नई दिल्ली: कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी का दामन आज दिल्ली में थाम लिया है । भाजपा में सिंधिया को शामिल करने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'आज हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि सिंधिया जी आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. मैं सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से उनका स्वागत करता हूं
दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुये
| ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भाजपा में शामिल हो गए। सिंधिया ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली। इस अवसर पर जेपी नड्डा ने कहा, ‘आज हम सबके लिए बहुत खुशी का विषय है और आज मैं हमारी वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधिया जी को याद कर रहा हूं। भारतीय जनसंघ और भाजपा दोनों पार्टी की स्थापना और स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है।’
मध्य प्रदेश के सियासी हलके में मंगलवार सुबह से ही चर्चा थी कि अपने पिता माधव राव सिंधिया की 75वीं जन्मतिथि पर ज्योतिरादित्य कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। दोपहर बाद सिंधिया ने किया भी कुछ ऐसा ही। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से नाराज चल रहे सिंधिया सूबे में सरकार बनने के बाद से ही अपनी उपेक्षा से आहत थे।
सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सिंधिया को निष्कासित किया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।
सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अब तक 22 कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘इसमें चिंता की बात नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे ।
आपको बतादे की होली के दिन ज्योतिरादित्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। ज्ञात रहे कि कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत कुल 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के तुरंत बाद ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है. मंगलवार को भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में निर्दलीय समेत कुल 94 विधायक ही शामिल हुए थे । सिंधिया समर्थक विधायक बनेंगे मध्य प्रदेश में मंत्री । मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत है. क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या 230 से घटकर 206 ही रह गई है. आपको बता दें कि 2 विधायकों की सीटें उनके देहांत के बाद खाली हैं जहां उपचुनाव होने हैं. सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है. शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो सकती है.
भाजपा ने अपने विधायकों को भोपाल से बाहर भेजा
इस बीच भाजपा ने अपने 106 विधायकों को भोपाल से हरियाणा के मानेसर भेज दिया है. सिंधिया समर्थक 19 विधायकों को भी बेंगलुरु से दिल्ली लाए जाने की संभावना है. जहां से फ्लोर टेस्ट के लिए उनको भोपाल लाया जा सकता है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 26 मार्च को तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने भी अपने बचे हुए सभी विधायकों को मध्य प्रदेश से बाहर जयपुर भेज दिया है ।
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