झुंझुनूं में एक शिक्षक ने शिक्षा के मंदिर को किया शर्मसार, एक दर्जन बच्चों के साथ शिक्षक ने किया कुकर्म

सैनिक स्कूल झुंझुनूं हुआ शर्मसार, एक शिक्षक ने किया एक दर्जन भर बच्चो के साथ कुकर्म ।
आखिर वो कोनसी वजह है जिसके चलते जिला पुलिस इस मामले को दबाने में लगी हुई है । कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी खुल कर बोलने से क्यों कतरा रहा है ।
बड़ा सवाल ये भी है कि बच्चो के साथ हुए इस कु क्रत्य में सिर्फ एक अकेला शिक्षक ही जिम्मेदार है या स्कूल प्रशासन भी, जब बच्चो के साथ इतनी बडी वारदात हो रही थी तब स्कूल प्रिंसिपल या फिर स्कूल के अन्य बड़े अधिकारियों कहाँ थे उन लोगों ने अपनी जिम्मेदारियां क्यों नही निभाई ।
झुंझुनू- देश में बच्चों को सैनिक बनाने के लिये देश भर के विभिन्न प्रान्तो में सैनिक स्कूल संचालित किये जा रहें हैं। राजस्थान में भी चित्तौडग़ढ़ के बाद दो वर्ष पूर्व झुंझुनू जिले में भी राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल खोला गया था। मगर झुंझुनू का सैनिक स्कूल छात्रों के चारित्रिक निर्माण की जगह चरित्र हनन के अड्डे के रूप में सामने आया हैं। जिले के दोरासर गांव में संचालित सैनिक स्कूल पर बड़ा दाग लग गया है।

यहां के 12 बच्चों के साथ स्कूल में पिछले साल भर से कुकर्म हो रहा था। कुकर्म करने वाला कोई और नहीं बल्कि सैनिक स्कूल का ही एक शिक्षक ऐसा घिनोना कार्य कर रहा था। शिक्षक बच्चों को इतना डराकर रखता था कि कोई उसकी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। आखिर दो बच्चों ने हिम्मत कर प्राचार्य को शिकायत की तो शेष बच्चों ने भी अपने साथ घटी यौन शोषण की बात बताने की हिम्मत जुटा सकें।
यौन शोषण की शिकायत सामने आने के बाद स्कूल के प्राचार्य अभिलाष सिंह ने इस संबंध में स्कूल के शिक्षक के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने बताया कि सैनिक स्कूल का शिक्षक रवींद्र सिंह शेखावत स्कूल में पढऩे वाले 12 बच्चों के साथ एक वर्ष से कुकर्म कर रहा था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच एससीएसटी सैल के पुलिस उप अधीक्षक ज्ञान सिंह को सौंपी गई है। आरोपित का परिवार बीकानेर में रहता है। आरोपित की पत्नी भी शिक्षक है।

अब सवाल उठता है कि एक साल से मासूम बच्चों के साथ कुकर्म होता रहा। शिक्षक उनको डराता रहा धमकियां देता रहा और वहां के प्रबंधन को इसकी भनक तक नहीं लगी । ऐसे में उनके प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगा है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है जांच के अनेक बच्चे और सामने आ सकते हैं। इधर इस घटना के बाद अनेक परिजनों को चिंता सता रही है। अनेक परिजन बच्चों से मिलने भी आ रहें हैं। देशभर में दुष्कर्म का मामला गर्माया हुआ है। जनता में गुस्सा है लेकिन झुंझुनू की पुलिस पूरे मामले को दबाती रही। आखिर उसने ऐसा क्यों किया यह एक बड़ा सवाल है। क्योंकि 8 दिसम्बर को प्रकरण दर्ज करवा दिया गया था। लेकिन पुलिस इसे छिपाती रही। ऐसे में झुंझुनू पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सरकार ने कुछ दिनो पूर्व ही सैनिक स्कूलों में बेटियों को भी प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब बच्चे ही सैनिक स्कूल में सुरक्षित नहीं है तो बेटियां कैसे सुरक्षित रह सकेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश कुमार का कहना है कि बच्चों के साथ यह गलत कार्य हुआ है। इसमें अलग-अलग धाराओं में बीस वर्ष की सजा हो सकती है। इसके अलावा इसमें उम्र कैद की भी सजा का प्रावधान है।

पुलिस उपाधीक्षक एवं जांच अधिकारी ज्ञान सिंह का कहना है कि आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आरोपित के खिलाफ पोक्सो एक्ट की भी धारा लगाई गई है। वहीं पुलिस ने छह बच्चों के 164 में कोर्ट में बयान करवाए हैं। यौन शोषण के शिकार सभी बच्चे नाबालिग हैं जिनकी उम्र 12 से 14 साल तक है।

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