पुलिस के बाद अब वकीलों का प्रदर्शन, रोहिणी कोर्ट में आत्मदाह की भी कोशिश, कमिश्नर को लीगल नोटिस ।
नई दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद वकीलों की चल रही हड़ताल आज भी जारी है। आज रोहिणी कोर्ट में एक वकील ने अपने शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की। जब दूसरे वकीलों ने उस वकील को पेट्रोल छिड़कते देखा तो उसे रोका और उसके कपड़े उतारे।
दूसरी घटना भी रोहिणी कोर्ट की ही है। जहां एक वकील 15वीं मंजिल पर चढ़कर कूदने की कोशिश कर रहा था। दूसरे वकील उस वकील को पकड़कर नीचे ले आए। जिस वकील ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क रखा था उसने कहा कि अब ये लड़ाई आत्मसम्मान की हो गई है। हम अपने आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।
वकीलों ने गेट को बंद किया
उधर, साकेत कोर्ट में वकीलों ने गेट को बंद कर दिया है। वकील पक्षकारों को भी कोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की अपील को दरकिनार करते हुए कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ बार एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा की थी। कमेटी के चेयरमैन महावीर सिंह और सचिव धीर सिंह कसाना ने मांगें पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया है।
किरण बेदी ने किया ट्वीट…
दिल्ली पुलिस और वकील के विवाद पर पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि अधिकार और उत्तरदायित्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, नागरिकों को इसे नहीं भूलना चाहिए। हम जो भी हो और कहां भी हो। अगर हम सभी कानून का पालन करते हैं तो कोई विवाद नहीं होता है।
पुलिस जवानों ने की थी ये मांग
वहीं धरना पर बैठे पुलिस जवानों ने कई मांग की थी। इसमें पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन बनाने, पुलिस पर हमला हो तो फौरन कार्रवाई, पुलिसवालों का निलंबन वापस करने, दोषी वकीलों के खिलाफ केस दर्ज करने और दोषी वकीलों का लाइसेंस रद्द करने की मांग शामिल थी। सभी मांगों को मान लिया गया है।
10 घंटे तक पुलिस जवानों का चला धरना
पुलिस वालों का धरना मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और रात 8 बजे तक चला रहा। इस दौरान उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें हुई। सात बार पुलिस अधिकारी हड़ताली पुलिसवालों के बीच आए। ज्वाइंट सीपी, स्पेशल सीपी के साथ-साथ पुलिस कमिश्नर को खुद आना पड़ा, लेकिन पुलिस वाले तभी माने जब उनके मांगों पर मुहर लगी।
पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लीगल नोटिस
नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा है। लीगल नोटिस में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
कहा, पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन पुलिस फोर्स एक्ट का उल्लंघन, उन पर एक्शन क्यों नहीं किया
वकील वरुण ठाकुर ने अमूल्य पटनायक को भेजे अपने लीगल नोटिस में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने ऐसा कर पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 3(1)(ए)(बी)(सी) और धारा 3(2) का उल्लंघन किया है। इस एक्ट की धारा 3 पुलिसकर्मियों को किसी प्रदर्शन में शामिल होने, प्रेस को अपनी मांगों के संबंध में बात करने की मनाही है। नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर हुए इस प्रदर्शन का न्यूज चैनल्स ने दिनभर सीधा प्रसारण किया था।
नोटिस में कहा गया है कि पुलिस बलों का यह कार्य अपने बाहुबल को दर्शाने के लिए किया गया ताकि समाज में डर पैदा हो सके। यह लोकतांत्रिक देश के लिए काफी खतरनाक है। नोटिस में अमूल्य पटनायक से प्रदर्शन में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस फोर्स एक्ट 1966 की धारा 4 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। नोटिस में कहा गया है कि अगर अमूल्य पटनायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
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