पहल: मृत्युभोज बन्द करने को तैयार मण्डावर गांव, लॉक डाउन में नही किये मृत्युभोज

-मृत्युभोज बन्द करने को तैयार मण्डावर गांव, लॉक डाउन में नही किये मृत्युभोज

-मृत्युभोज बंद करने की मुहिम में जनवरी से जुड़ा है मण्डावर , लॉक डाउन की वजह से मिल रहा है फायदा

-प्यारी रावत ने सरपंच चुनाव जीतने के दिन पहली घोषणा की मृत्युभोज बन्द की

वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र वैष्णव की स्पेशल रिपोर्ट:

ग्राम पंचायत मंडावर की सरपंच प्यारी रावत के नेतृत्व में शराबबंदी का अभियान चलाया गया और इसमें काफी हद तक सफलता मिली।  गांव में सरकारी ठेका बंद हुआ । शराब के प्रचलन में भारी गिरावट आई तथा सामाजिक रीति-रिवाजों में शराब के प्रचलन में कमी देखी गई । वहीं गांव में शराब की वजह से परेशान महिलाओं को काफी राहत मिली है।   मण्डावर सरपंच प्यारी रावत के द्वारा एक से बढ़कर एक नवा चारों के बाद जनवरी में हुए सरपंच चुनाव में मृत्यु भोज को मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा।

सरपंच चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले मृत्यु भोज बंद करने की घोषणा की गई। ग्रामीणों ने इस पर विचार विमर्श व चिंतन करना शुरू किया। मृत्युभोज एक सामाजिक कुरीति के रूप में उभर के सामने आया था । इसे समाप्त करने के लिए जनवरी से ही प्रयास शुरू कर दिए थे परंतु  एकाएक पूर्ण सफलता नहीं मिल पाई थी। पिछले दो महीने से लॉक डाउन में ग्राम पंचायत मण्डावर के तीन- चार लोगों की मृत्यु हो गई ।

सरपंच प्यारी रावत की समझाइए,  सोशल डिस्टेंसिंग, कोरोना लॉक डाउन एडवाजरी की पालना के चलते  तीये की बैठक, बारहवां व धूप का आयोजन तो किया गया परंतु मृत्युभोज नहीं किया गया। सरपंच प्यारी रावत ने स्थाई रूप से मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है ।  ग्रामीणों से समझाइश कर इसे  अमलीजामा पहनाने के लिए कमर कस ली है।

सरपंच का कहना है जब दो माह में किसी की मृत्यु पर मृत्यु भोज आयोजित नहीं किया गया तो इसे सदा सदा के लिए ही बंद कर देना चाहिए । ग्रामीण इस पर अपने तर्क -वितर्क पेश कर रहे हैं पर सरपंच पूर्णतया  आश्वस्त है की पूर्ण शराबबंदी के बाद पूर्ण मृत्युभोज की बंदी भी मण्डावर में लगा दी जाएगी। इसे तो स्वयंसेवी संस्थाएं युवा मंडल के सदस्य भी काफी सक्रिय देख रहे हैं । सोशल मीडिया के माध्यम से ललित किशोर  सिंह  ने इसे अनवरत प्रसारित कर युवाओं में जागृति संदेश प्रसारित किया है।  जिससे सोशल मीडिया के साथ-साथ गांव में इसकी चर्चा आम है।

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