पैसे के अभाव के कारण किसी बच्चे को वंचित नही रहने दिया जाएगा । टिंकू कुमार स्वंम अभी छात्र ही है डॉक्टरी की पढाई के साथ समाजसेवा कर रहे, इस मानवता और इंसानियत के कार्य मे मेरे माता पिता और परिवार का सबसे बड़ा योगदान है ,उन्होंने कहाँ की संगठन को यहाँ तक लाने में कार्यकर्ताओं की कठोर मेहनत और परिश्रम का फल है जो आज गुरुग्राम में ही नही पुरे भारत वर्ष में संगठन ने अपनी छाप छोड़ी है जो अंतरास्ट्रीय स्तर लोग मुहिम अंगदान जीवनदान से प्रेरित होकर आ रहे है और देहदान का संकल्प ले रहे है । टिंकू कुमार ने कहाँ लिए और अपने परिवार के लिए तो हर इंसान जीता हैं हमें अपनों के अलावा भी सोचना होना और वसुधैव कुटुम्बकम के मतलब को समझना होगा जबतक हम पुरे विश्व को हम अपना परिवार नही समझेंगे तक हम समाज के लिए कुछ नही कर सकते इसलिए हमें पहले खुद में बदलाओ लाना होगा ।
           इसलिए आपसे मेरी एक अपील है जहाँ भी आपको लगता है कि मैं किसी की मदद कर सकता हूँ तो आप अवश्य किसी की मदद करे वो इंसान आपको अपने पूरे जीवन मे नही भूल सकता है इसलिये इंसानियत और मानवता के लिए आप आगे आये।

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