जानिये रविशराय गौड़ से किस समय होने वाली है आपकी शादी


जन्मकुंडली में सप्तमेश की महादशा-अंतर्दशा चल रही हो तो उस समय शादी होने के प्रबल योग होते है।



विवाह कारक ग्रह शुक्र या गुरु की महादशा-अंतर्दशा में भी विवाह का योग बनता है।
सप्तम भाव में स्थित ग्रह या सप्तमेश के साथ बैठे ग्रह की महादशा-अंतर्दशा में भी विवाह संभव होता है।
शुक्र चंद्रमा की महादशा मे जब देवगुरू का अंतर आए तो विवाह होने के चांस होते हैं।
यदि कुंडली में शुक्र ग्रह से अन्य कोई ग्रह जो किसी न किसी रूप में सप्तम भाव या भावेश से सम्बन्ध बना रहा हो तो ऎसे ग्रह की महादशा में शादी होती है।

जब एक साथ द्वितीयेश, सप्तमेश तथा एकादशेश की दशा अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर दशा आये तथा गोचर में
सप्तम भाव से सम्बन्ध बन रहा हो तो शादी होगी ऐसा समझना चाहिए नवांश के लग्नेश या सप्तमेश या लग्नस्थ ग्रह या सप्तमस्थ ग्रह की दशा अन्तर्दशा में भी शादी होती ऐसा जानना चाहिए।

गोचर में जिस साल सप्तम भाव पर गुरु तथा शनि का डबल गोचर बन रहा हो तो समझना चाहिए की विवाह का योग बन रहा है। लग्नेश, जब गोचर में सप्तम भाव की राशि में आए अथवा सप्तम भाव, भावेश से युति या दृष्टि सम्बन्ध स्थापित करे तो भी शादी का योग बनता है।

जन्मकुंडली में लग्न, चंद्र लग्न एवं शुक्र लग्न से सप्तमेश, सप्तमस्थ वा सप्तम को देखने वाले ग्रह की दशा-अंतर्दशा चल रही है तो भी शादी होती है। जन्मकुंडली में राहु की दशा चल रही हो तो भी शादी होने के प्रबल चांस होते है।

रविशराय गौड़
ज्योतिर्विद
9926910965

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