सुजीत स्वामी की मेहनत रंग लाई आईआईटी एनआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में खुलेंगे अब केंद्रीय विद्यालय

सुजीत स्वामी ने लगायी थी दिल्ली उच्च न्यायलय में जनहित याचिका और की थी आई आई टी में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग


मंडी IIT के लिए गर्व की बात है आई आई टी मंडी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने आई आई टी मंडी के कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए जो वर्ष 2018 में लड़ाई शुरू की उसकी वजह से अब पूरे देश के आई आई टी, एन आई टी एवं सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केंद्रीय विद्यालय खोले जायेंगे, सुजीत के इस काम से पूरे देश मे उनका नाम कर दिया है।

मंडी IIT के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायलय में जनहित याचिका लगाकर आई आई टी मंडी के साथ देश के समस्त आई आई टी में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की थी जिसके फलस्वरूप अब कोरोना महामारी के बीच मानव विकास संसाधन मंत्रालय के यहाँ से एक अच्छी खबर आयी है की मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गत वर्ष की 18 दिसम्बर को 16 विभिन्न IIT जिनमे पहले से केंद्रीय विद्यालय मौजूद नहीं है, को अपने कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए सभी जरुरति स्वीकृति लेने के बाद प्रपोजल बनाकर जल्द केंद्रीय विद्यालय संगठन को सौंपने का कहा है । 
जिन 16 आई आई टी को यह पत्र लिखा गया उनमे से कुछ पुरानी आई आई टी भी है .रूरकी, गांधीनगर,हैदराबाद,इंदौर,पटना,रोपड़, मंडी,भुबनेश्वर, BHU, ISM धनबाद, तिरुपति,जम्मू,गोवा , भिलाई , पलक्कड़ एवं धारवाड़ है। । इसी के साथ सभी NIT & Central यूनिवर्सिटी जिनमे भि केन्दिर्य विद्यालय नहीं है उनमे भी केंद्रीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है।

सूचना अधिकार के तहत मांगी थी जानकारी
आई आई टी मंडी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने यह जानकारी सुचना के अधिकार के तहत फरवरी- मार्च माह में मंत्रालय से मांगी थी. स्वामी ने मंत्रालय में सुचना के अधिकार के तहत दायर RTI एप्लीकेशन में 2 सूचना पूछी थी ”
1. दिल्ली उच्च न्यायायल के आई आई टी कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने के सम्बन्ध में मंत्रालय के सर्कुलर की अनुपालना आदेश पर मंत्रालय ने क्या संज्ञान लिया ?
2. उच्च न्यायलय के आदेश की अनुपालना करने के लिए आई आई टी संस्थानों को लिखे गए पत्र की कॉपी उपलब्ध करवाए ।
जिसके उत्तर में मंत्रालय ने 20 मार्च को बताया की “सरकार ने पहले ही सभी संबंधित आई आई टी को अपने कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए प्रपोसल केंद्रीय विद्यालय संगठन को जमा करने के लिए लिख दिया” । 18 दिसम्बर 2019 को सभी 16 आई आई टी को अंडर सेक्रेटरी गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है की सभी आई आई टी को केंद्रीय विद्यालय के कमिश्नर के पत्र के साथ कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए परफॉर्म भेजा जा रहा है जिसे आई आई टी को जल्द से सभी जरुरति स्वीकृति लेने के बाद भरकर केंद्रीय विद्यालय संघठन को जमा करना है ।
कुल 23 आई आई टी में से 16 को पत्र लिख कर केन्द्र्य विद्यालय खोलने के लिए प्रपोसल जल्द से जल्द जमा करवाने के लिए कहा गया है जबकि सात अन्य आई आई टी में पहले से केंद्रीय विद्यालय मौजूद है । इस के अलावा दूसरी RTI के उत्तर में 29 अप्रैल को नोटशीट की कॉपी उपलब्ध करवाई जिसमे बताया गया है की समस्त NIT एवं सेंट्रल यूनिवर्सिटी जिनमे भी केंद्रीय विद्यालय नहीं है उनमे भी केंद्रीय विद्यालय खोले जाने है
मालूम हो सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं आई आई टी मंडी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी एवं आई आई टी गुवाहाटी के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बृजेश राइ ने 16 सितम्बर 2019 को दिली उच्च न्यायलय में यूनियन ऑफ़ इंडिया, मानव संसाधन विकास मंत्रालय,आई आई टी कौंसिल समेत आठ आई आई टी को पार्टी बनाकर कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खोलने एवं निजी स्कूल बंद करने के लिए जनहित याचिका लगायी थी जिसकी 13 नवम्बर 2019 को सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायलय ने सुजीत के पक्ष में फैसला दिया था और सरकार को अनुपालना करने के लिए आदेश दिया था । याचिका में बताया गया था की मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 28 जुलाई 2016 को एक सर्कुलर जारी करके सभी आई आई टी के निर्देशकों को निर्देश दिया था की “मौजूदा भारत सरकार की नीतियों के तहत आई आई टी कैंपस में किसी भी तरह के निजी या PPP मॉडल स्कूल नहीं चलाये जा सकते, यदि स्कूल चलाये जा रहे है तो उनको बंद कर दिया जाये एवं कैंपस में फैकल्टी & स्टाफ के बच्चो के लिए केंद्रीय विद्यालय खोले जाये” उक्त सर्कुलर की पालना नहीं हो रही है जिस वजह से फैकल्टी एवं स्टाफ के बच्चो को महँगी शिक्षा लेनी पड़ रही है ।

सस्ती एवं उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी
सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं याचिकाकर्ता सुजीत स्वामी, मंत्रालय के इस पत्र पर ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया की “कोर्ट के आर्डर के बाद मंत्रालय को यह कदम उठाना पड़ा ,सभी IITs, NITs, CUs में केंद्रीय विद्यालय खुलेगा एवं एक जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा का अधिकार सबको प्राप्त होगा,रोजगार के नए अवसर आएंगे, सरकारी धन का दुरूपयोग अब बचेगा,आई आई टी में काम करने वाले छोटे एजेन्सी के कर्मचारी एवं आस पास रहने वाले लोग भी अपने बच्चो को उच्च स्तरीय शिक्षा कम दामों पर दिला सकेंगे हालाँकि निजी स्कूल जो की गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया की पालिसी के खिलाफ है उनको बंद करने के संबंध में मंत्रालय ने आई आई टी संस्थानों को पत्र नहीं लिखा है इसके लिए मंत्रालय को लीगल नोटिस भेजकर जवाब माँगा जायेगा यदि उस पर अनुपालना नहीं होती है तो कोर्ट की अवमानना का केस दिल्ली उच्च न्यायलय में जल्द दायर किया जायेगा ।“
सुजीत स्वामी आई आई टी मंडी के पूर्व कर्मचारी है जिन्हे आई आई टी का गोलमाल उजागर करने के बाद कंडक्ट इन्क्वारी करके टर्मिनेट कर दिया गया था, सुजीत 2018 से आई आई टी कैंपस में केंद्रीय विद्यालय खुलवाने की लड़ाई लड़ रहे थे।

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