एक माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदा व हिंसक घटनाओं के बढ़ने के संकेत दे रहे हैं यह समय देश के लिये अनुकूल नही है। यह जानकारी देते हुए नक्षत्रलोक ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान के पं. अभिषेक जोशी ने बताया कि आने वाले छह माह में
देशद्रोही ताकते अपना बल प्रयोग करने के साथ ही साम दाम दंड भेद की नीति अपनाते हुए सत्ता पक्ष को कमजोर करने का हर सम्भव प्रयास करेगी यद्यपि उनका यह प्रयास निकट भविष्य में लिये आत्मघाती ही सिद्ध होगा।
राष्ट्रीय सम्पत्ती को नुकसान पंहुचाने के साथ ही आम जनता से लूटपाट चोरी डकैती महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएँ भी बढ़ेगी
पं.श्री जोशी के अनुसार15 दिसम्बर की शाम को देवगुरु ब्रहस्पति अर्थात गुरु ग्रह अस्त होने जा रहे हैं। गुरु का अस्त होने का अर्थ है ज्ञान व विवेक पर पर्दा डलना। हम समझ सकते हैं कि इस स्थिति में अज्ञान व अनाचार की घटनाओं में वृद्धि होगी। गुरु धर्म के भी कारक हैं अतः उनके अस्त होने से अधर्म की घटनाएँ भी होंगी। 16 दिसम्बर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि मे प्रवेश कर वहाँ पहले से मौजूद गुरु-शनि व केतु के साथ युति कर चतुर्ग्रही योग बनाएगा। साथ ही राहु से समसप्तक योग बनाएगा जो प्राकृतिक आपदा को निमंत्रण देने वाला है। यह चतुर्ग्रही योग अब तक यहाँ शुक्र के रहने से बन रहा था जो 16 दिसम्बर को ही धनु राशि से मकर में प्रवेश कर जाएगा।
22 दिसम्बर को बुद्धि का कारक ग्रह बुध अस्त हो जाएगा। ज्ञान व विवेक के कारक ग्रह गुरु पहले ही अस्त हो चुके हैं और अब बुद्धि के कारक ग्रह बुध के भी अस्त होने से अधर्म व अनाचार की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि होगी। विगत दिनों महिलाओं, युवतियों व मासूम बालिकाओं के साथ जो वीभत्स घटनाएँ हुई हैं उन्हें देखते हुए हमें इन्हें लेकर विशेष सावधनी व सतर्कता उक्त ग्रह स्थिति के चलते रखना होगी।
25 दिसम्बर को बुध भी धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा और यहाँ पंचग्रही योग बनाएगा। इसी के साथ 25 दिसम्बर को ही मंगल तुला से वृश्चिक राशि मे प्रवेश कर धनु राशि में स्थित सूर्य, गुरु, शनि, केतु व बुध के साथ द्विद्वादश योग व मिथुन राशि मे स्थित राहु से मङ्गल का षडाष्टक योग बनेगा। यह ग्रह गोचर बड़ी अशांति की वजह बनने के प्रबल संकेत दे रहे हैं। आपराधिक व आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के साथ सीमा पर भी अशांति बढ़ेगी व युद्ध के हालात बनेंगे। सभी ग्रहों का एक ही कोण में होना भी आंतरिक युद्ध की स्थिति बनने के संकेत दे रही है।
31 दिसम्बर को न्याय का कारक ग्रह शनि भी अस्त हो जाएगा। ज्ञान, विवेक व बुद्धि के कारक ग्रहों के अस्त होने के बाद न्याय, कानून व सहनशीलता के कारक ग्रह का अस्त होने के कारण अनाचार, अत्याचार के साथ न्याय के विरुद्ध घटनाएँ होंगी। यह स्थिति सरकार या प्रशासन के किसी कार्य या फैसले को लेकर असहनशीलता या असंतोष व आक्रोश बढ़ने के संकेत भी दे रही है।
इस बीच 25 दिसम्बर को धनु राशि में चन्द्र का भी प्रवेश हो जाएगा और यहां षटग्रही योग बनेगा। एक ही राशि मे छः ग्रहों का एकत्र होना बड़ी प्राकृतिक आपदा अर्थात भूकम्प, तूफान, सुनामी, अतिवृष्टि की तरफ संकेत के साथ ही अग्नि से संबंधित घटनाएँ एवं ज्वालामुखी के सक्रिय होने की स्थिति बना रहा है।
26 दिसम्बर को धनु राशि में छः ग्रहों की युति के बीच साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा। पौष अमावस्या, गुरुवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो भारत मे भी दृश्य होगा।
इसका प्रभाव मेष राशि को अपमान, वृषभ को कष्ट, मिथुन को जीवनसाथी कष्ट, कर्क को सुख, सिंह को चिंता, कन्या को कष्ट, तुला को धनलाभ, वृश्चिक को हानि, धनु को घात, मकर को हानि, कुम्भ को लाभ व मीन को सुख के रूप में फलीभूत होगा।
सिंध व बिहार के भाग किसी समस्या का सामना करेंगे। कहीं वर्षा से हानि भी होगी ।
इसके ठीक 15 दिन बाद 10 जनवरी, 2020 पौष पूर्णिमा, शुक्रवार को उपछाया चन्द्रग्रहण होगा। यह ग्रहण भी भारत मे दृश्य होगा। अतः भारत में इनका प्रभाव अवश्य देखने को मिलेगा।
यह दोनो ग्रहण भारतीय राजनीति में प्रतिष्ठित व्यक्तियों, व्यापारियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं सैन्य अधिकारियों के लिये भयावह है पाकिस्तान, अमरीका इजरायल उत्तर कोरिया एवं भारत की शासन व्यवस्था में उलटफेर की स्थिति भी निर्मित होगी।
भारत एवं मुस्लिम राष्ट्रों के साथ चीन व जापान भयंकर प्राकृतिक आपदा विस्फोट आफ से भारी जनधन हानि के योग बनने के साथ भारत व विश्व के प्रतिष्ठित शासकों के लिये भयावह स्थिति उत्पन्न करने वाला भी रहेगा।
"क्रूर - संयुक्ते सूर्येद्वोर्ग्रहणे नृपतिक्षय:।
राष्ट्रभङ्गमिति प्राहुर्प्राज्ञा वै मुनिश्वरा:।।
सत्तारूढ़ दल के प्रमुख नेता के सत्ताच्युत होने से भाजपा के लिये सन 2020 कठिनाई भरा रहेगा।
कांग्रेस को पुनर्जीवित होने में अभी समय लगेगा। भारत की जनता वंशवाद की राजनीति से विमुख हो राष्ट्रवादी मानसिकता को बल प्रदान करेगी ।
पं. अभिषेक जोशी
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