दुष्यंत जी, बदलाव लाएंगे, लेकिन उम्मीद नहीं थी करेंगे ऐसी नादानी

सुनो! भाजपा जजपा सरकार की कहानी,
बियर सस्ती करके, कर दिया महंगा पानी।
देखो अब घर घर मिलेंगी शराब की पेटियां,
दूध दही का खाना हो जाएगी बात पुरानी।


सुनो! पूरे 700 गाँवों में ठेके नहीं खोलेंगे,
लेकिन फिर भी ठेकों की संख्या है बढ़ानी।
सौ नए ठेके खोलेंगे, खोलेंगे नए बियर बार,
सारी रात खुलेंगे बार, शराब खूब है बहानी।

सुनो! देसी शराब बंद होगी अगले साल से,
अंग्रेजी शराब ही मिलेगी, सुनी है जुबानी।
कर्ज में डूबेंगे पीने वाले, होंगी खूब लड़ाई,
नशे में डूब जाएगी अखाड़ों वाली जवानी।

कभी कहते थे दुष्यंत जी, बदलाव लाएंगे,
लेकिन उम्मीद नहीं थी करेंगे ऐसी नादानी।
"सुलक्षणा" कोशिश कर आईना दिखाने की,
सच कहने से घबराना नहीं, बन जा मर्दानी।

डॉ सुलक्षणा

Post a Comment

0 Comments