पंचायत चुनाव में 3 पदों के उम्मीदवारों की खिसक सकती जमीन । सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और प्रधान पद के उम्मीदवार लॉटरी से प्रभावित होंगे ।
प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव पूरी तरह से उलझ चुका है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में अब एक बार फिर से पंचायत चुनाव की लॉटरी निकल सकती है. इसके बाद में पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों का समीकरण पूरी तरह से बदल गया है। प्रदेश की 4588 ग्राम पंचायत, 140 पंचायत समितियां कोर्ट के फैसले से प्रभावित हो रही हैं. यदि लॉटरी निकली तो उम्मीदवारों की तैयारियां धरी की धरी रह जाएंगी. पंचायत चुनाव में 3 पद के उम्मीदवारों की जमीन खिसक सकती है. सरपंच पंचायत समिति सदस्य और प्रधान पद के उम्मीदवार लॉटरी से प्रभावित होंगे। ऐसे में अब मिले-जुले कयासों के बीच पंचायतों में नए-नए चर्चे शुरू हो गए हैं. चर्चा इस बात की भी है कि क्या पंचायतीराज जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के चुनाव देरी से हो सकते हैं क्योंकि बोर्ड की परीक्षाएं भी फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी. ऐसे में परीक्षाएं प्रभावित न हों, इसके लिए भी जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव परीक्षाओं के बाद हो सकते हैं लेकिन इन सबके बीच सरपंच उम्मीदवारों की जमीन खिसक चुकी है क्योंकि गोठ और वोट दोनों पर सरपंच उम्मीदवारों का पूरा फोकस देखा जा रहा है।गांव में रोजाना हो रही गोठ को रोकने पर वोट प्रभावित होंगे और गोठ चलती रही तो सरपंच उम्मीदवारो का कर्ज बढ़ता चला जाएगा. ऐसे में सरपंच उम्मीदवारों के उलझने लगातार बढ़ती जा रही है कि क्या हमारे गांव में भी एक बार फिर से लॉटरी निकाली जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो कई सरपंच उम्मीदवारों का इस बार सरपंच बनने का सपना केवल ख्वाब ही रह जाएगा। ऐसे में निर्वाचन विभाग और पंचायती राज विभाग पूरी तरह से पंचायत चुनाव में उलझ चुका है क्योंकि पंचायत चुनाव की तस्वीर अब भी धुंधली ही दिखाई दे रही है. ऐसे में पंचायतों से अब यह सवाल निकलने लगे हैं कि आखिरकार प्रदेश में किस तरीके से पंचायती राज चुनाव होंगे और कब हम हमारे गांव का मुखिया चुन पाएंगे
प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव पूरी तरह से उलझ चुका है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में अब एक बार फिर से पंचायत चुनाव की लॉटरी निकल सकती है. इसके बाद में पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों का समीकरण पूरी तरह से बदल गया है। प्रदेश की 4588 ग्राम पंचायत, 140 पंचायत समितियां कोर्ट के फैसले से प्रभावित हो रही हैं. यदि लॉटरी निकली तो उम्मीदवारों की तैयारियां धरी की धरी रह जाएंगी. पंचायत चुनाव में 3 पद के उम्मीदवारों की जमीन खिसक सकती है. सरपंच पंचायत समिति सदस्य और प्रधान पद के उम्मीदवार लॉटरी से प्रभावित होंगे। ऐसे में अब मिले-जुले कयासों के बीच पंचायतों में नए-नए चर्चे शुरू हो गए हैं. चर्चा इस बात की भी है कि क्या पंचायतीराज जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के चुनाव देरी से हो सकते हैं क्योंकि बोर्ड की परीक्षाएं भी फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी. ऐसे में परीक्षाएं प्रभावित न हों, इसके लिए भी जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव परीक्षाओं के बाद हो सकते हैं लेकिन इन सबके बीच सरपंच उम्मीदवारों की जमीन खिसक चुकी है क्योंकि गोठ और वोट दोनों पर सरपंच उम्मीदवारों का पूरा फोकस देखा जा रहा है।गांव में रोजाना हो रही गोठ को रोकने पर वोट प्रभावित होंगे और गोठ चलती रही तो सरपंच उम्मीदवारो का कर्ज बढ़ता चला जाएगा. ऐसे में सरपंच उम्मीदवारों के उलझने लगातार बढ़ती जा रही है कि क्या हमारे गांव में भी एक बार फिर से लॉटरी निकाली जाएगी. यदि ऐसा हुआ तो कई सरपंच उम्मीदवारों का इस बार सरपंच बनने का सपना केवल ख्वाब ही रह जाएगा। ऐसे में निर्वाचन विभाग और पंचायती राज विभाग पूरी तरह से पंचायत चुनाव में उलझ चुका है क्योंकि पंचायत चुनाव की तस्वीर अब भी धुंधली ही दिखाई दे रही है. ऐसे में पंचायतों से अब यह सवाल निकलने लगे हैं कि आखिरकार प्रदेश में किस तरीके से पंचायती राज चुनाव होंगे और कब हम हमारे गांव का मुखिया चुन पाएंगे
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