तनावमुक्त, विषादमुक्त जीवन जीने का उपयुक्त माध्यम है गीता: स्वामी ज्ञानानन्द


गुरुग्राम में शुरू हुआ चार दिवसीय दिव्य गीता सत्संग
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज के सानिध्य में शुरू हुआ कार्यक्रम


गुरुग्राम। यहां न्यू कालोनी दशहरा मैदान में चार दिवसीय दिव्य गीता सत्संग कार्यक्रम का शुभारंभ गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज के सानिध्य में शुरू हुआ। इस मौके पर उन्होंने श्रद्धालुओं को गीता से सीख लेकर उसे अपने जीवन में आत्मसात करने की बात पर बल दिया। उन्होंने गीता को जीवन का सार बताते हुये इसे अपनाने को कहा।

परम पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज के सान्निध्य में प्रारंभ हुये इस दिव्य गीता सत्संग में स्वामी ब्रह्म चेतन जी महाराज वंृदावन से पधारे। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रवचनों का रसपान कराते हुये कहा कि गीता संदेशिका, आदेशिका का एवं निर्देशिका का ग्रंथ है। गुरुग्राम के युवा संत विवेकानंद जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में गीता के मर्म को गागर में सागर की भांति वर्णन किया। उनका संदेश था कि गीता जन जन के घर में शोभायमान हो।
इस मौके पर स्वामी ज्ञाननंद जी ने अपने मुखारबिंद से गीता के मर्म को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने कहा कि गीता तनावमुक्त, विषादमुक्त जीवन जीने के लिए उपयुक्त माध्यम है और उचित ग्रंथ है। मंच संचालन के माध्यम से श्रद्धालुओं को सूचित किया गया कि शनिवार 16 नवम्बर को सुबह 10 बजे स्वास्थ्य शिविर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही रविवार सुबह 10 बजे रक्तदान शिविर का आयोजन किया जायेगा। सभी श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे इन सुविधाओं का लाभ उठाएं। इसके अलावा यह भी बताया गया कि निरंतर तीन दिन सुबह 5.30 बजे बजे से 6.30 बजे तक योग की कक्षा और साढ़े छह बजे से 7.30 बजे तक ध्यान की कक्षा स्वामी जी के सानिध्य में लगेंगी। इसमें भी श्रद्धालु पहुंचे और लाभ उठायें। शुक्रवार को भी यहां पर योग की कक्षायें स्वामी जी के सानिध्य में लगाई गई। काफी संख्या में योग साधक इसमें पहुंचे और शारीरिक लाभ उठाया।

इस मौके पर सुभाष अरोड़ा, समाजसेवी सुरेंद्र खुल्लर, स्टारेक्स यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डा. अशोक दिवाकर, अशोक सीकरी, नरेश गांधी, पूनम भटनागर एडवोकेट, सुभाष ग्रोवर एडवोकेट, ममता सूटा, डा. त्रिलोक आहुजा आदि समाजसेवी मौजूद रहे।


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