मुझे परवाह नहीं बेदर्द ज़माने की, बस जिंदगी भर साथ निभा देना।:डॉ सुलक्षणा अहलावत

आँखों से दिल का हाल बता देना,
जब मिलो मुझसे जरा मुस्कुरा देना।

नादान हूँ मैं इशारे समझता नहीं,
पर तुम प्यार से मुझे समझा देना।

तेरा भरोसा कभी नहीं टूटने दूंगा,
तुम भी मुझे कभी धोखा ना देना।

दिल से रूह तक समा जाऊंगा मैं,
वफ़ा के बदले तुम भी वफ़ा देना।

मुझे परवाह नहीं बेदर्द ज़माने की,
बस जिंदगी भर साथ निभा देना।

तेरे हर दर्द को अपने में समेट लूंगा,
बस तुम दिल के जख्म दिखा देना।

बेपनाह मोहब्बत दूंगा तुम्हें हर पल,
मोहब्बत हो जाये कम तो सजा देना।

तड़पते दिल को करार आ जायेगा,
सुलक्षणा नजरों से नजरें मिला देना।


डॉ सुलक्षणा अहलावत

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