राधा रानी जी को किशोरिजु क्यों कहा जाता है
एक समय की बात है जब श्रीराधा रानी ऋषि अष्टावक्र से मिलीं तो श्रीराधा रानी के मुख पर एक मुस्कान थी। उसको देखते हुए ऋषि अष्टावक्र को लगा कि मेरे कुरूप को देखते हुए श्रीराधा रानी हंस रही हैं।
तो क्रोधित होकऱ श्राप देने वाले ही थे तभी अचानक ही श्रीकृष्ण ने उन्हें रोका कि श्रीराधा रानी किस वजह से मुस्कुरा रही हैं इसका सच तो जान लीजिए ऋषिवर...
तब ऋषि अष्टावक्र रुके और उन्होंने कहा कि बताओ श्रीराधा रानी तुम क्यों मुस्कुरा रही हो ?
इस पर श्रीराधा रानी ने सुमधुर वाणी से कहा....
हे ऋषिवर!
मैं आपकी अंतरात्मा को देखकर मुस्कुरा रही हूं, आपके अंदर छिपे परम ज्ञान को देख कर मुस्कुरा रही हूँ। मुझे आपके शरीर को देखकर हंसी नहीं आई है,
आपके ज्ञान और परमात्मा होने के कारण खुशी का अनुभव हुआ था, इसलिए मेरे मुख पर हंसी थी। इतना सुनते ही ऋषि प्रसन्न हो गए और उन्होंने श्रीराधा रानी को वरदान दिया कि है श्रीराधा रानी तुम हमेशा यौवन अवस्था में ही रहोगी। सोलह वर्ष की ही रहोगी।
तुम्हें बुढ़ापा कदापि नहीं छू पायेगा। इसलिए तुम्हें संसार में "किशोरी जू" के नाम से भी जाना जाएगा....
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