मरने वालो की पहली पसंद बना गुरुग्राम का मेदांता मेडिसिटी,सबसे जयादा मौतों के लिए जिम्मेवार

गुरुग्राम: टीम अजेयभारत : आज हम अपने पाठको को बताने जा रहे है उन अस्पतालों का एक काला सच जो की ये अस्पताल वाले कभी नहीं बताएँगे, बढ़ा चढकर अपनी खुबिया गिनवाने वाले इन अस्पतालों में आने के बाद भी लोग अपनी जान गवां रहे है ये बात कोई भी नहीं बताता


मॉल रूपी बड़े बड़े हस्पतालों में मौत के आंकड़े आसमान छूने लगे है आए दिन लापरवाहियों से होने वाली मौत के मामले सुर्खियों में रहते है जिससे मरीजों के परिजनों में असमंजस और भय बना रहता है कि इलाज कराने जाए तो जाए कहां ।


गुरुग्राम के RTI एक्टिविस्ट और अधिवक्ता मोहित खटाना ने प्राइवेट हस्पतालों में मौत के आंकड़ों को जानने को लेकर एक RTI नगर निगम गुरुग्राम में लगाई थी जिसको लेकर हैरान करने वाले मौत के आंकड़े मिले है । वर्ष 2011 से 2016 तक मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में 9,249 लोगो की मौत हो चुकी है आर्टिमिस होस्पिटल में 4,049 , फोर्टिस हॉस्पिटल में 1,386 , मैक्स हॉस्पिटल में 781 , पारस हॉस्पिटल में 2,464, पार्क हॉस्पिटल में 2,108 मतलब मात्र 6 वर्षों में 20,037 लोग इन हस्पतालों में मौत के मुंह में समा चुके है ।

वर्ष 2017 से 2019 की बात करे तो मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में 4,170, आर्टिमिस  हॉस्पिटल में 2,031, फोर्टिस  हॉस्पिटल में 946 , मैक्स  हॉस्पिटल में 458 , पारस हॉस्पिटल में 1,137, पार्क हॉस्पिटल में 1,793, डब्लू प्रतीक्षा हॉस्पिटल में 190 लोग दम तोड़ चुके है ।

कुल आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 30,792 लोग इन प्राइवेट हस्पतालों में दम तोड चुके है। इसका खुलासा करने वाले अधिवक्ता मोहित खटाना का कहना है आजकल बड़े-बड़े हस्पतालों में डॉक्टरों को टारगेट का लालच देकर काम कराने की खबरे आती रहती है कहीं ये विशाल आंकड़ा उन्हीं डॉक्टरों से हुई लापरवाहियों से हुई मौत का दुष्परिणाम तो नहीं दूसरी तरफ आजकल ऐसे भी मामले सामने आते रहते है कि इमरजेंसी में मरीजों को भर्ती करने से पहले हस्पताल प्रबंधक के द्वारा पैसों की मांग की जाती है तब तक परिजन पैसे जमा नहीं कर देते तब तक मरीज का इलाज शुरू ही नहीं किया जाता जिससे उनकी मौत समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण हो जाती हैं.साथ ही सरकारी हस्पतालो की बेरुखी भी इन मौतों के लिए जिम्मेवार हैI

खटाना ने कहा इन सभी शंकाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक पत्र लिखा जा रहा है और इन हस्पतालों की सीबीआई, ईडी, विजिलेंस जांच कराने की गुहार लगाने के साथ- साथ सभी हस्पतालों के शिकायतकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए भी एक निष्पक्ष जांच टीम गठित कराने की मांग की जाएगी जिससे उन लाखो लोगो को न्याय मिल सके जो डॉक्टरों की लापरवाहियों के कारण अपने मरीजों को गवाने के साथ साथ लाखों रुपए भी गवा चुके ।

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