चण्डीगढ़ :भूपेंद्र हुड्डा ने बिछाई दीपेंद्र को राज्यसभा भेजने की बिसात, आलाकमान ने दिए थे विकल्प
हरियाणा में राज्यसभा की सीटों के लिए चल रही लॅाबिंग में दीपेंद्र को राज्यसभा भेजने की बिसात पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बिछाई। बिना किसी को हवा लगे विधायकों के माध्यम से यह बात आलाकमान पर पहुंचाई गई कि दीपेंद्र को राज्यसभा भेजा जाएगा तो चुनाव निर्विरोध होगा। आलाकमान ने दीपेंद्र को फोन कर बुलाया और उनसे पूछा कि प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहेंगे या राज्यसभा में एंट्री। दीपेंद्र ने यह कहा कि विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। ऐसे में वे किस तरह से प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। जिसके बाद सारी बात बड़े हुड्डा पर छोड़ दी गई।
इस सीट से कुमारी सैलजा नामांकन भरना चाह रही थीं, लेकिन आलाकमान को यह समझाया गया कि सैलजा के नामांकन पर विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं और दीपेंद्र को नामांकन पर ऐसा नहीं होगा। बात यहां तक पहुंची कि दीपेंद्र का चुनाव निर्विरोध होगा जिसके बाद नामांकन भरने के तैयारी हुई। जिसके बाद दीपेंद्र सैलजा के घर गए और उन्हें नामांकन में आने के लिए आमंत्रित किया। सैलजा भले ही नामांकन में विरोध के चलते नहीं पहुंची, लेकिन उनके समर्थक सभी विधायक नामांकन के लिए पहुंचे थे। जिन्हें देखते ही हुडडा के चेहरे पर विजयी मुस्कान आई।
सुबह दीपेंद्र हुड्डा ने नामांकन भरने से पहले गाड़ी से ही प्रियंका गांधी से बात की। जिसके बाद प्रियंका ने उन्हें घर बुला लिया। यहां चाय के दौरान दीपेंद्र ने अपनी रणनीति बताई और टिकट के लिए धन्यवाद किया। जिसके बाद वे नामांकन के लिए चंडीगढ़ पहुंचे हैं। नामांकन का समय 12:30 बजे का था। कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र चिरंजीव रास्ते में लेट हो गए। जिसके बाद नामांकन का समय आगे बढ़ाकर 1:30 किया गया। जब सभी विधायक पहुंच गए तब करीब दो बजे नामांकन किया गया।
दीपेंद्र का लोकसभा भी लड़ना तय
दीपेंद्र का राज्यसभा में जाने का मतलब यह नहीं कि 2024 का लोकसभा चुनाव दीपेंद्र नहीं लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव भी दीपेंद्र हुड्डा लड़ेंगे। राज्यसभा में जाने के बाद प्रदेश के दौरों का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। जिसके तहत पिता पुत्र कांग्रेस को हरियाणा में मजबूत करने का काम करेंगे।
हरियाणा में राज्यसभा की सीटों के लिए चल रही लॅाबिंग में दीपेंद्र को राज्यसभा भेजने की बिसात पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बिछाई। बिना किसी को हवा लगे विधायकों के माध्यम से यह बात आलाकमान पर पहुंचाई गई कि दीपेंद्र को राज्यसभा भेजा जाएगा तो चुनाव निर्विरोध होगा। आलाकमान ने दीपेंद्र को फोन कर बुलाया और उनसे पूछा कि प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहेंगे या राज्यसभा में एंट्री। दीपेंद्र ने यह कहा कि विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। ऐसे में वे किस तरह से प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। जिसके बाद सारी बात बड़े हुड्डा पर छोड़ दी गई।
इस सीट से कुमारी सैलजा नामांकन भरना चाह रही थीं, लेकिन आलाकमान को यह समझाया गया कि सैलजा के नामांकन पर विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं और दीपेंद्र को नामांकन पर ऐसा नहीं होगा। बात यहां तक पहुंची कि दीपेंद्र का चुनाव निर्विरोध होगा जिसके बाद नामांकन भरने के तैयारी हुई। जिसके बाद दीपेंद्र सैलजा के घर गए और उन्हें नामांकन में आने के लिए आमंत्रित किया। सैलजा भले ही नामांकन में विरोध के चलते नहीं पहुंची, लेकिन उनके समर्थक सभी विधायक नामांकन के लिए पहुंचे थे। जिन्हें देखते ही हुडडा के चेहरे पर विजयी मुस्कान आई।
सुबह दीपेंद्र हुड्डा ने नामांकन भरने से पहले गाड़ी से ही प्रियंका गांधी से बात की। जिसके बाद प्रियंका ने उन्हें घर बुला लिया। यहां चाय के दौरान दीपेंद्र ने अपनी रणनीति बताई और टिकट के लिए धन्यवाद किया। जिसके बाद वे नामांकन के लिए चंडीगढ़ पहुंचे हैं। नामांकन का समय 12:30 बजे का था। कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र चिरंजीव रास्ते में लेट हो गए। जिसके बाद नामांकन का समय आगे बढ़ाकर 1:30 किया गया। जब सभी विधायक पहुंच गए तब करीब दो बजे नामांकन किया गया।
दीपेंद्र का लोकसभा भी लड़ना तय
दीपेंद्र का राज्यसभा में जाने का मतलब यह नहीं कि 2024 का लोकसभा चुनाव दीपेंद्र नहीं लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव भी दीपेंद्र हुड्डा लड़ेंगे। राज्यसभा में जाने के बाद प्रदेश के दौरों का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। जिसके तहत पिता पुत्र कांग्रेस को हरियाणा में मजबूत करने का काम करेंगे।
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