रोड नहीं तो टोल नहीं बस यूनियन धरने पर बैठा

दमोह जबलपुर राज्य मार्ग का मामला
 (रजत दास वैष्णव)

दमोह 18 जनवरी /रोड नहीं तो टोल नहीं के नारे को लेकर दमोह बस यूनियन ने दमोह जबलपुर राज्य मार्ग पर धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर विरोध किया। स्थानीय मारू ताल के समीप बने टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन के साथ विभिन्न प्रकार के आरोप संबंधित विभाग और सरकार पर लगाए जाते रहे। ज्ञात हो कि दमोह से जबलपुर की ओर जाने वाले राज्य मार्ग को लेकर निर्माण के समय से ही उसकी गुणवत्ता और निर्धारित मापदंडों को लेकर प्रश्न चिन्ह अंकित होते रहे हैं । साथ ही सड़क का अधिकांश भाग गड्ढों में तब्दील हो जाने पर विभिन्न संगठनों द्वारा ज्ञापन सौंपकर विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी व्यक्त की गई थी। परंतु सकारात्मक परिणाम जितने आना चाहिए उतने कभी नहीं आए इसके पीछे के कारण क्या है यह तो संबंधित विभाग ही जानता है या फिर ठेकेदार परंतु दोनों की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर प्रश्न उठते रहे हैं जो लगातार जारी हैं ।

निर्धारित मापदंडों से दूर सड़क मार्ग-
दमोह से जबलपुर की ओर जाने वाले राज्य मार्ग के निर्माण के समय से ही उसकी गुणवत्ता और निर्धारित मापदंडों पर प्रश्न चिन्ह अंकित होते रहे हैं। जानकारों की माने तो सड़क मार्ग पर प्रत्येक छोटे और बड़े ग्राम में ट्रक और वस ले के साथ में पूरे मार्गदर्शन के लगाए जाते हैं। सड़क पर कम से कम मोड़ रखे जाते हैं साथ ही टोल प्लाजा पर एंबुलेंस सड़क के दोनों तरफ पानी निकासी के लिए पर्याप्त साधन फूड प्लाजा शौचालय इत्यादि होना अति आवश्यक बतलाए जाते हैं । परंतु उक्त सड़क मार्ग पर उक्त सुविधाएं कितनी है यह सभी जानते हैं महत्वपूर्ण बिंदु तो यह भी है कि इस मार्ग का प्रयोग माननीय न्यायालय के न्यायधीश गण केंद्रीय और राज्य मंत्री तथा अधिकारी वर्ग जनप्रतिनिधि लगातार करते रहते हैं ।

गंभीर आरोप अनिश्चितकालीन धरना-
रोड नहीं तो टोल नहीं के नारे को लेकर धरने पर बैठे दमोह बस यूनियन के अध्यक्ष शंकर राय ने चर्चा के दौरान कहा कि यह जो समस्या है अकेले बस यूनियन की नहीं है यह एक जन समस्या है और इसके लिए सबको साथ में आकर विरोध करना चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इसके लिए पूर्ण रूप से एमपीआरडीसी और सरकार जिम्मेदार है। श्री राय ने कहा कि वाहन मालिक को जहां वाहन क्रय करते समय लाइफ टाइम टैक्स देना पड़ता है तो वही टोल टैक्स भी देना पड़ता है वह दोनों देता है

फिर भी वह सुविधा उसको नहीं मिल पाती है जिसका उसको और यात्रियों को हक है। यात्रा में व्यवधान आना वाहनों में टूट-फूट होना दोनों ही उपभोक्ता के साथ छलावा कहे जा सकते हैं । उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह धरना अनिश्चितकालीन है अगर संबंधित विभाग हमारी मांगों को मानते हुए अभी सड़क मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य प्रारंभ कर दें तो हम धरना और प्रदर्शन को रोकने पर विचार कर सकते हैं अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अपने साथियों के साथ ही यहीं बैठे रहेंगे। धरना प्रदर्शन में बस यूनियन के साथ ही विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि हम सभी जनहित की मांग में एक साथ एकजुट हैं।

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