तीर्थयात्रियों पर निर्भर ब्रजवासियों को राहत प्रदान करे सरकार:आचार्य आनन्दवल्लभ गोस्वामी

तीर्थयात्रियों पर निर्भर ब्रजवासियों को राहत प्रदान करे सरकार

वृन्दावन। ब्राह्मण सेवा संघ की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में ब्रज अधिकार संरक्षण समिति द्वारा ब्रजवासियों के हित में चलाये जा रहे अभियान का पूर्ण समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा घोषित बीस लाख करोड़ के राहत पैकेज में से ब्रज मण्डल के लिए भी राहत अंश की मांग की गई।

अध्यक्ष आचार्य आनन्दवल्लभ गोस्वामी का कहना है की ब्रज मण्डल के लगभग 90 प्रतिशत ब्रजवासियों का जीवन यापन तीर्थयात्रियों पर ही निर्भर है। यहां के मंदिरों के सेवायत, तीर्थ पुरोहित पण्डा समाज, कथाव्यास, रासलीला मण्डल, संगीतकार, वीडियो फोटोग्राफर, साउंड सर्विस, स्टेज डेकोरेटर्स, कर्मकांडी ब्राह्मण, माली समाज, निषाद समाज और मुकुट पोशाक आदि के छोटे व्यापारी सहित सभी का रोजगार तीर्थयात्रियों के आवागमन पर ही निर्भर रहता है।

कोरोना आपदाकाल में पिछले 2 माह से तो तीर्थयात्रियों का आना बन्द है ही, लॉकडाऊन खुलने के बाद भी लम्बे समय तक धार्मिक गतिविधियां सुचारू होना सम्भव नहीं लगरहा।

ऐसे में सरकार को ब्रजवासियों की खुलकर सहायता करनी चाहिये।

संस्थापक पण्डित चंद्रलालशर्मा ने कहा कि सम्पूर्ण ब्रजमण्डल के पिछले 2 माह से आगे लोकडाउन पूर्णतः खुलने तक व्यावसायिक और घरेलू बिजली बिल माफ करके सरकार को राहत प्रदान करनी चाहिये।

संयोजक प. सत्यभानशर्मा ने कहा कि यहां के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की 2 माह की फीस एवं वार्षिक शुल्क में भी राहत मिलना आवश्यक है।

महासचिव प. जगदीश नीलम ने कहा कि आकाश वृत्ति पर निर्भर ब्रजवासियों को अन्य रोजगारों की ओर आकर्षित करने के लिये बैंक द्वारा ब्याजमुक्त ऋण दिलाकर सरकार इनके जीवनयापन को पुनः सुचारू कर सकती है।

कोषाध्यक्ष प. जयप्रकाश सारस्वत ने कहा कि यहाँ के ब्रजवासी सदैव सरकार को विभिन्न प्रकार के कर देते रहे हैं तथा राजस्व प्रदान करने में भी ब्रज सदा अग्रणी रहा है ऐसे में इस आपत्तिकाल में सरकार को भी ब्रजवासियों के साथ खड़े होकर अपनी जिम्मेदार भूमिका का निर्वाह करना चाहिये।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में श्रीचंद्रप्रकाश द्विवेदी, श्रीविमल चैतन्य ब्रह्मचारी, श्री राम जीवन शर्मा, डॉ मनोज मोहन शास्त्री, श्रीराम मुद्गल शास्त्री, श्रीरमेशचंद्र विधिशास्त्रीजी, श्रीहरि कौशल शास्त्री, श्रीशम्भूचरन पाठक, श्रीसतीशचन्द्र पारासर आदि सम्मिलित रहे।

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