गुरुग्राम के ग्रामीण अंचल का है भरत सैनी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में कर रहा है पढ़ाई
गुरुग्राम। कला का न तो कोई धर्म होता है और न ही वह अमीरी, गरीबी देखती है। इसी कला का धनी बना है गुरुग्राम के ग्रामीण अंचल का छात्र भरत सैनी। भारत के प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे, चरित्र को देश में जिस तरह से देखा जा रहा है, उसे कूची के माध्यम से भरत ने कैनवस पर उतारकर अपनी प्रतिभा को दर्शाया है।
अपनी कला को प्रदर्शित करते हुये भरत सैनी ने दो पेंटिंग बनाई हैं। दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंधित हैं। इन पेंटिंग में उसने उन विषयों को छुआ है, जो कि देश में घटित हो रहे हैं। चाहे एनआरसी का मुद्दा हो, भारतीय अर्थ व्यवस्था हो, बीजेपी की मजबूती हो या फिर मीडिया को अपने पक्ष में करने की बात, संसद पर राज हो या फिर गरीबों पर मार की बात हो। विपक्ष द्वारा इन सब मुद्दों को लेकर देश में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके पीएम मोदी को घेरा जा रहा है। इन्हीं को भरत सैनी ने कला का रूप दिया है। विपक्ष के आरोपों को अपने दिमाग की उपज से भरत ने एक पेंटिंग में दिखाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के ऊपर बैठे हैं। उनके देवताओं की तरह चार हाथ दिखाये गये हैं। उनके कदमों में गरीब को दबे हुये दिखाया गया है तो मीडिया को उनकी जेब में। भारतीय अर्थव्यवस्था रूपी मटका खाली दिखाते हुये उस पर सवालिया निशान भी लगाया गया है। इसी तरह से एक हाथ में कमल का फूल तो एक हाथ में एनआरसी कानून के कागजात हैं। यह पेंटिंग अपने आप में बहुत कुछ संदेश दे रही है।
वहीं दूसरी पेंटिंग में भरत सैनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह को शामिल किया है। एक तरफ तो अमित शाह संसद में बीजेपी की बीज डाल रहे हैं और दूसरी तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी उसमें पानी डाल रहे हैं। इसके बाद संसद से कमल का फूल खिलता है। इस पेंटिंग से साफ संदेश है कि इन दोनों नेताओं ने मिलकर जिस तरह से बीजेपी को मजबूत किया है। देशभर में कमल खिलाया है, वह इनके ही संघर्ष के कारण हुआ है। संघर्ष इतना किया कि इनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। दोनों पेंटिंग को काफी सराहना मिल रही है। क्योंकि विपक्ष के प्रहार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से फैसले ले रहे हैं, वे अपने आप में ऐतिहासिक हैं।
बीएचयू में पढ़ाई कर रहा है भरत
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के छात्र भरत सैनी मूलरूप से गुरुग्राम के खंड पटौदी हेलीमंडी में टोडापुर गांव के रहने वाले हैं। पेशे से पत्रकार पिता फतह सिंह उजाला के बेटे भरत सैनी का बचपन भले ही गांव की गलियों में खेलते-कूदते गुजरा हो, लेकिन अपनी उच्च शिक्षा के लिए उसने घर छोड़ विश्वविद्यालयों के कैंपस में रहना पड़ा। कला संकाय में स्नातक भरत ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से की है और अब स्नातकोत्तर के लिए वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ रहा है। भरत ने कुरुक्षेत्र में स्नातक के दौरान दो मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। यूनिवर्सिटी स्तर पर प्रथम स्थान लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर बनाई पेंटिंग प्रदर्शनी के लिए चुनी गई। दिल्ली, अमृतसर, लुधियाना आदि स्थानों पर लगी कला प्रदर्शनी में भरत की पेंटिंग का जलवा रहा।
0 Comments