हमेशा अपना आचरण अच्छा रखना चाहिए आचरण से ही बेहतर पहचान मिलती है - पदमश्री शोवना नारायण
योगेश जांगडा:गुरुग्राम: ‘ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग के तत्वाधान में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसका थीम वाक्य ‘अस्मि’ एवं टैगलाइन ‘बी यू’ रखा गया। कार्यक्रम के दौरान पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं के तौर पर विश्व प्रसिद्ध कथक कलाकार पद्मश्री शोवना नारायण, एसवीएसयू के कुलगुरू श्री राज नेहरू, महानिदेशक हिपा, श्रीमती सुरीना राजन, तीन बार एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली श्रीमती अनीता कुंडू, डॉ. ऋतु बजाज, कुलसचिव, एसवीएसयू, डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. आरएस राठौर एवं विश्वविद्यालय का सभी शिक्षक, गैरशिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत में प्रो. ज्योति राणा ने कार्यक्रम की मध्यस्था की भूमिका निभाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में आए वक्ताओं से महिला दिवस एवं उनके जीवन से संबंधित तमाम तरह की जानकारी प्रदान करवाई। विश्व प्रसिद्ध कथक कलाकार पदम श्री शोवना नारायण ने अपनी बात रखते हुए बताया कि हमें हमेशा बेहतर करना चाहिए। आज भी समाज की सोच हमारे अभिभावकों से अलग है, हमारे माता-पिता को हमारी चिंता नहीं होती, समाज उसके बारे में ज्यादा सोचता है, जिससे बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैनें वहीं किया जो मेरे मन ने कहा यही वजह है कि आज राष्ट्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैंने पहचान बनाई है। हमेशा अपना आचरण अच्छा रखना चाहिए, आपके आचरण से ही आपको बेहतर पहचान मिलती है। ईमानदारी एवं सच्चाई से खुब मेहनत करें, सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है। और जीवन में शॉर्ट कट की कभी सोचे भी नहीं। मेहनत कीजिए एवं कार्य की गहराई में जाइये, सफलता आवश्य मिलेगी।
तीन बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली श्रीमती अनिता कुंडू ने अपने व्यक्तित्व एवं जीवन की कठिनाइयों के बारे में सभी को रूबरू करवाया एवं बताया कि इन्हीं कठिनाइयों की बदौलत सफलता मिली है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आपका जीवन जोश, जुनून एवं लक्ष्य से भरा हो।
परिस्थितियां जैसी भी हो, अपना लक्ष्य तय करें एवं टारगेट तक जायें। सभी इंसान हैं, लड़का, लड़की में फर्क ना करें। अपने सपनों को कभी ना छोडें, इन्ही की बदोलत मैनें सातों महाद्वीप एवं तीन बार माउंट एवरेस्ट तक पहुंची। परिस्थितियों कैसी भी हो अंत तक कोशिश करते रहें, सफलता जरूर मिलेगी।
महानिदेशक, हरियाणा इंस्टियूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन श्रीमती सुरीना राजन ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किये एवं बताया कि महिला होने का मतलब यह कतइ नहीं कि हमें बेहतर अधिकार नहीं हैं। महिलाओं को हर प्रकार के अधिकार मिले हैं, इनका बेहतर कार्यों में प्रयोग करें एवं बेहतर जीवन की कल्पना करें।
विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नहेरू ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया एवं बताया कि जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की सोच रखना चाहिए। आज के समय हर क्षेत्र में लड़कियां बेहतर कार्य कर रही हैं। ट्रेन चलाने से लेकर ट्रक चलाने का कार्य लड़कियां कर रही हैं। जब हम सफर पर जाते हैं, टोल गेट से लेकर पैट्रोल पंप पर तेल भरने का कार्य लड़कियां बखूबी निभा रही हैं। फिर जहन में यह सोचना यह लड़का है या लड़की गलत है। हमें इस प्रकार की धारणाओं को दूर करना चाहिए एवं किसी प्रकार का फर्क करना गलत है। उन्होंने कहा कि हर रोज ही महिला दिवस है, सबको साथ मिलकर कार्य करना चाहिए, जिससे समाज के साथ राष्ट्र की तरक्की होती है।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. ऋतु बजाज ने इस दौरान सभी का धन्यवाद किया एवं कहा कि महिलाओं की हर कार्य में भाग्यदारी हमें बताती है कि हर तरफ महिलाएं बेहतर कार्य कर रही हैं। डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. आरएस राठौर ने कहा कि घर एवं समाज को बेहतर बनाने में महिलाओं का अह्म योगदान होता है, हम सबको साथ मिलकर बेहतरी के लिये कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम की सयोजक प्रो. ज्योति राणा ने इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नेहरू एवं गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया एवं होनहार विद्यार्थियां को उनकी कलाओं के लिये सम्मानित किया गया।
योगेश जांगडा:गुरुग्राम: ‘ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग के तत्वाधान में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसका थीम वाक्य ‘अस्मि’ एवं टैगलाइन ‘बी यू’ रखा गया। कार्यक्रम के दौरान पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं के तौर पर विश्व प्रसिद्ध कथक कलाकार पद्मश्री शोवना नारायण, एसवीएसयू के कुलगुरू श्री राज नेहरू, महानिदेशक हिपा, श्रीमती सुरीना राजन, तीन बार एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली श्रीमती अनीता कुंडू, डॉ. ऋतु बजाज, कुलसचिव, एसवीएसयू, डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. आरएस राठौर एवं विश्वविद्यालय का सभी शिक्षक, गैरशिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत में प्रो. ज्योति राणा ने कार्यक्रम की मध्यस्था की भूमिका निभाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में आए वक्ताओं से महिला दिवस एवं उनके जीवन से संबंधित तमाम तरह की जानकारी प्रदान करवाई। विश्व प्रसिद्ध कथक कलाकार पदम श्री शोवना नारायण ने अपनी बात रखते हुए बताया कि हमें हमेशा बेहतर करना चाहिए। आज भी समाज की सोच हमारे अभिभावकों से अलग है, हमारे माता-पिता को हमारी चिंता नहीं होती, समाज उसके बारे में ज्यादा सोचता है, जिससे बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैनें वहीं किया जो मेरे मन ने कहा यही वजह है कि आज राष्ट्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैंने पहचान बनाई है। हमेशा अपना आचरण अच्छा रखना चाहिए, आपके आचरण से ही आपको बेहतर पहचान मिलती है। ईमानदारी एवं सच्चाई से खुब मेहनत करें, सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है। और जीवन में शॉर्ट कट की कभी सोचे भी नहीं। मेहनत कीजिए एवं कार्य की गहराई में जाइये, सफलता आवश्य मिलेगी।
तीन बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली श्रीमती अनिता कुंडू ने अपने व्यक्तित्व एवं जीवन की कठिनाइयों के बारे में सभी को रूबरू करवाया एवं बताया कि इन्हीं कठिनाइयों की बदौलत सफलता मिली है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आपका जीवन जोश, जुनून एवं लक्ष्य से भरा हो।
परिस्थितियां जैसी भी हो, अपना लक्ष्य तय करें एवं टारगेट तक जायें। सभी इंसान हैं, लड़का, लड़की में फर्क ना करें। अपने सपनों को कभी ना छोडें, इन्ही की बदोलत मैनें सातों महाद्वीप एवं तीन बार माउंट एवरेस्ट तक पहुंची। परिस्थितियों कैसी भी हो अंत तक कोशिश करते रहें, सफलता जरूर मिलेगी।
महानिदेशक, हरियाणा इंस्टियूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन श्रीमती सुरीना राजन ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किये एवं बताया कि महिला होने का मतलब यह कतइ नहीं कि हमें बेहतर अधिकार नहीं हैं। महिलाओं को हर प्रकार के अधिकार मिले हैं, इनका बेहतर कार्यों में प्रयोग करें एवं बेहतर जीवन की कल्पना करें।
विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नहेरू ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया एवं बताया कि जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की सोच रखना चाहिए। आज के समय हर क्षेत्र में लड़कियां बेहतर कार्य कर रही हैं। ट्रेन चलाने से लेकर ट्रक चलाने का कार्य लड़कियां कर रही हैं। जब हम सफर पर जाते हैं, टोल गेट से लेकर पैट्रोल पंप पर तेल भरने का कार्य लड़कियां बखूबी निभा रही हैं। फिर जहन में यह सोचना यह लड़का है या लड़की गलत है। हमें इस प्रकार की धारणाओं को दूर करना चाहिए एवं किसी प्रकार का फर्क करना गलत है। उन्होंने कहा कि हर रोज ही महिला दिवस है, सबको साथ मिलकर कार्य करना चाहिए, जिससे समाज के साथ राष्ट्र की तरक्की होती है।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. ऋतु बजाज ने इस दौरान सभी का धन्यवाद किया एवं कहा कि महिलाओं की हर कार्य में भाग्यदारी हमें बताती है कि हर तरफ महिलाएं बेहतर कार्य कर रही हैं। डीन एकेडमिक एफेयर्स प्रो. आरएस राठौर ने कहा कि घर एवं समाज को बेहतर बनाने में महिलाओं का अह्म योगदान होता है, हम सबको साथ मिलकर बेहतरी के लिये कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम की सयोजक प्रो. ज्योति राणा ने इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नेहरू एवं गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया एवं होनहार विद्यार्थियां को उनकी कलाओं के लिये सम्मानित किया गया।
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