निजी चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग की ढ़ांचागत सुविधाओं का उपयोग करते क्षय उन्मूलन में बने भागीदार: जिला कलक्टर यूडी खान
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निजी चिकित्सकों की कार्यशाला में जिला कलक्टर ने दिए निर्देश
झुंझुनूं। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में निजी चिकित्सकों की सहभागिता बढ़ाने के दिशा सोमवार सांय होटल जमुना रिसोर्ट में जिला कलेक्टर यूडी खान की अध्यक्षता में कार्यशाला संपन्न हुई। जे. क्लिंटन फाउंडेशन (जीत प्रोजेक्ट) के सहयोग से हुई इस कार्यशाला में जिला कलक्टर खान ने जिले के सभी निजी चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि वे क्षय उन्मूलन में स्वास्थ्य विभाग के समस्त ढ़ांचागत सुविधाओं का उपयोग करते हुए झुंझुनूं जिले को क्षय मुक्त करने में सहयोग करें। जिला कलक्टर ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष-2025 तक देश-प्रदेश से टीबी रोग का उन्मूलन किया जाना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिले के सभी निजी चिकित्सकों द्वारा अपने अधीन उपचारित समस्त टीबी रोगियों का शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन की अनुपालना में अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही समस्त टीबी रोगियों का एचआईवी टेस्ट, निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी, यूडीएसटी एवं ट्रीटमेंट आऊटकम आदि बिंदूओं का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यशाला में जिला कलक्टर ने सभी निजी चिकित्सकों से अपने स्तर पर उपचारित प्रत्येक टीबी रोगी को सरकार की निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उपचार की पूरी अवधि तक प्रति माह 500 रूपये की सहायता दिलवाने व प्रत्येक टीबी रोगी की ड्रग एडरेंस व ईलाज के बाद मरीज का आऊट-कम का निर्धारण निक्षय पोर्टल पर दर्ज किया जाने की बात कहीं। कार्यशाला के प्रांरभ में आईएमए के टीबी समन्वयक डॉ. एसएन शुक्ला ने जिला कलक्टर यूडी खान का पुष्पगुछ भेंट कर स्वागत किया। वहीं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विजय सिंह ने जिले में टीबी केस नोटिफिकेशन की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत की तथा राज्य स्तर पर जिले की टीबी नोटिफिकेशन में जिले की भागीदारी पर प्रकाश डाला।
अब निजी अस्पताल-क्लीनिकों में भी मिलेगी ‘‘टीबी की नि:शुल्क दवा’’
कार्यशाला में राज्य स्तर प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुए डब्लू.एच.ओ. कन्सल्टेंट डॉ. विवेक मिश्रा निजी चिकित्सकों को निक्षय सॉफ्टवेयर से जुडी जानकारियां देते हुए बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब प्रत्येक निजी चिकित्सों के लिए अपने अधीन उपचारित समस्त टीबी रोगियों के लिए स्वास्थ्य विभाग नि:शुल्क दवा उपलब्ध करवाएंगा। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर प्रत्येक टीबी रोगी का सुचारू रूप से इलाज हो पाएगा। डॉ. मिश्रा ने निजी चिकित्सकों से अपनी ही आईडी से संबंधित टीबी रोगियों का एचआईवी टेस्ट, डीबीटी एवं ट्रीटमेंट आऊटकम की इंट्री की जाने की उपयोगिता बताई। साथ ही प्रत्येक टीबी रोगी का यूडीएसटी टेस्ट का महत्व बताया।
कुपोषित, आर्थिक रूप से पिछडे व घनी आबादी क्षेत्र में टीबी के नए रोगी खोजने के निर्देश
कार्यशाला में जिला कलक्टर ने झुंझुनूं जिले में सर्वाधिक नये टीबी रोगियों को खोजने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वे जिले के शहरी क्षेत्र में कच्ची बस्ती, कुपोषित वर्ग, आर्थिक रूप से पिछडे व अल्पसंख्यक घनी आबादी क्षेत्र में टीबी रोगी खोज अभियान के तहत विशेष कार्य योजना तैयार कर डोर टू डोर सर्वें कर संभावित टीबी रोगियों को खोजे और उन्हे अतिशीघ्र उपचार में लाने की कार्यवाही करें। साथ ही जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी रोग की प्रभावी जांच सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में ढ़ांचागत सुधार करें। साथ ही जिला कलक्टर ने सरकारी के साथ-साथ निजी क्षेत्र में ईलाज ले रहे सभी टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना का भुगतान ईलाज अवधि के दौरान ही देने व रोगियों के ईलाज के दौरान निगरानी सिस्टम को सुदृढ एवं प्रभावी किया जाने के निर्देश दिए। वहीं जिला कलक्टर यूडी खान ने निजी चिकित्सकों को निक्षय में नोटिफिकेशन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए जीत प्रोजेक्ट प्रतिनिधि व टीबी कार्यक्रम सुपरवाईजर द्वारा समय-समय पर वन टू वन ऑन साईट प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए।
इन निजी चिकित्सकों ने दी उपस्थिति
कार्यशाला में जिलेभर से लगभग 45 निजी चिकित्सकों व विभिन्न निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और टीबी नोटिफिकेशन प्रक्रिया में विस्तृत प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसमें मुख्य रूप से आईएमए सचिव डॉ. लालचंद ढ़ाका, डॉ. राजेद्र शर्मा, कुंदनसिंह मील, डॉ. जेपी बुगालिया, डॉ. जगदेवसिंह, डॉ. जीएल मोर्य, डॉ. महावीर मील, डॉ. शुभकरण बूरी, डॉ. हरलालसिंह नेहरा, डॉ. राजीव कटारा, डॉ. एसएन नरूका, डॉ. अरविंद सैनी, डॉ. एनसी जैन, डॉ. संजय कुमार, डॉ. आरके शर्मा, डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. कपिल गुप्ता, डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. अजीम अली, डॉ. सीताराम शर्मा, डॉ. राजेश कटेवा सहित राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े जिला कार्यक्रम समन्वयक आनंद चौधरी, ब्लॉक सुपरवाईजर, अशोक डूडी, सुनिल खेदड़, रविंद्रसिंह शेखावत, राकेश कुमार दिनेशसिंह, दिनेश खानखेडिय़ा सहित अन्य कार्मिक उपस्थित रहें। अंत में जीत प्रोजेक्ट सीटी ऑफिसर सुभाष निर्वाण व जिला पीपीएम समन्वयक मोहन चाहर ने कार्यशाला में उपस्थित हुए अधिकारियों व निजी चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। साथ ही जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विजयसिंह ने कार्यक्रमों के उद्देश्यों की पूर्ति की कामना की तथा आशा कि सभी मिलकर झुंझुनंू जिले को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे व अपना सहयोग प्रदान करेंगें।
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