बादशाहपुर के ऐतिहासिक किले की जमीन की भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुई पैमाई, अवैध कब्जाधारियों की नींद उडी

3 दिनों में रिपोर्ट तैयार करके पेश की जायेगी कोर्ट में-डयूटी मजिस्ट्रेट


बादशाहपुर में बने 800 साल पुराने मुगलकालीन किला जिसका अब पूरी तरह से अवैध कब्जाधारियों ने अस्तित्व मिटा दिया। है, की जमीन की आज पैमाईस की गई। याचिकाकर्ता बादशाहपुर निवासी प्रदीप निराला पत्रकार ने माननीय एनजीटी, माननीय गुडगांव कोर्ट में षिकायत देकर इस ऐतिहासिक किले को कब्जामुक्त कराने की आवाज उठाई। कोर्ट के आदेश पर आज करीब 400 पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में किले की जमीन की पैमाईस की गई। जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हर एक व्यक्ति की जुबान पर बस यही बात है कि अब जल्द ही किले पर बने अवैध कब्जों को तोड दिया जायेगा। जो लोग ये कहते थे कि सालों से अवैध कब्जा कर रह रहे लोगों को अब नहीं हटाया जायेगा, उनकी जुबान पर ताले लग गये हैं।

सोमवार की सुबह से ही बादशाहपुर पुलिस थाने में सैकडों की संख्या में पुलिसकर्मी जुटना शुरू हो गये थे। पटवारी लक्ष्मण, गिरदावर हरियोम, डयूटी मजिस्ट्रेट महेंद्र यादव की मौजूदगी में पूरा अमला किले की जमीन की पैमाईस करने पहुंच गये। एक साथ सैकडों की संख्या में पहुंचे पुलिस कर्मियों को देख अवैध कब्जाधारियों के होश  उड गये। मौके पर पहुंच कर अधिकारियों ने ड्रोन, दूरबीन व अन्य तरीकों से किले की पूरी जमीन की पैमाईस शुरू कर दी। दोपहर 12 से बजे से शाम करीब सवा 5 बजे तक 5 घंटे पैमाईस की गई। डयूटी मजिस्ट्रेट महेंद्र यादव से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोगों ने भारी मात्रा में अवैध कब्जा किया हुआ है। उन्होंने बताया कि आज किसी भी अवैध कब्जाधारी ने पैमाईस के दौरान कोई विरोध नहीं किया। ऐतिहासिक धरोहर करीब 800 साल पुराने मुगलकालीन किले को पूरी तरह से तबाह करके अवैध कब्जे किये हुए है। डयूटी मस्ट्रिेट ने बताया कि 3 दिनों में पूरी रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में पेश कर दी जायेगी। जिसके बाद कोर्ट के आदेष पर आगे की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

इससे पहले भी किया गया था पैमाईस करने का प्रयास
डयूटी मजिस्ट्रेट महेंद्र यादव ने बताया कि पटवारी लक्ष्मण व गिरदावर हरियोम ने करीब 3 माह पूर्व भी कोर्ट के आदेश पर किले की जमीन की पैमाईस करने का प्रयास किया था, लेकिन वहां पर रहने वाले अवैध कब्जाधारियों ने उन्हें पैमाईस तक नहीं करने दी थी। जिसके चलते आज सैकडों पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में पैमाईस को अंजाम दिया गया। जल्द ही पूरी रिपोर्ट माननीय कोर्ट में पेश कर दी जायेगी। जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।

याचिकाकार्ता प्रदीप निराला ने बताया कि उन्होंने पत्रकार होने का अपना धर्म निभाते हुए अक्टूबर 2017 में  अपने समाचार पत्र के माध्यम से बादशाहपुर स्थित ऐतिहासिक मुगलकालीन किले का अस्तित्व मिटाकर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ मुहीम छेडी थी। उनके द्वारा उठाई गई आवाज के कारण ही तत्कालीन पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल डाॅक्टर प्रवीण कुमार ने किले पर बने अवैध कब्जों वाली जमीन का दौरा कर अवैध कब्जाधारियों से कहा था कि किले की जमीन को कब्जा मुक्त करवाना ही पडेगा। जिसके बाद से ही अवैध कब्जाधारी मुझे अपना दुश्मन समझने लगे और मौका मिलते ही सबक सिखाने की बात एक दूसरे से कहने लगे। मार्च 2018 में बादशाहपुर निवासी आनंद शर्मा का किसी ने मर्डर कर दिया था। इन अवैध कब्जाधारियों ने पुलिस के साथ मिली भगत करके मुझे उस मर्डर केस में साजिशकर्ता बताते हुए केस में झूठा फसा दिया। जिसके चलते मुझे पूरे साढे पांच महीने जेल में भी रहना पडा। निराला के कहा कि पत्रकारों के जीवन में बहुत से उतार चढाव आते हैं, मेरे खिलाफ भी साजिश में अवैध कब्जाधारी उस समय सफल हो गये थ।  प्रदीप निराला ने बताया कि मुझे व मेरे परिजनों को माननीय कोर्ट व कानून पर पूरा भरोसा था कि हमे न्याय जरूर मिलेगा। निराला ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट ने मुझे इस केस में जमानत दी। जेल से बाहर आने के बाद मैने अपनी किले पर कुछ लोगों द्वारा किये गये अवैध कब्जों की मुहीम को फिर से उठाया। जिसके बाद आज माननीय कोर्ट के आदेष पर ही किले की जमीन की पैमाईस की गई। आज एक बार फिर से अधिकारियों ने माना कि भारी मात्रा में लोगों ने अवैध कब्जे किये हुए हैं। जिनकी रिपोर्ट जल्द बनाकर कोर्ट में पेष कर दी जायेगी। जिसके बाद किले की जमीन को जल्द ही कब्जामुक्त कर दिया जायेगा।

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