गुरूग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम में भूख से परेशान होकर एक प्रवासी मजदूर ने फांसी लगा ली। बता दें यह प्रवासी मजदूर बिहार का रहने वाला था और गुरुग्राम में अपने परिवार के साथ डीएलएफ फेज-5 के पीछे सरस्वती कुंज में बनी झुग्गियों में रहता था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वह गुरुग्राम में पेंटिंग करता था मगर लॉकडाउन की वजह से पिछले कुछ दिनों से मजदूर को काम नहीं मिल रहा था, उसके बाद हालात यह हो गए थे कि मजदूर को राशन लाने तक के लिए भी पैसे नहीं थे। मजदूर का नाम छबु मंडल था। पिछले कुछ दिनों से मंडल सरकारी खाने के भरोसे पर अपना और परिवार का पेट भर रहा था। मगर बुधवार से परिवार की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्होंने खाना नहीं खाया था इसके बाद गुरुवार सुबह छबु ने अपना फोन 2500 में बेच दिया और जिसके बदले में मिले 2500 रुपए से छगन घर वालों के लिए राशन लाए और उसी दिन शाम को ही छबु ने घर के पीछे जाकर फांसी लगा ली।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वह गुरुग्राम में पेंटिंग करता था मगर लॉकडाउन की वजह से पिछले कुछ दिनों से मजदूर को काम नहीं मिल रहा था, उसके बाद हालात यह हो गए थे कि मजदूर को राशन लाने तक के लिए भी पैसे नहीं थे। मजदूर का नाम छबु मंडल था। पिछले कुछ दिनों से मंडल सरकारी खाने के भरोसे पर अपना और परिवार का पेट भर रहा था। मगर बुधवार से परिवार की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्होंने खाना नहीं खाया था इसके बाद गुरुवार सुबह छबु ने अपना फोन 2500 में बेच दिया और जिसके बदले में मिले 2500 रुपए से छगन घर वालों के लिए राशन लाए और उसी दिन शाम को ही छबु ने घर के पीछे जाकर फांसी लगा ली।
मृतक की पत्नी पूनम ने कहा कि लाॅकडाउन शुरू होने के बाद से ही वह बहुत परेशान था। हम भोजन पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। न काम था और न पैसा। हम पूरी तरह से मुफ्त भोजन पर निर्भर थे, लेकिन ये भी हर दिन नहीं आता था।
फोटो साभार:हरिओम
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