पत्थर बाजो एवं तोड़फौड करने वालो केे साथ आतंकवादी जैसा बरताव करना चाहिए

राजसमंद: महेन्द्र वैष्णव: आमेट मै राष्ट्रीय जैन संत कमल मुनि के प्रवास दौरान जैन श्रावक श्राविकाओ ने स्वागत किया।राष्ट्रीय जैन संत कमल मुनि को देश के 18 राज्यो की सरकारो ने राजकीय अतिथि का दर्जा दे रखा है। संत राजस्थान सरकार के भी राजकीय अतिथि है। ऐसे में संत के प्रवास को लेकर प्रशासन भी सर्तकता बरते हुए है। संत करीब 80 हजार किलो मीटर की पद यात्रा कर चुके है।

संत ने सर्वधर्म संसद की स्थापना कर रखी है। जिसमें सभी धर्मो के धर्माचार्य है। मिडीया से प्रेस वार्ता के दौरान कहा जाति पंत धर्म के नाम लड़ने वाला धरती का सपूत नही हो सकता ये कहना है राष्ट्रीय जैन संत कमल मुनि का। दो दिवसीय आमेट प्रवास पर आए संत ने कहा कि जो लोगों को लड़ाने का काम करे वो देश का सेवक नहीं हो सकता। किसी विषय के बारे में  जानकारी नहीं है तो उसे जानने का प्रयास करें। न कि उस के खिलाफ लोगों को भ्रमित कर सभी का नुकसान करें। विचारो में एक बूंद जहर की भी उन्हे विषैला बना देती है।

 संत ने कहा कि पत्थर बाजो एवं तोड़फौड करने वालो केे साथ आतंकवादी जैसा बरताव करना चाहिए। देश में पाकिस्तान समर्थन में नारे लगाने वालो के खिलाफ सरकारे मुक दर्शक बनी रहती हैं। यदि अमेरिका पाकिस्तान में जाकर आंतकवाद के खिलाफ कार्यवाही कर सकता तो भारत क्यों नही। सीएए के बारे में संत ने कहा कि कई लोग स्वार्थ के वसीभूत हो कर विरोध कर रहे है। कानून देश की सुरक्षा के लिए है। हिंसा या तौड़ फौड़ करने वाले लोकतंत्र को नुकसान पहुचा रहे है। सरकार को नुकसान की भरपाई हिंसा करने वालो से वसुल हो।

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