स्मार्ट एंबुलेंस: ट्रैफिक सिग्नल की रेंज में आते ही रेड को ग्रीन में बदलेगी डिवाइस


वाराणसी। वाराणसी के पहड़िया स्थित अशोका इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्मार्ट एंबुलेंस का एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे कि सड़क पर एंबुलेंस के चलने के बाद अगर ट्रैफिक सिग्नल रेड है तो वह आटोमेटिक ग्रीन हो जाएगा और एंबुलेंस को अस्पताल पहुंचने में कोई देरी नहीं होगी। महानगरों में एंबुलेंस अक्सर ट्रैफिक जाम की समस्या जूझना पड़ता है। कभी-कभी समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण मरीज की जान पर भी बन आती है, इसस समस्या से यह स्मार्ट एंबुलेंस का मॉडल कारगर सिद्ध होगा। इसे अशोक इंस्टीट्यूट के तीन छात्रों ने महज 1000 रुपए में खिलौनों से स्मार्ट एंबुलेंस डिवाइस बनाया है। अशोका इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले तुषार तिवारी, आशीष मौर्या व सौरभ कुशवाहा मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्ट्रीम के फोर्थ ईयर के छात्र हैं। इन्होेंने यह डिवाइस 12 से 15 दिन में तैयार की है। छात्रों ने बताया कि स्मार्ट एम्बुलेंस डिवाइस रेड सिग्नल होने पर इमरजेंसी में ट्रैफिक के रेड सिग्नल को आटोमैटिक ग्रीन कर देता है, इससे एंबुलेंस समय रहते मरीज को लेकर हॉस्पिटल पहुंच सकती है और मरीज की जान बचाया जा सकता है।
रेडियो फ्रीक्वेंसी और ट्रांसमीटर रिसीवर पर डिवाइस करती है काम
छात्रों के अनुसार, यह डिवाइस आरएफ यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी, ट्रांसमीटर रिसीवर के बेस पर काम करता है। ट्रांसमीटर को ट्रैफिक लाइट से कनेक्ट कर दिया जाता है और रिसीवर सर्किट को एम्बुलेंस में लगा दिया गया है। निर्धारित रेंज में आते ही एंबुलेंस में लगा रिसीवर ट्रैफिक सिग्नल में लगे ट्रांसमीटर को इमरजेंसी सिग्नल देता है, जिससे ट्रैफिक सिग्नल अगर रेड हो तो सिग्नल ग्रीन हो जाता है।

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