जयपुर 3 करोड़ रूपयो की नशीली दवाईयो के साथ मुख्य सरगना को किया गिरफ्तार


नशीली दवाईयों के कारोबार के मुख्य सरगना को किया गिरफ्तार ।
कोटपूतली। स्थानीय थाना पुलिस ने शाहपुरा व कोटपूतली क्षेत्र में नषीली दवाईयों के कारोबार के मुख्य सरगना को जयपुर से गिरफ्तार किया। पुलिस थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि पुलिस उच्च अधिकारियों के निर्देष पर 04 मार्च को पांच अलग-अलग स्थानों पर कार्यवाही करते हुए लगभग 3 करोड़ रूपये की नशीली दवाईयां बरामद कर मामला दर्ज कर डीएसपी शाहपुरा नेहा अग्रवाल, थाना अधिकारी कोटपूतली नरेन्द्र कुमार, थानाधिकारी सरूण्ड सुभाष चन्द को सौंपा गया था। इस पर उक्त टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए नशीली दवाईयों के कारोबार के मुख्य सरगना विनोद कुमार सांगतानी उम्र 52 वर्ष पुत्र बलदेव कुमार सांगतानी निवासी व्यास मार्ग मालपुरा जिला टोंक हाल आबाद मानसरोवर कॉलोनी अग्रवाल फॉर्म के पीछे षिप्रा पथ जयपुर को गिरफ्तार किया। थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि आरोपी विनोद कुमार सांगतानी पूर्व में चीन में एलईडी लाईट के कमीषन एजेंट के रूप में कार्य करता था। वर्ष 2017 में पत्नी से तलाक के बाद जयपुर आ गया एवं अपने रिष्तेदार की मेडिकल की दुकान पर काम करते हुए मेडिसिन की जानकारी प्राप्त की एवं स्वयं के नाम की फर्म एसएसटी फार्मा खोलकर नशीले कारोबार में लग गया। उक्त फर्म में ज्यादा ट्रांजेक्षन होने से औषधी विभाग की नजरों से बचने के लिए दो अन्य फर्जी फर्म खोल दी। उक्त फर्मो के नाम पर ड्रग्स उत्पादक, कम्पनीयो से दवाईयां मंगवाकर आगे फर्जी फर्म के नाम बिल जारी कर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से लोकल डीलर बजरंग लाल निवासी कोटपूतली को सप्लाई करता था। लोकल डीलर स्वयं हाईवे पर मेडिकल शॉप रघुनाथपुरा पर ट्रक ड्राईवरो को नषीली दवाईयां बेचता था तथा आसपास के क्षेत्र शाहपुरा, भाबरू, आंतेला, विराटनगर, बहरोड़, किषनगढ़बास, भिवाड़ी आदि क्षेत्रों में सप्लाई करता था। उन्होंने बताया कि मुख्य सप्लायर विनोद कुमार संगतानी बेहद चालाक प्रवृति का आदमी है जो अपने डीलर से व्हॉट्सअप कॉल से ही बात करता था। लोकल डीलर को उसका नाम पता कुछ भी मालुम नहीं था। थाना प्रभारी ने बताया कि अनुसंधान के दौरान आरोपी बजरंग लाल से एक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा कोटपूतली में नगद राषी जमा कराने की पर्ची पर मिले खाता नम्बर के आधार पर कार्यवाही करते हुए पुलिस मुख्य आरोपी तक पहंुची। उन्होंने बताया कि आरोपी से किन-किन व्यक्तियों को नषीली दवाई सप्लाई की जाती थी। उनके नाम व गोदाम आदि की जानकारी की जायेगी। थाना प्रभारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेषन जारी कर ट्रेमाडोल साल्ट से युक्त दवाईयो की मात्रा को निर्धारित करते हुए खुले बेचान पर प्रतिबंध लगा दिया था। उक्त दवाईयां नषे के रूप में युवाओं एवं ट्रक ड्राईवरों द्वारा उपयोग में ली जाने पर ज्यादा खपत एवं मुनाफे का सौदा होने से मेडिकल स्टोर की आड़ में हाईवे पर बेचान किया जा रहा है। पुछताछ के दौरान पाया गया कि 01 कार्टुन टेमाडोल पर 70 से 80 हजार रूपये का मुनाफा विक्रेता को मिलता था।

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