सफाई के नाम पर दोनों हाथों से चांदी कूट रहे हैं ठेकेदार और अधिकारी:मेयर मधु आजाद



मेयर मधु आजाद ने किया खांडसा मंडी का औचक निरीक्षण, निरीक्षण के दौरान एक ओर जहां शौचालय गंदे मिले, वहीं दूसरी ओर खुले में फैला हुआ मिला कूड़ा, शौचालयों में शराब की खाली बोतलें भी पाई गई, मेयर ने शौचालय पर उपस्थित केयर-टेकर को लगाई फटकार, कादीपुर बूस्टिंग स्टेशन में पड़ी मिली खराब मशीनरी तथा कमरों में कर्मचारियों का अवैध कब्जा

गुरूग्राम। अब ऐसा प्रतीत होता है कि गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद अपनी फुल फॉर्म में गई हैं। इसके तहत मेयर प्रतिदिन नगर निगम गुरूग्राम के विभिन्न क्षेत्रों का औचक निरीक्षण कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर सफाई के नाम पर मलाई खा रहे ठेकेदारों और अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज रही हैं।

इसी कड़ी में मंगलवार को मेयर अचानक खांडसा मंडी स्थित सार्वजनिक शौचालय पर पहुंच गई। मेयर को अचानक आया देख शौचालय का केयर-टेकर हक्का-बक्का रह गया, क्योंकि शौचालय की पर्याप्त सफाई नहीं की गई थी। मेयर ने वहां उपस्थित केयर-टेकर को कड़ी फटकार लगाई तथा कहा कि वे शौचालय का रख-रखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी। मेयर ने मंडी तथा आसपास के क्षेत्र की सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण किया तथा पाया कि क्षेत्र में जहां-जहां खुले में कूड़ा फैला हुआ है तथा जिम्मेदारी एजेंसी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। 

मौके पर उपस्थित निगम पार्षद पति नीरज यादव तथा अन्य व्यक्तियों ने बताया कि यहां पर कूड़ा पड़ा होना आम बात है। कूड़ा उठान का कार्य करने वाली एजेंसी इस ओर कोई ध्यान नहीं देती। इसके साथ ही मेयर सार्वजनिक शौचालयों सहित मोबाइल टॉयलेट का निरीक्षण करने के दौरान स्तब्ध रह गई। ये बहुत ही गंदे और बदबूदार मिले तथा कुछ शौचालयों में शराब की खाली बोतलें भी पाई गई। मेयर ने शौचालय के केयर-टेकर को एंट्री रजिस्टर दिखाने के लिए कहा तथा पाया कि केयर-टेकर द्वारा सही प्रकार से एंट्री रजिस्टर नहीं रखा गया है। मेयर ने कादीपुर स्थित बूस्टिंग स्टेशन के दौरे के दौरान पाया कि वहां पर नगर निगम की खराब मशीनरी पड़ी हुई है तथा बूस्टिंग स्टेशन में बने कमरों पर ताले लगे हुए हैं। इसका कारण जानने पर जानकारी मिली कि कुछ कर्मचारियों एवं ठेकेदारों ने कमरों पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है।

मेयर मधु आजाद के अनुसार नगर निगम गुरूग्राम द्वारा सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने तथा शौचालयों का बेहतर रख-रखाव करने के लिए विभिन्न एजेंसियों को कार्य अलॉट किया हुआ है। उन्होंने अपने निरीक्षणों के दौरान पाया है कि ये एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रही हैं, जिसके परिणाम स्वरूप हमारा शहर गंदा रहता है। शहर में जहां-तहां कूड़े के ढ़ेर पड़े हुए हैं, जिनमें आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद व्यवस्थाओं का सही नहीं होना दर्शाता है कि इसमें ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत है। जो अधिकारी और ठेकेदार सफाई के नाम पर चांदी कूट रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा उनकी रिपोर्ट तैयार करके सरकार के पास कार्रवाई हेतु भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी निगम सदन बैठक में भी ऐसे ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु प्रस्ताव पास किया जाएगा।

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