रेवाड़ी फोटो : लोक अदालत में खुशनुमा माहौल में लंबित वादों का आपसी सहमति से निपटान करते न्यायधीश एवं अधिवक्तागण।
धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी।
जिला न्यायिक परिसर में जिला एवं सत्र न्यायधीश दिनेश कुमार मितल की मौजूदगी में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की ओर से राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। इसमें तीन बैंचों के एक साथ बैठक 1617 लंबित वादों में से 974 वाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति से निपटा दिए गए।
सीजेएम कीर्ति जैन ने बताया कि इस अदालत में जिला एवं सत्र न्यायधीश दिनेश कुमार मितल, पारिवारिक अदालत के प्रधान न्यायधीश नरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल राठी, की अदालतों ने दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर 974 लंबित वादों का आपसी समझौते के आधार पर निपटान कर दिया गया। इनमें मोटर दुर्घटना मुआवजा के 29 वादों के निपटान के तहत सड़क हादसों में मृतक के परिजनों को कुल 10843000 रूपए मुआवजा मंजूर किया गया, जिस पर दोनों पक्ष सहमत हो गए। इसी प्रकार चैक निरादरण के 28, 117 दीवानी वाद एवं अन्य वाद शामिल हैं। उपमंडल स्तर पर भी ऐसी अदालतें लगाई गई।
सीजेएम कीर्ति जैन ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति से अदालत में लंबित वाद को सुलझाया जाता है और एक बार फैसला होने के बाद उस निर्णय पर किसी भी अदालत में दोबारा सुनवाई नहीं होती। अदालत में इस प्रकार वाद निपटने से दोनों पक्षों का समय और धन बचता है। लोक अदालत में अधिवक्ता राजीव गुप्ता, अशोक यादव, प्रवेश हरित, संजीव गौतम, राजेश कसाना एवं अन्य अधिवक्ताओं ने अपना सकारात्मक सहयोग दिया।
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